सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के सखोली पंचायत में अभी तक स्कूल आने-जाने के लिए पक्की सड़क का निर्माण 1 साल बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाया है. दरअसल, यह तस्वीर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के विधानसभा क्षेत्र सखोली पंचायत की है जहां पर रोजाना स्कूल छात्रा जान जोखी में डालकर आवाजाही करते हैं. ऐसे में अभिभावकों को रोजाना अपने बच्चों का खतरा बना रहता है. अभिभावकों का कहना है कि प्राइमरी स्कूल के लिए रोजाना छात्र और छात्राएं इस खतरनाक रास्ते से आवाजाही करते हैं.
बता दें कि पिछले साल DC सिरमौर ने ₹300000 की राशि स्वीकृत की थी, ताकि गांव से स्कूल तक का रास्ता बनाया जा सके, लेकिन आज भी कोई रास्ता नहीं बन पाया. वहीं, गांव की गोसाई महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पंचायत प्रधान ₹300000 डकार गया. महिलाओं ने बताया कि यह इतना खतरनाक रास्ता है कि कोई गिर गया तो जान बचना नामुमकिन है और इस खतरनाक रास्ते से उनके बच्चे आवाजाही करते हैं. ऐसे में गांव की महिलाओं ने उपायुक्त सिरमौर से निवेदन किया है कि जल्द ऐसे प्रधान पर कार्रवाई की जाए या सस्पेंड कर दिया जाए.
महिलाओं ने बताया कि जिनकी वजह से रोजाना बच्चों की जान खतरे में है और जो ₹300000 की राशि दी गई थी, उसकी पूरी जांच की जाए. ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि पंचायत प्रधान को अपने पंचायत के लोगों की कोई फिक्र नहीं है. उनका फर्ज था कि तुरंत पंचायत में प्रस्ताव पास करके बच्चों के लिए रास्ता बनाया जा सके, लेकिन प्रधान की अनदेखी की वजह से कई सालों से बच्चें यह खतरा सहन कर रहे हैं. कोई भी अनहोनी हो जाए तो इसके जिम्मेदार कौन होगा प्रधान या प्रशासन, यह सवाल भी लोगों के मन में है. वहीं, डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने कहा कि मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी.
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