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नहीं शुरू हो पाई 10वीं और 12वीं बोर्ड की नियमित कक्षाएं, स्कूल प्रबंधन गाइडलाइन का करते रहे इंतजार - शिक्षा विभाग हिमाचल न्यूज

सोमवार से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बोर्ड की दसवीं और बाहरवीं कक्षा के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं शुरू करने का प्रदेश सरकार फैसला ले चुकी थी. स्कूल प्रबंधन ने भी इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली थी, लेकिन शिक्षा विभाग की तरफ से किसी भी तरह की नोटिफिकेशन न आने से स्कूल में प्रिंसिपल बच्चों को नहीं बुला पाए.

10th and 12th board regular classes could not start in himachal
फोटो.
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Published : Oct 19, 2020, 3:04 PM IST

Updated : Oct 19, 2020, 3:17 PM IST

सोलन: आज से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बोर्ड की दसवीं और बाहरवीं कक्षा के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं शुरू करने का प्रदेश सरकार फैसला ले चुकी थी. स्कूल प्रबंधन ने भी इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली थी, लेकिन शिक्षा विभाग की तरफ से किसी भी तरह की नोटिफिकेशन न आने से स्कूल में प्रिंसिपल बच्चों को नहीं बुला पाए.

भले ही प्रदेश सरकार बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सारी जिम्मेदारी अभिभावकों पर छोड़ रही है, लेकिन अभिभावक भी अभी अपने बच्चों को भी स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं. सरकार द्वारा यह भी तय किया गया था कि छात्र अपने अभिभावकों के अनुमति से ही स्कूल में नियमित कक्षाएं लगाने के लिए आ सकेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए और केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी का पालन करते हुए छात्रों की नियमित कक्षाएं स्कूलों में लगाई जाएंगी.

वीडियो.

सरकार की ओर से बोर्ड की कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने का फैसला अभिभावकों के रुझान को देखते हुए लिया गया था, लेकिन जिस तरह से आज सरकार द्वारा नोटिफिकेशन नहीं की गई, जिस कारण बच्चे स्कूल ना आ सके उसे देखकर लगता है कि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं.

वह गर्ल्स स्कूल सोलन की प्रधानाचार्य अनीता कौशल का कहना है कि सरकार द्वारा जो भी गाइडलाइंस स्कूल प्रबंधन को दी जा रही है उसका स्कूल प्रबंधन द्वारा पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दसवीं और बारहवीं कक्षा खोलने का फेंसला ले चुकी थी, लेकिन विभाग की तरफ़ से कोई नोटिफिकेशन नही हुई है. जिस कारण बच्चे ऑनलाइन ही क्लासेज ले रहे हैं.

10th and 12th board regular classes could not start in himachal
फोटो.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार स्कूलों में बच्चों की नियमित कक्षाएं लगाने की नोटिफिकेशन देती है तो उसके लिए भी स्कूल प्रबंधन तैयार है उन्होंने कहा कि रोजाना स्कूल को सेनेटाइज किया जा रहा है, बच्चों के बैठने के लिए भी उचित प्रावधान किए गए हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो सके. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन का पूरा स्टाफ भी स्कूल आ रहा है. वही जो बच्चे किसी भी तरह की जानकारी के लिए स्कूल आना चाहते हैं वह आ सकते हैं लेकिन साथ में अभिभावकों की सहमति होना जरूरी है.

10th and 12th board regular classes could not start in himachal
फोटो.

बता दें कि ऑनलाइन कक्षाओं को भी सरकार लगातार छात्रों के लिए जारी रखेगी. सरकार ने छात्रों के लिए स्कूल तो खोल दिए हैं, लेकिन अगर कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की ओर से अभिभावकों पर छोड़ दी गई है.

सरकार की ओर से अभिभावकों की सहमति के लिए जो पत्र जारी किया गया है उसमें यह स्पष्ट लिखा गया है कि स्कूल में यदि किसी बच्चे को कोरोना संक्रमण होता है तो उसके लिए अभिभावक और स्कूल जिम्मेदार होगा. अभिभावक अगर अपने बच्चों को स्कूल आने की अनुमति देते हैं उस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं तो उसके बाद छात्र के कोरोना संक्रमित की जिम्मेदारी अभिभावकों की होगी.

