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नप ने रूल बनाकर खुद ही किया ब्रेक! ऐतिहासिक धरोहर को बना डाला पार्किंग जोन

नाहन में नियमों को दरकिनार कर तालाब के किनारे दर्जनों वाहन पार्क किए जा रहे हैं. यहां स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि नगर परिषद ने भी पार्किंग बना डाली है. बता दें कि पूरे पक्का तालाब परिसर को नो पार्किंग जोन घोषित किया गया है.

नो पार्किंग जोन
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Published : Mar 31, 2019, 12:09 PM IST

नाहन: 1621 में बसे नाहन शहर में ऐतिहासिक धरोहरों की किस तरह बर्बादी हो रही है, इसका जीता जागता उदाहरण ऐतिहासिक पक्का तालाब है. धार्मिक आस्था के साथ-साथ ये तालाब शहर की ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल हैं, लेकिन नगर परिषद की नाक तले यहां नियमों को दरकिनार कर दर्जनों वाहनों की पार्किंग की जा रही है.

pakka taalab nahan
पक्का तालाब परिसर

दरअसल पूरे पक्का तालाब परिसर को नो पार्किंग जोन घोषित किया गया है. हैरानी की बात तो ये है कि इस तालाब का रखरखाव नगर परिषद ही देखती है, जोकि ठीक नगर परिषद के कार्यालय के साथ सटा है. बावजूद इसके नगर परिषद की नाक तले तालाब परिसर में रोजाना दर्जनों वाहन पार्क किए जा रहे हैं. नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ रही है और नप प्रशासन आंखे मूंदे बैठा है.
vehicle parked in NPZ
नो पार्किंग जोन

नगर परिषद ने अपने कई वाहन भी यहां पार्क किए हुए हैं. यही नहीं सड़क निर्माण से संबंधित मशीनें भी इस तालाब के किनारे खड़ी की गई है. तस्वीरों में हालात देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि तालाब का ऐसा कोई कोना नहीं, जहां वाहन पार्क न किए गए हो. तालाब के रखरखाव के लिए एक स्थानीय कमेटी भी बनाई गई है, लेकिन वह भी केवल मीडिया में तस्वीरें खिंचाने तक ही सीमित है. हालात ये हैं कि तालाब परिसर में वाहन पार्क होने के चलते कई जगहों पर फर्श तक टूट गया है. दर्जनों की तादाद में वाहन पार्क होने से हालात ऐसे हैं कि पेड़ों की छाव तक में बैठने के लिए बुजुर्ग व अन्य लोग तरस रहे हैं.
vehicle parked in NPZ
नो पार्किंग जोन

स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐतिहासिक पक्का तालाब किनारे नो पार्किंग होने के बावजूद भी धड़ल्ले से वाहनों की पार्किंग की जा रही है. सभी नियम दरकिनार किए जा रहे हैं. नगर परिषद के अपने वाहन तक यहां पार्क होते हैं. यहां भारी मशीन समेत अन्य वाहनों के कारण तालाब की सुंदरता को भी ग्रहण लग गया है. लोगों ने प्रशासन से यहां पर पार्क किए गए वाहनों को हटाने की मांग की है.
पक्का तालाब परिसर में पार्क किए जा रहे वाहन

गौरतलब यह भी है कि तालाब के किनारे साल में एक बार वामन द्वादशी के मेले का आयोजन होता है. इसी बीच भगवान वामन की पालकी को भी तालाब में नौका विहार करवाया जाता है. लिहाजा ये तालाब धार्मिक आस्था से भी जुड़ा है. बावजूद इसके फ्री में यहां वाहनों की पार्किंग दिन रात हो रही है.

नाहन: 1621 में बसे नाहन शहर में ऐतिहासिक धरोहरों की किस तरह बर्बादी हो रही है, इसका जीता जागता उदाहरण ऐतिहासिक पक्का तालाब है. धार्मिक आस्था के साथ-साथ ये तालाब शहर की ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल हैं, लेकिन नगर परिषद की नाक तले यहां नियमों को दरकिनार कर दर्जनों वाहनों की पार्किंग की जा रही है.

pakka taalab nahan
पक्का तालाब परिसर

दरअसल पूरे पक्का तालाब परिसर को नो पार्किंग जोन घोषित किया गया है. हैरानी की बात तो ये है कि इस तालाब का रखरखाव नगर परिषद ही देखती है, जोकि ठीक नगर परिषद के कार्यालय के साथ सटा है. बावजूद इसके नगर परिषद की नाक तले तालाब परिसर में रोजाना दर्जनों वाहन पार्क किए जा रहे हैं. नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ रही है और नप प्रशासन आंखे मूंदे बैठा है.
vehicle parked in NPZ
नो पार्किंग जोन

नगर परिषद ने अपने कई वाहन भी यहां पार्क किए हुए हैं. यही नहीं सड़क निर्माण से संबंधित मशीनें भी इस तालाब के किनारे खड़ी की गई है. तस्वीरों में हालात देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि तालाब का ऐसा कोई कोना नहीं, जहां वाहन पार्क न किए गए हो. तालाब के रखरखाव के लिए एक स्थानीय कमेटी भी बनाई गई है, लेकिन वह भी केवल मीडिया में तस्वीरें खिंचाने तक ही सीमित है. हालात ये हैं कि तालाब परिसर में वाहन पार्क होने के चलते कई जगहों पर फर्श तक टूट गया है. दर्जनों की तादाद में वाहन पार्क होने से हालात ऐसे हैं कि पेड़ों की छाव तक में बैठने के लिए बुजुर्ग व अन्य लोग तरस रहे हैं.
vehicle parked in NPZ
नो पार्किंग जोन

