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जोंग पुल के पास टोंस नदी में जमकर हो रहा अवैध खनन, शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई - टोंस नदी न्यूज

जोंग पुल के पास अवैध खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है. स्थानीय लोग इलाके में धूल, मिट्टी और दिन-रात टैक्टरों की आवाजाही से परेशान हैं. अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों ने कई बार विभाग में शिकायत भी दर्ज करवाई, लेकिन प्रशासन अवैध खनन माफियाओं की कोई सुध नहीं ले रहा है.

Illegal mining in Tons River
टोंस नदी में अवैध खनन
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Published : Oct 22, 2020, 12:10 PM IST

शिलाई: गिरिपार क्षेत्र में जोंग पुल के पास अवैध खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है. स्थानीय लोग इलाके में धूल, मिट्टी और दिन-रात ट्रैक्टरों की आवाजाही से परेशान है. अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों ने कई बार विभाग में शिकायत भी दर्ज करवाई, लेकिन प्रशासन अवैध खनन माफियाओं की कोई सुध नहीं ले रहा है और न ही इन सख्त कार्रवाई की जा रही है.

ग्रामीणों ने बताया कि टोंस नदी से पहले दिन में खनन किया जाता था, लेकिन अब खनन माफिया रात को भी रेत बजरी का अवैध खनन कर रहे हैं. हिमाचल और उत्तराखंड को जोड़ते जोंग पुल में काफी समय से खनन हो रहा है. सड़क किनारे करीब पांच सालों से पत्थर पड़े हैं. लेकिन किसी ने भी इन्हें यहां से नहीं उठाया. ग्रामीणों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी, वन विभाग और माइनिंग अधिकारी के पास शिकायत दर्ज करवाई गई, लेकिन ग्रामीणों की आज तक सुनवाई नहीं हो पा रही है.

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वहीं, विभाग मामले को लेकर एक दूसरे को कार्रवाई करने की सलाह देते हैं. जिला खनन अधिकारी सुरेश भारद्वाज ने भी पल्ला झाड़ते हुए फॉरेस्ट विभाग को कार्रवाई करने की सलाह दी. वहीं, रेंज ऑफिसर कफोटा मोहिंदर सिंह ने कहा कि उनके पास स्टाफ की कमी है, जिसके कारण ज्यादा रेड नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि, समय समय पर इन पर कार्रवाई की जाती है और इनके चालान काटे जाते हैं.

मोहिंदर सिंह ने कहा कि इलाके में खनन माफियाओं का सूचना तंत्र इतना मजबूत है कि इन पर कार्रवाई करने के लिए जाने पर इसकी जानकारी माफियाओं तक पहले ही पहुंच जाती है, जिसके चलते ये वहां से भाग खड़े होते हैं.

शिलाई: गिरिपार क्षेत्र में जोंग पुल के पास अवैध खनन रूकने का नाम नहीं ले रहा है. स्थानीय लोग इलाके में धूल, मिट्टी और दिन-रात ट्रैक्टरों की आवाजाही से परेशान है. अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों ने कई बार विभाग में शिकायत भी दर्ज करवाई, लेकिन प्रशासन अवैध खनन माफियाओं की कोई सुध नहीं ले रहा है और न ही इन सख्त कार्रवाई की जा रही है.

ग्रामीणों ने बताया कि टोंस नदी से पहले दिन में खनन किया जाता था, लेकिन अब खनन माफिया रात को भी रेत बजरी का अवैध खनन कर रहे हैं. हिमाचल और उत्तराखंड को जोड़ते जोंग पुल में काफी समय से खनन हो रहा है. सड़क किनारे करीब पांच सालों से पत्थर पड़े हैं. लेकिन किसी ने भी इन्हें यहां से नहीं उठाया. ग्रामीणों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी, वन विभाग और माइनिंग अधिकारी के पास शिकायत दर्ज करवाई गई, लेकिन ग्रामीणों की आज तक सुनवाई नहीं हो पा रही है.

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वहीं, विभाग मामले को लेकर एक दूसरे को कार्रवाई करने की सलाह देते हैं. जिला खनन अधिकारी सुरेश भारद्वाज ने भी पल्ला झाड़ते हुए फॉरेस्ट विभाग को कार्रवाई करने की सलाह दी. वहीं, रेंज ऑफिसर कफोटा मोहिंदर सिंह ने कहा कि उनके पास स्टाफ की कमी है, जिसके कारण ज्यादा रेड नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि, समय समय पर इन पर कार्रवाई की जाती है और इनके चालान काटे जाते हैं.

मोहिंदर सिंह ने कहा कि इलाके में खनन माफियाओं का सूचना तंत्र इतना मजबूत है कि इन पर कार्रवाई करने के लिए जाने पर इसकी जानकारी माफियाओं तक पहले ही पहुंच जाती है, जिसके चलते ये वहां से भाग खड़े होते हैं.

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