नाहन: उद्योग, संसदीय कार्य एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मंगलवार दोपहर बाद पांवटा साहिब में हिमाचल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में धारा 118 में ज्यादा छेड़छाड़ संभव नहीं हैं, लेकिन विभिन्न प्रकार के एनओसी व स्वीकृतियां समयबद्ध प्रदान की जाएंगी. उन्होंने चैंबर से पांवटा में लंबित मामलों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने के लिए भी कहा.
उन्होंने कहा कि कंपनी स्थापित करने के लिए अब जिला स्तर पर फाइल क्लियर होगी और सीधे मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी, जिसे समयबद्ध क्लियर कर दिया जाएगा. उद्योग मंत्री ने कहा कि उद्योगों कीअधोसंरचना व कनेक्टिविटी जरूरी है, सरकार इस पर काम करेगी. उन्होंने कहा कि निवेश ब्यूरो के सीईओ के अधीन विभिन्न विभागों को लाकर सभी प्रकार के एनओसी व स्वीकृतियां सीईओ स्तर पर ही अविलंब प्राप्त करने की सुविधा होगी.
उद्योग मंत्री ने कहा कि पुराने उद्योगों को निरंतर क्रियाशील रखने के लिए वन टाइम सेटलमेंट किया जाएगा, जिससे उद्योग प्रोत्साहित होंगे. नए उद्योगों को भी आमंत्रित किया जाएगा. उद्योगों का पलायन हर हालत में सरकार द्वारा रोका जाएगा. उन्होंने प्रदेश में सौर ऊर्जा से जुड़े उद्योग स्थापित करने को कहा, इसके लिए सरकार एनओसी स्वीकृतियां प्रदान करने में किसी प्रकार का विलंब नहीं होने देगी. यह आश्वासन उन्होंने पांवटा में स्थापित किए जा रहे सौर पावर प्लांट की स्थापना में आ रही समस्या का समाधान करते हुए दिया.
चैंबर की मांग पर उद्योग मंत्री ने विद्युत सब स्टेशन स्थापित करने के लिए भूमि उपलब्ध करवाने के लिए कहा. साथ ही विद्युत विभाग को सब स्टेशन का काम जल्द पूरा करने के लिए निर्देश भी दिए. चैंबर ने पांवटा अस्पताल के लिए एक्स-रे मशीन प्रदान करने की घोषणा की. उद्योग मंत्री ने कहा कि नए औद्योगिक केंद्र जिले में स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन पुराने उद्योगों को विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि पांवटा चैंबर अपनी प्राथमिकताएं बताएं और दो करोड़ रुपये तक के इंसेंटिव जल्द उपलब्ध करवा दिए जाएंगे. उन्होंने विभागों को उद्योगों से संबंधित एनओसी शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए. उन्होंने उद्योगपतियों से स्थानीय हिमाचली युवाओं को उद्योगों में रोजगार देने पर बल दिया. उद्योग मंत्री ने कहा कि बॉयलर निरीक्षण प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाएगा. इसकी दरें निश्चित की जाएंगी और निरीक्षण के लिए अधिक वेंडर अधिकृत किए जाएंगे, ताकि किसी भी प्रकार की मनमानी न हो सके और किसी भी प्रकार की ब्लैकमेलिंग पर अंकुश लगाया जाएगा.
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