नाहनः सिरमौर जिला के श्री रेणुकाजी तीर्थ में गायत्री आश्रम के संचालक एवं महामंडलेश्वर स्वामी दयानंदन भारती ने प्रदेश सरकार से अपने लिए सुरक्षा की की मांग की है. स्वामी दयानंद भारती ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक पत्र लिखकर उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया है.
हिमाचल प्रदेश के एकमात्र महामंडलेश्वर हैं स्वामी दयानंद भारती
दरअसल स्वामी दयानंद भारती हिमाचल प्रदेश से पहले व एकमात्र महामंडलेश्वर नियुक्त किए गए हैं, जिसके चलते उनका राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के संत सम्मेलन, अखाड़ों, समागम, सत्संग व धार्मिक मंच सहित कुंभ मेले आदि में आना जाना लगा रहता है. इस संबंध में स्वामी दयानंद भारती ने श्री रेणुकाजी में पत्रकारवार्ता आयोजित कर प्रदेश सरकार से उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया है.
स्वामी दयानंद भारती ने कहा
मीडिया से बात करते हुए स्वामी दयानंद भारती ने कहा कि वह विश्व हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश संरक्षक व राष्ट्रीय धर्मगुरु और श्रीमंहत के पद की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं, जिसके चलते उनको सरकारी तौर पर सुरक्षा की आवश्यकता पड़ती है, ताकि उन्हें अपने दायित्वों को निभाने में कोई बाधा उत्पन्न न हो. उन्होंने कहा कि इस बारे उन्होंने प्रदेश पुलिस महानिदेशक, गृह सचिव सहित उपायुक्त व एसपी सिरमौर को भी अवगत करवाते हुए सरकारी सुरक्षा प्रदान करने की गुहार लगाई है.
कुंभ मेले में हुई परेशानी
वहीं महामंडलेश्वर दयानंद भारती ने बताया कि सुरक्षा न होने के चलते हाल ही में उन्हें कुंभ मेले के दौरान एक ही शाही स्नान करने के पश्चात लौटना पड़ा. उन्होंने बताया कि कुंभ मेले में पहुंचे अन्य राज्यों से महामंडलेश्वरों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा सुरक्षा मुहैया करवाई गई है. हिमाचल प्रदेश से केवल एक ही महामंडलेश्वर होने के बावजूद उन्हें सरकार की ओर से सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवाई गई है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के महामंडलेश्वरों की तर्ज पर उन्हें भी सुरक्षा मुहैया होनी चाहिए.
महामंडलेश्वर दयानंद भारती को सुरक्षा उपलब्ध करवाने की मांग
दूसरी तरफ महामंडलेश्वर दयानंद भारती के शिष्य एवं स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वामी दयानंद भारती को जो उपाधि मिली है, वह सभी के लिए गर्व की बात है. ऐसे में सरकार महामंडलेश्वर दयानंद भारती को सुरक्षा उपलब्ध करवाए, ताकि उन्हें अपना दायित्व निभाने में किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पड़े.
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