नाहन: कोरोना वायरस और लॉकडाउन ने भले ही दुनिया भर में कोहराम मचा कर रखा हो, लेकिन इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि लॉकडाउन से मुरझाई हुई प्रकृति एक बार फिर खिलखिला उठी है. इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है सिरमौर जिला की प्राकृतिक झील श्री रेणुका है. विश्व भर में दिनों दिन बढ़ रहे प्रदूषण के कारण झील का बड़ा हिस्सा पूरी तरह से दूषित हो गया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण अब यह झील खुद ही साफ होती हुई नजर आ रही है.
कोटीधीमान सड़क मार्ग से इस प्राकृतिक झील का पूरा नजारा भी देखते ही बन रहा है. इस पवित्र झील का पानी जहां निर्मल हो रहा है, वहीं आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य भी बढ़ गया है. मां रेणुका के रूप में पूजनीय इस झील में निर्मल हो रही जलधारा में जहां मछलियां व कछुए आदि आसानी से देखे जा रहे हैं, वहीं माता के चरणों में झील के अंतिम छोर पर साथ में मौजूद भगवान परशुराम ताल भी पूरी तरह से स्वच्छ दिखाई दे रहा है.
उत्तर भारत के इस प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के साथ क्षेत्र में बह रही गिरी नदी भी स्वच्छ व निर्मल हो गई है. यहां मौजूद पानी के चश्मों को भी जैसे जीवनदान मिला है. स्थानीय लोगों का कहना है कि आज से पहले उन्होंने इस क्षेत्र में ऐसा नजारा कभी नहीं देखा.
श्री रेणुका जी धार्मिक स्थल मां श्री रेणुका जी और बेटे भगवान परशुराम के मिलन के रूप में भी जाना जाता है. प्रतिदिन सैकड़ों की तादाद में लोग यहां पहुंचते थे, मगर लॉकडाउन के चलते अब यहां केवल प्रकृति ही है.
लोगों की आवाजाही के चलते रेणुकाजी झील में काफी प्रदूषण होता था, लेकिन अब लॉकडाउन के चलते वातावरण में बहुत अधिक बदलाव देखने को मिल रहा है. इन दिनों रेणुका जी झील स्वच्छ और शांत है. कई प्रजातियों के पक्षी यहां देखने को मिल रहे हैं. सबसे अहम बात ये है कि इन दिनों प्रकृति और जानवरों के बीच इंसानी दखल ना होने से इस इलाके के वन्य प्राणी भी बिना किसी डर के घूम रहे हैं.
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