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माल रोड सोलन पर चमकी ठोडा की कलाकृतियां, मेले के दौरान रहेंगी आकर्षण का केंद्र

गौर हो कि ठोडा खेल व नृत्य जिला सोलन, शिमला व सिरमौर का पारंपरिक नृत्य है. कुछ वर्ष पहले सभी मेलों में ठोडा खेल का आयोजन होता था और लोग इसका भरपूर आनंद उठाते थे. सोलन में यह खेल काफी प्रसिद्ध था और मेले के दौरान ठोडा खेलने के लिए दूर-दूर से टीमें यहां पहुंचती थी. इसी के नाम पर सोलन के ठोडो मैदान का नामकरण भी हुआ था.

मॉल रोड सोलन पर चमकी ठोडा की कलाकृतियां
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Published : Jun 18, 2019, 12:00 PM IST

सोलन: जिला के माल रोड पर लगी ठोडा की कलाकृतियां आखिरकार चमकना शुरू हो ही गई. लंबे समय से इन्हें आकर्षित बनाने की मांग की जा रही थी. इस पर 1 लाख रुपये की राशि खर्च की जा रही है. इसके अलावा शहर के मालरोड पर फैंसी लाईटों का भी जीर्णोंद्धार किया जा रहा है. इसी के साथ यह कलाकृतियां मेले के दौरान रात के समय आकर्षण का केंद्र भी रहेगी, क्योंकि इन पर अब नगर परिषद रंग-बिरंगी लाइटें भी लगाएगी.

गौर हो कि ठोडा खेल व नृत्य जिला सोलन, शिमला व सिरमौर का पारंपरिक नृत्य है. कुछ वर्ष पहले सभी मेलों में ठोडा खेल का आयोजन होता था और लोग इसका भरपूर आनंद उठाते थे. सोलन में यह खेल काफी प्रसिद्ध था और मेले के दौरान ठोडा खेलने के लिए दूर-दूर से टीमें यहां पहुंचती थी. इसी के नाम पर सोलन के ठोडो मैदान का नामकरण भी हुआ था. अब यह प्राचीन खेल लुप्त होता जा रहा है और कभी-कभार ही देखने को मिलता है. सोलन के राज्य स्तरीय मेले में हर बार 2-3 टीमें ठोडा की अब भी पहुंचती हैं और इस दौरान ठोडा नृत्य किया जाता है.

मॉल रोड सोलन पर चमकी ठोडा की कलाकृतियां

इस लुप्त हो रहे पारंपरिक खेल को बचाए रखने व इसकी एक झलक अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए कुछ वर्ष पहले सोलन के मालरोड पर गल्र्स स्कूल के पास खाली दीवार पर लाखों रुपये खर्च कर ठोडा कलाकृतियां बनाई गई थी. काफी समय तक यह कलाकृतियां बाहर से आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही, लेकिन धीरे-धीरे रख रखाव की कमी के कारण यह अपना अस्तित्व खोती जा रही थी और प्रशासन भी इस कोई ध्यान नहीं दे रहा था. कई जगहों से यह टूट चुकी थी, लेकिन अब नगर परिषद ने इसके जीर्णोंद्धार का बीड़ा उठाया है.

ठोडा एक प्रकार का तीरंदाजी का खेल है, जिसमें 2 टीमें शाठी और पाशी होती हैं. इसमें एक टीम के खिलाड़ी दूसरी टीम के खिलाड़ी पर बारी-बारी निशाना साधते हैं और विपक्षी खिलाड़ी अपने बचाव के लिए टांगें इधर-उधर हिलाता है. तीर लगने पर मजाकिया अंदाज में खिलाड़ी सभी का मनोरंजन करते हैं और धनुष के साथ नृत्य करते हैं. यह तीर टांगों पर ही चलाया जाता है और इसे खेलने के लिए विशेष पोशाक के साथ टांगों पर पट्टियां बांधी जाती हैं. अधिक निशाने लगने पर टीम को विजेता भी घोषित किया जाता है.