सरकार की उसमें कोई जिम्मेदारी नहीं होगी और ना ही माता-पिता स्कूल की जिम्मेदार नहीं ठहरा पाएंगे. ऐसे में अब अभिभावकों को ही सोच विचार कर अपने बच्चों को स्कूल भेजने का फैसला लेना होगा. अभी मात्र बोर्ड कक्षाओं के छात्रों के लिए नियमित रूप से सरकार कक्षाएं लगाने का फैसला ले रही है, जबकि पहले से 9वीं कक्षा और 11वीं कक्षा की नियमित कक्षाएं लगाने का फैसला कैबिनेट बैठक में लिया जा सकता है.

सोलन: आज से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बोर्ड की दसवीं और बाहरवीं कक्षा के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं शुरू करने का प्रदेश सरकार फैसला ले चुकी थी. स्कूल प्रबंधन ने भी इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली थी, लेकिन शिक्षा विभाग की तरफ से किसी भी तरह की नोटिफिकेशन न आने से स्कूल में प्रिंसिपल बच्चों को नहीं बुला पाए.

भले ही प्रदेश सरकार बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सारी जिम्मेदारी अभिभावकों पर छोड़ रही है, लेकिन अभिभावक भी अभी अपने बच्चों को भी स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं. सरकार द्वारा यह भी तय किया गया था कि छात्र अपने अभिभावकों के अनुमति से ही स्कूल में नियमित कक्षाएं लगाने के लिए आ सकेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए और केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी का पालन करते हुए छात्रों की नियमित कक्षाएं स्कूलों में लगाई जाएंगी.

वीडियो.

सरकार की ओर से बोर्ड की कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने का फैसला अभिभावकों के रुझान को देखते हुए लिया गया था, लेकिन जिस तरह से आज सरकार द्वारा नोटिफिकेशन नहीं की गई, जिस कारण बच्चे स्कूल ना आ सके उसे देखकर लगता है कि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं.

वह गर्ल्स स्कूल सोलन की प्रधानाचार्य अनीता कौशल का कहना है कि सरकार द्वारा जो भी गाइडलाइंस स्कूल प्रबंधन को दी जा रही है उसका स्कूल प्रबंधन द्वारा पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दसवीं और बारहवीं कक्षा खोलने का फेंसला ले चुकी थी, लेकिन विभाग की तरफ़ से कोई नोटिफिकेशन नही हुई है. जिस कारण बच्चे ऑनलाइन ही क्लासेज ले रहे हैं.

10th and 12th board regular classes could not start in himachal
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उन्होंने कहा कि अगर सरकार स्कूलों में बच्चों की नियमित कक्षाएं लगाने की नोटिफिकेशन देती है तो उसके लिए भी स्कूल प्रबंधन तैयार है उन्होंने कहा कि रोजाना स्कूल को सेनेटाइज किया जा रहा है, बच्चों के बैठने के लिए भी उचित प्रावधान किए गए हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो सके. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन का पूरा स्टाफ भी स्कूल आ रहा है. वही जो बच्चे किसी भी तरह की जानकारी के लिए स्कूल आना चाहते हैं वह आ सकते हैं लेकिन साथ में अभिभावकों की सहमति होना जरूरी है.

10th and 12th board regular classes could not start in himachal
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बता दें कि ऑनलाइन कक्षाओं को भी सरकार लगातार छात्रों के लिए जारी रखेगी. सरकार ने छात्रों के लिए स्कूल तो खोल दिए हैं, लेकिन अगर कोई छात्र कोरोना पॉजिटिव होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की ओर से अभिभावकों पर छोड़ दी गई है.

सरकार की ओर से अभिभावकों की सहमति के लिए जो पत्र जारी किया गया है उसमें यह स्पष्ट लिखा गया है कि स्कूल में यदि किसी बच्चे को कोरोना संक्रमण होता है तो उसके लिए अभिभावक और स्कूल जिम्मेदार होगा. अभिभावक अगर अपने बच्चों को स्कूल आने की अनुमति देते हैं उस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं तो उसके बाद छात्र के कोरोना संक्रमित की जिम्मेदारी अभिभावकों की होगी.

सरकार की उसमें कोई जिम्मेदारी नहीं होगी और ना ही माता-पिता स्कूल की जिम्मेदार नहीं ठहरा पाएंगे. ऐसे में अब अभिभावकों को ही सोच विचार कर अपने बच्चों को स्कूल भेजने का फैसला लेना होगा. अभी मात्र बोर्ड कक्षाओं के छात्रों के लिए नियमित रूप से सरकार कक्षाएं लगाने का फैसला ले रही है, जबकि पहले से 9वीं कक्षा और 11वीं कक्षा की नियमित कक्षाएं लगाने का फैसला कैबिनेट बैठक में लिया जा सकता है.

Last Updated : Oct 19, 2020, 3:17 PM IST
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