सोलन: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा से सबक लेने के लिए जहां सरकार अब ठोस नीति बनाने की तैयारी कर रही है. वहीं, छात्र भी अब आपदा से निपटने के लिए नए-नए प्रोजेक्ट बना रहे हैं. दरअसल, गर्ल्स स्कूल सोलन में मंगलवार को चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस आयोजित किया गया. जिसमें भाग लेने के लिए आए छात्रों ने हिमाचल प्रदेश की आपदा को कम करने के लिए प्रोजेक्ट बनाया है. इसी के साथ ग्रामीण सड़कों पर जो हादसे पेश आते हैं उनको कम करने के लिए भी प्लान तैयार किया गया है.
दरअसल, प्रतियोगिता में द गुड शेफर्ड स्कूल से आई प्रांजल शर्मा ने एक्सीडेंट प्रीवेंशन को कम करने को लेकर एक प्रोजेक्ट बनाया है, क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रों और गांव में जो रोड एक्सीडेंट होते हैं, उसके लिए प्रोजेक्ट के माध्यम से बल्ब,बजर और मिरर का इस्तेमाल रोड पर किया गया है, ताकि जब भी कभी एक्सीडेंट जैसे हालात बने तो इनके पॉइंट के माध्यम से उन दुर्घटनाओं को कम किया जा सके. प्रोजेक्ट के माध्यम से बताया गया है कि ओवर स्पीड गाड़ियां स्पीड ब्रेकर पर पहुंच कर यहां पर बीप साउंड करेगी, जिससे सामने से आने वाली गाड़ियां अलर्ट हो जाएगी, वहीं मिरर के माध्यम से भी दुर्घटनाओं पर विराम लगेगा, बल्ब भी बीप होंगे. इस प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए उपनिदेशक जगदीश नेगी ने कहा कि इसे आने वाले समय में वह भी प्रमोट करेंगे.
गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल गुगाघाट से आए मनीष भारद्वाज ने कन्वर्टिबल ब्रिज को लेकर अपना प्रोजेक्ट रखा. जिसमें नदियों को नुकसान न पहुंचा कर रेलवे और हाईवे को एक साथ बनाया गया है, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में नदी-नालों को जब छेड़ा जाता है, तो उसके ऊपर पुल बनाए जाते हैं, लेकिन इन पुलों के माध्यम से नदी नालों को नहीं छेड़ा जाएगा. मनीष भारद्वाज ने बताया कि हिमाचल में जिस तरह से आपदा आ रही है और आपदा का कारण नदी नालों को छेड़ना माना जा रहा है. यदि इन नदी को ना छेड़ कर इस तरीके से रेलवे के साथ मिलकर हाईवे को बनाया जाए तो विकास भी होगा और विनाश से भी बचा जा सकेगा.
बता दें कि मंगलवार को गर्ल्स स्कूल सोलन में चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस का आयोजन किया गया. जिसमें सबडिवीजन लेवल पर 60 स्कूलों के 470 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता के बाद बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागी जिला स्तर की प्रतियोगिता के लिए चयनित किए जाएंगे. कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि पहुंचे उपनिदेशक शिक्षा विभाग सोलन जगदीश नेगी ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता का आयोजन प्रतिभागियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को पैदा करना है. नेगी ने कहा कि साइंस के प्रति विज्ञान के प्रति छात्रों में जिज्ञासा और रुची बनी रहे और जो छात्र विज्ञान के क्षेत्र में भविष्य में कुछ करना चाहते हैं इस तरह की प्रतियोगिताएं छात्रों को आगे लाने के लिए बेहतर बनाती है उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से वैज्ञानिक दृष्टिकोण को जागृत करना इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य है.
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