नगर परिषद सोलन के अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि मालरोड के सौंदर्यीकरण पर करीब 1 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं. मालरोड पर बनी ठोडा कलाकृतियों के जीर्णोंद्धार का कार्य शुरु कर दिया गया है. इसके अलावा खराब पड़ी फैंसी लाइटों को भी ठीक किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- ठियोग में शराब ठेके के अंदर मिला व्यक्ति का शव, पुलिस छानबीन में जुटी

सोलन: जिला के माल रोड पर लगी ठोडा की कलाकृतियां आखिरकार चमकना शुरू हो ही गई. लंबे समय से इन्हें आकर्षित बनाने की मांग की जा रही थी. इस पर 1 लाख रुपये की राशि खर्च की जा रही है. इसके अलावा शहर के मालरोड पर फैंसी लाईटों का भी जीर्णोंद्धार किया जा रहा है. इसी के साथ यह कलाकृतियां मेले के दौरान रात के समय आकर्षण का केंद्र भी रहेगी, क्योंकि इन पर अब नगर परिषद रंग-बिरंगी लाइटें भी लगाएगी.

गौर हो कि ठोडा खेल व नृत्य जिला सोलन, शिमला व सिरमौर का पारंपरिक नृत्य है. कुछ वर्ष पहले सभी मेलों में ठोडा खेल का आयोजन होता था और लोग इसका भरपूर आनंद उठाते थे. सोलन में यह खेल काफी प्रसिद्ध था और मेले के दौरान ठोडा खेलने के लिए दूर-दूर से टीमें यहां पहुंचती थी. इसी के नाम पर सोलन के ठोडो मैदान का नामकरण भी हुआ था. अब यह प्राचीन खेल लुप्त होता जा रहा है और कभी-कभार ही देखने को मिलता है. सोलन के राज्य स्तरीय मेले में हर बार 2-3 टीमें ठोडा की अब भी पहुंचती हैं और इस दौरान ठोडा नृत्य किया जाता है.

मॉल रोड सोलन पर चमकी ठोडा की कलाकृतियां

इस लुप्त हो रहे पारंपरिक खेल को बचाए रखने व इसकी एक झलक अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए कुछ वर्ष पहले सोलन के मालरोड पर गल्र्स स्कूल के पास खाली दीवार पर लाखों रुपये खर्च कर ठोडा कलाकृतियां बनाई गई थी. काफी समय तक यह कलाकृतियां बाहर से आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही, लेकिन धीरे-धीरे रख रखाव की कमी के कारण यह अपना अस्तित्व खोती जा रही थी और प्रशासन भी इस कोई ध्यान नहीं दे रहा था. कई जगहों से यह टूट चुकी थी, लेकिन अब नगर परिषद ने इसके जीर्णोंद्धार का बीड़ा उठाया है.

ठोडा एक प्रकार का तीरंदाजी का खेल है, जिसमें 2 टीमें शाठी और पाशी होती हैं. इसमें एक टीम के खिलाड़ी दूसरी टीम के खिलाड़ी पर बारी-बारी निशाना साधते हैं और विपक्षी खिलाड़ी अपने बचाव के लिए टांगें इधर-उधर हिलाता है. तीर लगने पर मजाकिया अंदाज में खिलाड़ी सभी का मनोरंजन करते हैं और धनुष के साथ नृत्य करते हैं. यह तीर टांगों पर ही चलाया जाता है और इसे खेलने के लिए विशेष पोशाक के साथ टांगों पर पट्टियां बांधी जाती हैं. अधिक निशाने लगने पर टीम को विजेता भी घोषित किया जाता है.

