सोलन: हिमाचल प्रदेश में दो दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं. इसके साथ ही देश में 10 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इस महीने का ड्रग अलर्ट जारी किया है.
बड़ी बात यह है कि कोरोना के दौर में हैंड सेनिटाइजर का सैंपल भी फेल हुआ है, जोकि ऊना के एक उद्योग में निर्मित हुआ है. इसके अलावा बीबीएन के दो उद्योगों में निर्मित दो दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. सीडीएससीओ ने देशभर से 646 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे, जिसमें से 636 दवाएं मानकों पर खरी उतरीं और 10 दवाएं सब स्टैंडर्ड पाई गईं, जिसमें हिमाचल की तीन दवाएं शामिल हैं.
इन उद्योगों के सैंपल हुए फेल
बता दें कि मैसर्ज वीनस बायोसाइंसिज प्राइवेट लिमिटेड एक्सपोर्ट प्रोमोशन इंडस्ट्रियल पार्क फेस-1 झाड़माजरी बद्दी की रैनिस-300 (रैंटीडिन-300 एमजी) का बैच नंबर वीएनटी-19ए02, मैसर्ज मेडिपोल फार्मास्यूटिकल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 1199/3 भुड्ड बद्दी की क्लोपीडोगरेल एंड एसप्रिन का बैच नंबर टीएसीबी-010 के सैंपल फेल हुए है.
इसके अलावा मैसर्ज कॉसवे फार्मास्यूटिकल प्लॉट नंबर 11सी इंडस्ट्रियल एरिया टाहलीवाल तहसील हरोली ऊना की इसोप्रोपाइल एल्कोहल कारबोपॉल ट्राईथेनोलैमाइन, ग्लीसरिन एवं क्लोरेहैक्सडीन डायग्लूकोनेट हैंड सेनिटाइजर (सेफ एंड क्लीन हैंड सेनिटाइजर) का बैच नंबर सी-02 फेल हुआ है.
फेल हुए सैंपलों के बैच मार्केट से हटाने के निर्देश
सहायक राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि सैंपल फेल होने वाले उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए हैं. वहीं, फेल हुए सैंपलों के बैच मार्केट से हटाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. वहीं, राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाहा ने कहा कि दवाओं के फेल होने में वातावरण का भी असर रहता है और बद्दी में जल्द ही ड्रग टेस्टिंग लैब खुल जाएगी. उन्होंने कहा कि ताजातरीन जारी हुए ड्रग अलर्ट के बाद दवा निरीक्षकों को इन पर कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
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