सोलन: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज सोलन दौरे पर खुम्भ अनुसंधान केंद्र का निरीक्षण किया. इस दौरान राज्यपाल ने मशरूम की किस्मों के बारे में जानकारी ली.
साथ ही बाजार में किस तरह से मशरूम को किसानों के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है और किसान किस तरह मशरूम से आमदनी कमा रहे हैं. इस बारे में खुम्ब अनुसंधान केंद्र निदेशक डॉक्टर बीपी शर्मा ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को जानकारी दी.
सिटी ऑफ मशरूम का खिताब हासिल करना हिमाचल के लिए बहुत बड़ी बात
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि उन्हें अनुसंधान केंद्र सोलन के लिए बहुत खुश हैं. हमारा देश कृषि प्रधान देश है और कृषि का भारतवर्ष में बहुत महत्व है. उन्होंने कहा कि खुम्भ अनुसंधान केंद्र सोलन भारत का एकमात्र केंद्र है जिसे मशरूम सिटी ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है.
खेती के साथ साथ व्यापार करने में भी लाभदायक है मशरूम
कृषि के क्षेत्र में बहुत ही उम्दा कार्य कर रहा है. राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में खुम्भ अनुसंधान केंद्र का होना बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि मशरूम न केवल आमदनी का साधन है, बल्कि मशरूम के जरिए एग्रो प्रॉसेस और छोटे-छोटे इंडस्ट्री के रूप में भी किसान अपनी आमदनी कमा सकते हैं. मशरूम न केवल दवाइयों के तौर पर बल्कि बिस्किट जैसे उत्पादों के रूप में भी बाजार में सामने आ रहा है.
प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार का कार्य सराहने योग्य
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार प्राकृतिक खेती में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कार्य कर रही है, उसके लिए मशरूम एक बहुत ही उम्दा कृषि का क्षेत्र है. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए सराहनीय योग्य है. उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती कर किसान अपनी आमदनी को दुगना कर सकते हैं.
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