नगर परिषद सोलन के अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि मालरोड के सौंदर्यीकरण पर करीब 1 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं. मालरोड पर बनी ठोडा कलाकृतियों के जीर्णोंद्धार का कार्य शुरु कर दिया गया है. इसके अलावा खराब पड़ी फैंसी लाइटों को भी ठीक किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- ठियोग में शराब ठेके के अंदर मिला व्यक्ति का शव, पुलिस छानबीन में जुटी


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From: Ricky Yogesh <rickyyogesh000@gmail.com>
Date: Tue, Jun 18, 2019, 11:12 AM
Subject: MALL ROAD सोलन पर चमकी ठोडा की कलाकृतियां,मेले के दौरान रहेगी आकर्षण का केंद्र
To: <rajneeshkumar@etvbharat.com>


MALL ROAD सोलन पर चमकी ठोडा की कलाकृतियां,मेले के दौरान रहेगी आकर्षण का केंद्र


सोलन के माल रोड पर लगी ठोडा की कलाकृतियां आखिरकार चमकना शुरू हो ही गई। लंबे समय से इन्हें आकर्षित बनाने की मांग की जा रही थी।  इस पर 1 लाख रुपये की राशि खर्च की जा रही है। इसके अलावा शहर के मालरोड पर फैंसी लाईटों का भी जीर्णोंद्धार किया जा रहा है। इसी के साथ यह कलाकृतियां मेले के दौरान रात के समय आकर्षण का केंद्र भी रहेगी क्योंकि इन पर अब नगर परिषद रंग-बिरंगी लाइटें भी लगाएगी।

गौर हो कि ठोडा खेल व नृत्य जिला सोलन, शिमला व सिरमौर का पारंपरिक नृत्य है। कुछ वर्ष पहले सभी मेलों में ठोडा खेल का आयोजन होता था और लोग इसका भरपूर आनंद उठाते थे। सोलन में यह खेल काफी प्रसिद्ध था और मेले के दौरान ठोडा खेलने के लिए दूर-दूर से टीमें यहां पहुंचती थी। इसी के नाम पर सोलन के ठोडो मैदान का नामकरण भी हुआ था। अब यह प्राचीन खेल लुप्त होता जा रहा है और कभी-कभार ही देखने को मिलता है। सोलन के राज्य स्तरीय मेले में हर बार 2-3 टीमें ठोडा की अब भी पहुंचती हैं और इस दौरान ठोडा नृत्य किया जाता है।


इस लुप्त हो रहे पारंपरिक खेल को बचाए रखने व इसकी एक झलक अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए कुछ वर्ष पहले सोलन के मालरोड पर गल्र्स स्कूल के पास खाली दीवार पर लाखों रुपये खर्च कर ठोडा कलाकृतियां बनाई गई थी। काफी समय तक यह कलाकृतियां बाहर से आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही, लेकिन धीरे-धीरे रख रखाव की कमी के कारण यह अपना अस्तित्व खोती जा रही थी और प्रशासन भी इस कोई ध्यान नहीं दे रहा था। कई जगहों से यह टूट चुकी थी, लेकिन अब नगर परिषद ने इसके जीर्णोंद्धार का बीड़ा उठाया है।


ठोडा एक प्रकार का तीरंदाजी का खेल है, जिसमें 2 टीमें शाठी और पाशी होती हैं। इसमें एक टीम के खिलाड़ी दूसरी टीम के खिलाड़ी पर बारी-बारी निशाना साधते हैं और विपक्षी खिलाड़ी अपने बचाव के लिए टांगें इधर-उधर हिलाता है। तीर लगने पर मजाकिया अंदाज में खिलाड़ी सभी का मनोरंजन करते हैं और धनुश के साथ नृत्य करते हैं। यह तीर टांगों पर ही चलाया जाता है और इसे खेलने के लिए विशेष पोशाक के साथ टांगों पर पट्टियां बांधी जाती हैं। अधिक निशाने लगने पर टीम को विजेता भी घोषित किया जाता है।

मालरोड के सौंदर्यीकरण पर करीब 1 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। मालरोड पर बनी ठोडा कलाकृतियों के जीर्णोंद्धार का कार्य शुरु कर दिया गया है। इसके अलावा खराब पड़ी फैंसी लाइटों को भी ठीक किया जा रहा है।
देवेंद्र ठाकुर, अध्यक्ष, नगर परिषद, सोलन

शॉट:-माल रोड़ पर बनी ठोडा कलाकृतियां
शॉट:-सोलन बाजार फैंसी लाइट
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