नाहन: शिरोमणि पंथ रत्तन स्व. बाबा इकबाल सिंह (Baba Iqbal Singh of Himachal ) को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा दिल्ली में दिया गया. यह सम्मान कलगीधर ट्रस्ट के प्रमुख डॉ. देवेंद्र सिंह ने ग्रहण किया. दरअसल इसी साल 25 जनवरी को केंद्र सरकार ने जब पदमश्री पुरस्कारों की घोषणा की थी, उसमें बाबा इकबाल सिंह का नाम भी शामिल था. मगर पुरस्कार की घोषणा के 4 दिन बाद ही 29 जनवरी को संत बाबा इकबाल सिंह का निधन हो गया था, जिनका 30 जनवरी को सिरमौर जिला के बडू़ साहिब में अंतिम संस्कार किया गया था.
बता दें कि स्व. बाबा इकबाल सिंह (Padma Shri award to Baba Iqbal Singh) ने वर्ष 1986 में हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग से निदेशक पद से सेवानिवृत्त होने के पश्चात बडू़ साहिब में मात्र चार बच्चों को लेकर अकाल अकादमी प्रारंभ की थी. आज हिमाचल के अतिरिक्त कलगीधर ट्रस्ट द्वारा 129 अकाल अकादमियां, 2 विश्वविद्यालय, 2 नशा मुक्ति केंद्र, बेसहारा महिलाओं के लिए प्रशिक्षण संस्थान व अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं. ट्रस्ट करीब 70 हजार बच्चों को गुणवत्ता व संस्कार सहित आधुनिक शिक्षा प्रदान कर रहा है.
हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर किया है. जबकि हजारों युवाओं को नशे की चपेट से बचाने का कार्य किया है. स्व. बाबा इकबाल सिंह अंतिम समय तक समाज सेवा में लगे रहे. बता दें कि बाबा इकबाल सिंह के निधन के बाद डॉ. देवेंद्र सिंह को सर्वसम्मति से कलगीधर ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया गया, जिन्होंने उत्तराधिकारी के तौर पर बाबा इकबाल सिंह का पद्मश्री सम्मान (Posthumous Padma Shri award) सोमवार को प्राप्त किया.
हिमाचल प्रदेश को इस बार 3 पद्मश्री नागरिक अलंकरण मिले हैं, जिसमें दो जिला सिरमौर और एक चंबा जिला से हैं. जिला सिरमौर के विद्यानंद सरैक को 21 मार्च को राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री देकर सम्मानित किया जा चुका है. सोमवार को चंबा की ललिता वकील व स्व. बाबा इकबाल सिंह के प्रतिनिधि डॉ. देवेंद्र सिंह को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया. उधर बाबा इकबाल सिंह के उत्तराधिकारी डॉ. देवेंद्र सिंह ने कहा कि स्व. बाबा इकबाल सिंह के पदचिन्हों पर चलकर पंथ व समाज की सेवा करने का वह प्रयास करते रहेंगे.
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