स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐतिहासिक पक्का तालाब किनारे नो पार्किंग होने के बावजूद भी धड़ल्ले से वाहनों की पार्किंग की जा रही है. सभी नियम दरकिनार किए जा रहे हैं. नगर परिषद के अपने वाहन तक यहां पार्क होते हैं. यहां भारी मशीन समेत अन्य वाहनों के कारण तालाब की सुंदरता को भी ग्रहण लग गया है. लोगों ने प्रशासन से यहां पर पार्क किए गए वाहनों को हटाने की मांग की है.
पक्का तालाब परिसर में पार्क किए जा रहे वाहन

गौरतलब यह भी है कि तालाब के किनारे साल में एक बार वामन द्वादशी के मेले का आयोजन होता है. इसी बीच भगवान वामन की पालकी को भी तालाब में नौका विहार करवाया जाता है. लिहाजा ये तालाब धार्मिक आस्था से भी जुड़ा है. बावजूद इसके फ्री में यहां वाहनों की पार्किंग दिन रात हो रही है.
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ऐतिहासिक धरोहर की बरबादी, नाहन के पक्का तालाब को बना डाला पार्किंग का अड्डा
-नियमों को दरकिनार कर तालाब के किनारे पार्क किए जा रहे दर्जनों वाहन
-स्थानीय लोग ही नहीं, नगर परिषद ने भी बना डाली है पार्किंग 
-तालाब किनारे पेड़ों के नीचे छाव तक में बैठने को बुजुर्ग रहे तरस 
-तालाब का पूरा परिसर नो पार्किंग एरिया है घोषित, फिर भी नहीं कोई ख्याल 
-धार्मिक आस्था से भी जुड़ा है यह तालाब, साल में एक बार भगवान वामन करते हैं नौका विहार
-पार्क वाहनों से कई जगहों से टूटा तालाब परिसर का फर्श 
नाहन। 1621 में बसे नाहन शहर में ऐतिहासिक धरोहरों की किस तरह बरबादी हो रही है, इसका जीता जागता उदाहरण ऐतिहासिक पक्का तालाब है। धार्मिक आस्था के साथ-साथ यह तालाब शहर की ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल हैं। मगर नगर परिषद की नाक तले यहां नियमों को दरकिनार कर दर्जनों वाहनों की पार्किंग की जा रही है। इससे यह ऐतिहासिक धरोहर बरबादी की ओर कदम बढ़ा रही है। 
दरअसल पूरे पक्का तालाब परिसर को नो पार्किंग जोन घोषित किया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि इस तालाब का रखरखाव नगर परिषद ही देखती है, जोकि ठीक नगर परिषद के कार्यालय के साथ सटा है। बावजूद इसके नगर परिषद की नाक तले तालाब परिसर में रोजाना दर्जनों वाहन पार्क किए जा रहे हैं। नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ रही है और नप प्रशासन आंखे मूंदे बैठा है।
हैरानी की बात तो यह है कि नगर परिषद ने अपने कई वाहन भी यहां पार्क किए हुए है। यही नहीं सड़क निर्माण से संबंधित मशीनें भी इस तालाब के किनारे खड़ी की गई है। तस्वीरों में हालात देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि तालाब का ऐसा कोई कोना नहीं, जहां वाहन पार्क न किए गए हो। 
तालाब के रखरखाव के लिए एक स्थानीय कमेटी भी बनाई गई हैं, लेकिन वह भी केवल मीडिया में तस्वीरें खिंचाने तक ही सीमित है। हालात यह है कि तालाब परिसर में वाहन पार्क होने के चलते कई जगहों पर फर्श तक टूट गया है। दर्जनों की तादाद में वाहन पार्क होने से हालात ऐसे हैं कि पेड़ों की छाव तक में बैठने के लिए बुजुर्ग व अन्य लोग तरस रहे हैं।  
गौरतलब यह भी है कि तालाब के किनारे साल में एक बार वामन द्वादशी के मेले का आयोजन होता है। इसी बीच भगवान वामन की पालकी को भी तालाब में नौका विहार करवाया जाता है। लिहाजा यह तालाब धार्मिक आस्था से भी जुड़ा है। बावजूद इसके फ्री फंड में यहां वाहनों की पार्किंग दिन रात हो रही है। 
उधर स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐतिहासिक पक्का तालाब किनारे नो पार्किंग होने के बावजूद भी धड़ल्ले से वाहनों की पार्किंग की जा रही है। सभी नियम दरकिनार किए जा रहे हैं। नगर परिषद के अपने वाहन तक यहां पार्क होते हैं। फर्श टूट रहा है। बुजुर्गाे को बैठने तक का स्थान यहां नसीब नहीं हो रहा है। इस स्थान पर नियमित रूव से वाहन पार्क हो रहे है। यहां भारी मशीन समेत अन्य वाहनों के कारण तालाब की सुंदरता को भी ग्रहण लग गया है। ऐसे में लोगों की मांग है कि इस स्थान पर पार्क किए वाहनों को हटाया जाए, ताकि इस स्थान की पुरानी सुंदरता वापस लौट सके।
बाइट: स्थानीय निवासी-1 व 2 
कुल मिलाकर ऐतिहासिक धरोहर की अनदेखी होते देख स्थानीय लोग काफी आहत है। ऐसे में नगर परिषद को इस दिशा में ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि पक्का तालाब की पुरानी सुंदरता वापस लौट सके। 
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