नाहन: पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव होने जा रहे हैं. ईटीवी भारत ने पच्छाद में लोगों की समस्याएं जानने के लिए ग्राउंड पर पहुंची और किसानों से बात की. किसानों ने ईटीवी भारत से कहा कि नेता केवल उनसे वोट मांगने के लिए आते हैं. उनकी समस्याएं आज भी जस की तस ही बनी हुई है.
किसानों का कहना है कि इस विधानसभा क्षेत्र के अधिकतर क्षेत्रों में न तो किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल पा रही है और न ही पीने के लिए पानी. वहीं, जंगली जानवर विशेषकर बंदर फसलें तबाह कर रहे है. किसानों का आरोप है कि आज तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है.
वहीं, आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह का भी कहना है कि पच्छाद में किसानों को सिंचाई की बेहद परेशानी उठानी पड़ रही है. पच्छाद क्षेत्र के अधिकतर किसान पहाड़ों से निकलने वाले प्राकृतिक झरनों पर ही निर्भर हैं. पहाड़ों से निकलने वाले पानी को पाइपों के माध्यम से अपने खेतों तक पहुंचा कर सिंचाई कर रहे हैं. खुद सरकार इस बात को मान रही है, लेकिन किसानों की सिंचाई की सुविधा के नाम पर आज तक केवल वोट की राजनीति होती आई है.
ईटीवी से बातचीत करते हुए पच्छाद की बजगा पंचायत के किसान मदन सिंह बताते हैं कि पहले गंगूराम मुसाफिर बाद में सुरेश कश्यप विधायक रहे, लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया. उनके क्षेत्र में सबसे अधिक समस्या बंदरों की है, जिससे फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान हो जाता है.
वहीं, पच्छाद के बनाह धिनी क्षेत्र के किसान प्रेम सिंह भी बताते हैं कि सिंचाई के लिए पानी की सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याएं ना तो विधायक सुनते हैं, न ही कोई दूसरा व्यक्ति.
पच्छाद के अन्य युवा किसान का कहना है कि उन्हें फसलों के उचित दाम नहीं मिलते. किसानों की समस्याओं के लिए नेता कुछ नहीं कर रहे. केवल वोट मांगने किसानों के पास आते है.
बता दें कि पच्छाद विधानसभा क्षेत्र सब्जी उत्पादन के लिए जाना जाता है और करीब 80% आबादी यहां कृषि पर ही निर्भर है, लेकिन बावजूद इसके लंबे समय से किसानों की समस्याओं पर किसी ने कुछ नहीं किया. चुनाव एक बार फिर है, तो दावे भी फिर से बड़े-बड़े किए जा रहे हैं.