सोलनः बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों ने राष्ट्रव्यापी धरने के दौरान आज दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी. सोलन में दूसरे दिन भी बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उसके बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बैंक कर्मचारियों ने कहा कि बैंकों के निजीकरण से देश बर्बाद हो जाएगा. वहीं निजीकरण के बाद लोगों का पैसा बैंकों में सुरक्षित नहीं रह पाएगा.
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अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं बैंक
उन्होंने कहा कि बैंक अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन सरकार इस रीढ़ को समाप्त कर पूंजीपतियों का सहयोग करना चाहती है. जिससे देश बर्बाद होने की कगार पर है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में 2 दिनों में 70 से 80 करोड़ रुपये के चेक का कार्य प्रभावित हुआ है.
सरकार पर अनदेखी के आरोप
सोलन बैंक यूनियन के संयोजक नन्दलाल परिहार ने बताया कि बैंकों के निजीकरण से बैंक कर्मियों को ही नुकसान नहीं होगा. बल्कि इससे जनता की कमाई भी बैंकों में सुरक्षित नहीं रहेगी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उन्होंने कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम किया है, लेकिन सरकार उनकी अनदेखी कर रही है.
बैंक कर्मियों ने किसानों के प्रदर्शन को ठहराया सही
वहीं बैंक कर्मियों ने किसानों के प्रदर्शन को भी जायज ठहराते हुए कहा कि किसान भी अपनी मांगों को लेकर कई महीनों से बैठे हैं. उन्होंने कहा कि अगर आगामी दिनों में सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आने वाले समय में भी विरोध जारी रहेगा.
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