पांवटा साहिब: चाइना के वुहान से निकले जहरीले कोरोना वायरस ने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया है, इस वायरस ने अपनों को अपनों से दूर कर दिया है. 5 महीनों से मुसीबतें झेल रहे लोगों पर अब और मुसीबतों का पहाड़ टूटना शुरू हो रहा है.
दरअसल जिला सिरमौर के पांवटा साहिब क्षेत्र में सैकड़ों परिवार ऐसे हैं जिन्होंने लोन के पैसे लेकर मकान तो बना डाले, लेकिन किस्त देना अब मुश्किल हो गया है. शहर के लोग मकान किराए पर देकर बैंक की किस्तें दे रहे थे. कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से हजारों लोग अपने राज्यों और अपने इलाकों में चले गए थे. ऐसे में किराए के मकान लगभग खाली हो चुके हैं.
हेमंत शर्मा ने बताया कि दर्जनों दुकानें और कमरे खाली हो चुके हैं जिनमें स्कूल, कॉलेज में पढ़ रहे छात्र रहते थे. कोरोना वायरस से डर के कारण वे अब घर जा चुके हैं और कमरे खाली हो चुके हैं. साथ ही छोटे काम काज कर रहे लोगों के काम भी बंद है जिससे दुकानें भी अब खाली हो चुकी हैं. 5 महीनों में लाखों रुपए बैंक की किस्त देनी पड़ रही है.
पांवटा साहिब के बद्रीपुर निवासी ने बताया कि उन्होंने लोन लेकर मकान बनाया था और ₹15000 किस्त बैंक को दे रहे थे. तीन किरायेदारों से बैंक की किस्त का खर्चा पूरा चल रहा था. किराएदारों के घर से जाने से किराया खुद अपनी जेब से भरना पड़ रहा है. यही नहीं दुकान का कारोबार भी अब ठप है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार को कुछ ऐसी रणनीति बनानी चाहिए ताकि कामकाज पटरी पर आ जाए.
सरदार कुलवंत सिंह हंस ने बताया कि जब से कोरोना काल शुरू हुआ है, इसने पूरे शहर वासियों को रुला कर रख दिया है. कामकाज अभी तक पटरी पर नहीं पहुंचा और मकान की किस्तें देना आफत बन रही है. यहां तक की अब घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है.
वहीं, पांवटा शहर के नागेंद्र ने कहा कि शहर में कोरोना वायरस ने ऐसा कोहराम मचा रखा है कि दुकानदार, मकान मालिक सभी परेशान हैं. सबसे बड़ी परेशानी तो कोविड-19 की है जिसने पूरे पांवटा में इन दिनों हड़कंप मचा रखा है. रोजाना कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में 5 महीनों से नुकसान झेल रहे लोग कैसे अपनी आजीविका को सुधार पाएंगे और नुकसान की भरपाई करेंगे, यह इस साल तो क्या अगले साल भी मुश्किल लग रहा है.
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