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पांवटा साहिब ब्लॉक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बना नंबर वन, घर बैठे चला रही आजीविका

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Published : Feb 19, 2023, 10:25 PM IST

Updated : Feb 20, 2023, 6:03 AM IST

हिमाचल प्रदेश में जिला सिरमौर के पांवटा साहिब की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. यहां की करीब 8000 महिलाएं घर बैठे-बैठे अच्छी आजीविका कमा रही हैं.

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कनिष्ठ अभियंता पांवटा ब्लॉक.

पांवटा साहिब: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. वहीं, अगर हिमाचल की बात की जाए तो प्रदेश में पांवटा साहिब ब्लॉक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में नंबर वन पर है. यहां की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बेहतरीन कार्य कर रही हैं और कई प्रोजेक्ट के तहत कार्य कर घर बैठे-बैठे अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. बता दें कि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब विकासखंड के अंतर्गत 961 स्वयं सहायता समूह बने हैं जिसमें 8000 से अधिक महिलाएं काम कर रही हैं. आंकड़ों की बात की जाए तो बीओ 81 सीआईएफ चार बन चुके हैं.

स्वयं सहायता समूहों की कई महिलाएं पहले अपने उत्पाद तैयार करती हैं और इन उत्पादों को बाजार में या स्टॉल लगाकर बेचा जाता है. पांवटा साहिब में कई प्रोजेक्ट महिलाओं द्वारा तैयार किए गए हैं. जिसमें कई प्रकार के स्वादिष्ट अचार, स्वादिष्ट पकवान ,पहाड़ी व्यंजन, मिट्टी से कई सुंदर वैरायटी की वस्तुएं, कई वैरायटियों के घरेलू उत्पादक सजावटी सामान, गुलदस्ते मास्क व अन्य चीजें बनाकर रोजगार कमा रही हैं.

सरकारी लाभ के लिए पंजीकरण जरूरी- पांवटा ब्लॉक के कनिष्ठ अभियंता बॉबी शर्मा बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह बनाने पर महिला को सरकार कई किस्तों में पैसा देती है एवं रोजगार शुरू करने के लिए बहुत कम ब्याज में लोन प्रदान करती है. यही नहीं बहुत सी सरकारी योजना का लाभ भी महिला समूह को दिया जाता है. लेकिन इन सभी का लाभ सभी मिल पाएगा अगर आपका स्वयं सहायता समूह सरकार के पास पंजीकृत होगा.

3 महीने बाद सरकार देती है पैसा- स्वयं सहायता समूह बनाने के 3 महीने बाद सरकार पैसा देना शुरू कर देती है. मगर अधिकांश महिला को पता नहीं होता है कि सरकार कितना पैसा देता है एवं स्वयं सहायता समूह की नई लिस्ट देखने की प्रक्रिया को भी नहीं जानती हैं. जिससे पैसा प्राप्त नहीं कर पाते हैं. इसलिए सरकार ने वेबसाइट शुरू की है ताकि देश के सभी महिला समूह घर बैठे अपना समूह का विवरण देख सकें.

कम ब्याज पर मिलता है लोन- स्वयं सहायता समूह के गठन के 3 महीने बाद समूह को 2500 रुपए मिलते हैं. समूह संबंधित सामान खरीदने के लिए फिर समहू गठन के 6 महीने बाद 15000 और 25000 रुपए मिलते हैं. जिसे आप किसी भी कार्य के लिए खर्च कर सकते हैं. इस पैसा को वापस करना नहीं पड़ेगा. फिर स्वयं सहायता समूह को सीआईएफ का पैसा 50000 से लेकर 110000 रूपए बहुत कम ब्याज में रोजगार शुरू करने के लिए लोन के रूप में मिलता है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मोड में लोन आसानी से मिल जाता है. ऑफलाइन लोन लेने के लिए वे बैंक जाकर संपर्क कर सकती हैं.

ये भी पढ़ें: She Haat in Sirmaur: ये हैं 'शी हाट' के ठाठ, यहां महिलाओं के हाथों में कमान, एक साल में ही 25 लाख का कारोबार

कनिष्ठ अभियंता पांवटा ब्लॉक.

पांवटा साहिब: राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. वहीं, अगर हिमाचल की बात की जाए तो प्रदेश में पांवटा साहिब ब्लॉक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में नंबर वन पर है. यहां की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बेहतरीन कार्य कर रही हैं और कई प्रोजेक्ट के तहत कार्य कर घर बैठे-बैठे अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. बता दें कि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब विकासखंड के अंतर्गत 961 स्वयं सहायता समूह बने हैं जिसमें 8000 से अधिक महिलाएं काम कर रही हैं. आंकड़ों की बात की जाए तो बीओ 81 सीआईएफ चार बन चुके हैं.

स्वयं सहायता समूहों की कई महिलाएं पहले अपने उत्पाद तैयार करती हैं और इन उत्पादों को बाजार में या स्टॉल लगाकर बेचा जाता है. पांवटा साहिब में कई प्रोजेक्ट महिलाओं द्वारा तैयार किए गए हैं. जिसमें कई प्रकार के स्वादिष्ट अचार, स्वादिष्ट पकवान ,पहाड़ी व्यंजन, मिट्टी से कई सुंदर वैरायटी की वस्तुएं, कई वैरायटियों के घरेलू उत्पादक सजावटी सामान, गुलदस्ते मास्क व अन्य चीजें बनाकर रोजगार कमा रही हैं.

सरकारी लाभ के लिए पंजीकरण जरूरी- पांवटा ब्लॉक के कनिष्ठ अभियंता बॉबी शर्मा बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह बनाने पर महिला को सरकार कई किस्तों में पैसा देती है एवं रोजगार शुरू करने के लिए बहुत कम ब्याज में लोन प्रदान करती है. यही नहीं बहुत सी सरकारी योजना का लाभ भी महिला समूह को दिया जाता है. लेकिन इन सभी का लाभ सभी मिल पाएगा अगर आपका स्वयं सहायता समूह सरकार के पास पंजीकृत होगा.

3 महीने बाद सरकार देती है पैसा- स्वयं सहायता समूह बनाने के 3 महीने बाद सरकार पैसा देना शुरू कर देती है. मगर अधिकांश महिला को पता नहीं होता है कि सरकार कितना पैसा देता है एवं स्वयं सहायता समूह की नई लिस्ट देखने की प्रक्रिया को भी नहीं जानती हैं. जिससे पैसा प्राप्त नहीं कर पाते हैं. इसलिए सरकार ने वेबसाइट शुरू की है ताकि देश के सभी महिला समूह घर बैठे अपना समूह का विवरण देख सकें.

कम ब्याज पर मिलता है लोन- स्वयं सहायता समूह के गठन के 3 महीने बाद समूह को 2500 रुपए मिलते हैं. समूह संबंधित सामान खरीदने के लिए फिर समहू गठन के 6 महीने बाद 15000 और 25000 रुपए मिलते हैं. जिसे आप किसी भी कार्य के लिए खर्च कर सकते हैं. इस पैसा को वापस करना नहीं पड़ेगा. फिर स्वयं सहायता समूह को सीआईएफ का पैसा 50000 से लेकर 110000 रूपए बहुत कम ब्याज में रोजगार शुरू करने के लिए लोन के रूप में मिलता है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मोड में लोन आसानी से मिल जाता है. ऑफलाइन लोन लेने के लिए वे बैंक जाकर संपर्क कर सकती हैं.

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Last Updated : Feb 20, 2023, 6:03 AM IST
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