सोलनः प्रशासन आपदा से निपटने के लिए हर बार बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन समय आने पर यह दावे फिसड्डी साबित होते हैं. सोलन शहर में कल बीचोंबीच एक आगजनी की घटना सामने आई, प्रशासन की पोल खुल गयी.
रविवार देर शाम सोलन के मालरोड़ की दुकानों में आगजनी की घटना सामने आने से अग्निशमन विभाग के हाइड्रेट में पानी ही नहीं आया. जिस वजह से समय रहते आग पर आग पर काबू नहीं पाया जा सका. गनीमत यह रही कि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लाखों रुपए का सामान जलकर राख हो गया.
अग्निशमन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
सोलन शहर के व्यापारियों का कहना है कि शहर आग के ढ़ेर पर है. प्रशासन समय-समय पर मॉकड्रिल का आयोजन करता है. अपनी तैयारियों का जायजा लेता है, लेकिन हकीकत में सब राख हो जाता है. ऐसा ही सोलन के मालरोड़ पर भी देखने को मिला. अग्निशमन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए व्यापार मंडल सोलन ने पुलिस में शिकायत करवाई है.
अग्निशमन विभाग की प्रणाली लचरः व्यापार मंडल
व्यापार मंडल के प्रधान कुशल जेठी ने कहा कि अग्निशमन विभाग की लचर प्रणाली से इतना बड़ा हादसा हुआ है. यदि समय रहते आग पर काबू पाया जाता, तो नुकसान को कम किया जा सकता था. उन्होंने कहा कि शहर भगवान भरोसे है. यदि प्रशासन और संबंधित विभाग की मॉकड्रिल हकीकत में भी सफल होती तो लाखों का नुकसान होने से बच सकता था.
ये भी पढ़ेंः गणतंत्र दिवस पर हिमाचल पुलिस के 1 अधिकारी को राष्ट्रपति पुलिस मेडल, 4 को मिलेगा पुलिस मेडल