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सिरमौर की इन 3 पंचायतों का आयुर्वेद के तरीके से होगा विकास, जानें क्या है खास

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Published : Mar 16, 2020, 8:59 PM IST

केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई आयुष ग्राम परियोजना के तहत सिरमौर जिला के नाहन विधानसभा क्षेत्र की 3 पंचायतों को चयनित किया गया है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद पद्धति से संबंधित क्षेत्रों का विकास करना है.

Sirmaur Panchayats developed through Ayurveda method
सिरमौर की इन 3 पंचायतों का आयुर्वेद के तरीके से होगा विकास

नाहन: केंद्र सरकार द्वारा आयुष ग्राम परियोजना शुरू की गई है. इसके तहत सिरमौर जिला के नाहन विधानसभा क्षेत्र की 3 पंचायतों को चयनित किया गया है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद पद्धति से संबंधित क्षेत्रों का विकास करना है.

दरअसल आयुष ग्राम योजना में बनकलां, सतीवाला और कोलर पंचायतों को शामिल किया गया है. प्रत्येक पंचायत के लिए 10 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई है, ताकि संबंधित तीनों पंचायतों का आयुर्वेदिक तरीके से विकास किया जा सके. आयुर्वेद विभाग द्वारा प्रथम चरण में औषधीय पौधे वितरित किए गए हैं. दूसरे चरण में योग शिविर के साथ-साथ प्राकृतिक खेती के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा.

वीडियो

सिरमौर जिला के कार्यकारी आयुर्वेद अधिकारी डॉ. योगेंद्र ठाकुर ने बताया कि आयुष ग्राम परियोजना के तहत तीन पंचायतों का चयन किया गया है. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय ग्रामीणों को आयुर्वेद पद्धति से जोड़ने के साथ-साथ क्षेत्र का आयुर्वेद तरीके से विकास करना है. गांव में ही लोगों को जड़ी बूटियों से इलाज करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि वह बीमार होने से बच सकें.

प्रथम चरण में औषधीय पौधे वितरित किए गए हैं. इसके बाद योग शिविर लगाए जाएंगे. उसके बाद विशेषज्ञों के माध्यम से ग्रामीणों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक किया जाएगा. इसके लिए बकायदा शिविर भी आयोजित होंगे.

कुल मिलाकर आयुर्वेद विभाग द्वारा चयनित की गई तीनों पंचायतों का जहां आयुर्वेद पद्धति से विकास हो सकेगा. वहीं यहां के लोगों को भी इसका बड़ा लाभ होगा.

ये भी पढ़ें: टेलर की काबिले तारीफ पहल, मास्क बांटकर लोगों को कोरोना वायरस के प्रति कर रहा जागरूक

नाहन: केंद्र सरकार द्वारा आयुष ग्राम परियोजना शुरू की गई है. इसके तहत सिरमौर जिला के नाहन विधानसभा क्षेत्र की 3 पंचायतों को चयनित किया गया है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद पद्धति से संबंधित क्षेत्रों का विकास करना है.

दरअसल आयुष ग्राम योजना में बनकलां, सतीवाला और कोलर पंचायतों को शामिल किया गया है. प्रत्येक पंचायत के लिए 10 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई है, ताकि संबंधित तीनों पंचायतों का आयुर्वेदिक तरीके से विकास किया जा सके. आयुर्वेद विभाग द्वारा प्रथम चरण में औषधीय पौधे वितरित किए गए हैं. दूसरे चरण में योग शिविर के साथ-साथ प्राकृतिक खेती के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा.

वीडियो

सिरमौर जिला के कार्यकारी आयुर्वेद अधिकारी डॉ. योगेंद्र ठाकुर ने बताया कि आयुष ग्राम परियोजना के तहत तीन पंचायतों का चयन किया गया है. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय ग्रामीणों को आयुर्वेद पद्धति से जोड़ने के साथ-साथ क्षेत्र का आयुर्वेद तरीके से विकास करना है. गांव में ही लोगों को जड़ी बूटियों से इलाज करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि वह बीमार होने से बच सकें.

प्रथम चरण में औषधीय पौधे वितरित किए गए हैं. इसके बाद योग शिविर लगाए जाएंगे. उसके बाद विशेषज्ञों के माध्यम से ग्रामीणों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक किया जाएगा. इसके लिए बकायदा शिविर भी आयोजित होंगे.

कुल मिलाकर आयुर्वेद विभाग द्वारा चयनित की गई तीनों पंचायतों का जहां आयुर्वेद पद्धति से विकास हो सकेगा. वहीं यहां के लोगों को भी इसका बड़ा लाभ होगा.

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