पांवटा साहिब: रोजाना सुबह उठते ही कोरोना से जंग शुरू हो जाती है. कोरोना वायरस अपने साथ कई अदृश्य परेशानियां भी साथ लाया है. शुरूआत में इन परेशानियों को उन लोगों ने झेला जो कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं. कोरोना ने तो इनका पीछा छोड़ दिया, लेकिन असली परेशानियां अस्पताल से घर लौटने के बाद हुई. अस्पताल से घर लौटने के बाद मकान मालिक, मोहल्ले के लोग इन्हें विलेन की नजरों से देख रहे थे. कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों को मकान मालिक घर खाली करने को दबाव बने रहे थे. अड़ोस-पड़ोस के लोग नजदीक जाने से भी डर रहे थे.
कोरोना का डर ऐसा था कि कोई मदद तो छोड़िए उस घर में परछाईं डालने के लिए राजी नहीं था, लेकिन समय के साथ-साथ लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आ रहा है. अब लोग कोरोना को मात देने वालों के साथ खड़े हो रहे हैं. अब लोग कोरोना के साथ धीरे-धीरे जीना सीख रहे हैं और कोविड सेंटर से घर लौटने के बाद लोगों का स्वागत फूलों की बरसात से होता है.
कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर जो मकान मालिक पहले किराएदारों को घर से निकालने पर तुल जाते थे. आज वही मकान मालिक किराएदारों की मदद के लिए दिन हो या रात उनकी हर मदद के लिए तैयार रहते हैं. अब ये कोरोना से पहले इंसानियत को पहले पायदान पर रखते हैं.
किसी मोहल्ले या घर में कोरोना पॉजिटिव मरीज आने पर प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट हो जाता है. नियमों के मुताबिक पूरे इलाके को सील किया जाता है. प्रशासन और स्थानीय निकाय भी पूरा प्रयास करता है कि कोरोना प्रभावित परिवार को किसी तरह की परेशानी ना हो. पूरे घर को सेनिटाइज करने के बाद सील किया जाता है.
वहीं, नगर परिषद पांवटा साहिब के कार्यकारी अधिकारी एसएस नेगी ने बताया कि उनके अंतर्गत 13 वार्ड आते हैं और उन्होंने सभी पार्षदों को सख्त आदेश दिए थे कि किरायेदारों को हर तरह की सुविधा पहुंचाई जाए. उन्होंने कहा कि सील हुए वार्डों में पार्षदों द्वारा लोगों को मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई जा रही है.
पांवटा साहिब में वरिष्ठ डॉक्टर बीएमओ अजय देओल ने बताया कि किराएदार अगर कोरोना संक्रमित पाया जाए तो आशा वर्कर की टीम विशेष ध्यान रखती है कि उन्हें सभी सुविधाएं दी जाए ताकि संक्रमित व्यक्ति के साथ-साथ उनके मकान मालिकों को भी किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े.
पूरा विश्व इस समय कोरोना से जूझ रहा है. इस महामारी को अकेले हराना मुश्किल है. इसके लिए सभी को एक साथ आगे आना होगा. कोरोना आज नहीं तो कल हमारे बीच नहीं रहेगा, लेकिन समय की गई एकदूसरे की की गई मदद ताउम्र याद रहेगी.