नाहन: सिरमौर जिले के तहत नाहन विकास खंड की आम्बवाला-सैनवाला पंचायत (Ambwala Sainwala Panchayat of Nahan) ने सैंकड़ों वर्ष पुरानी बावड़ी का शानदार तरीके से जीर्णोद्वार कर बावड़ी के जल को नया जीवन देने का सराहनीय कार्य किया है. ग्राम पंचायत के इस प्रयास से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया हो रहा है. यही नहीं बावड़ी (Stepwell renovated in Ambwala Sainwala Panchayat) के साथ बह रहे खड्ड पर एक चेक डैम का निर्माण कर पंचायत ने इसके आसपास के क्षेत्र में किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने का भी प्रयास किया है.
दरअसल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को जल सरंक्षण का महत्व बताने और जल के सदुपयोग को लेकर जल जीवन मिशन आरंभ किया है. इस योजना के तहत ग्रामीणों को अपने प्राकृतिक जल स्त्रोतों को सरंक्षित करने, वर्षा जल को एकत्रित करके उसके प्रयोग बारे में जागरूक किया जा रहा है और इसके बेहतर परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं. इसी का उदाहरण आम्बवाला-सैनवाला पंचायत ने भी पेश किया है.
प्राचीन बावड़ी को इस तरह से बनाया खास: स्थानीय पंचायत एवं ग्रामीणों के परस्पर सहयोग से क्षेत्र में वर्षों पुरानी प्राकृतिक बावड़ी को एक नया रूप दिया गया है और आज एक सुंदर, स्वच्छ जल स्त्रोत क्षेत्र में बनकर उभरा है. इस प्राचीन बावड़ी के पानी को शुद्ध रखने के लिए इसके बाहर एक हैंडपंप भी लगाया गया है, ताकि भीतर का पानी दूषित न हो. वहीं, पेयजल की टूटी को मिट्टी के घड़े में डालकर उसे फिलटर का रूप दिया गया है, जिससे लोगों को छनकर पानी उपलब्ध हो रहा है. यही नहीं बावड़ी की सुंदरता बनाने के लिए जल संरक्षण को लेकर विभिन्न संदेश भी दीवारों पर लिखवाए गए हैं.
चेक डैम का भी किया निर्माण: इस बावड़ी के साथ एक छोटी खड्ड पर चेक डैम बनाकर उसे संग्रहित किया गया है. किसान जरूरत पड़ने पर खेतों की सिंचाई के लिए इस चेक डैम के पानी का प्रयोग भी कर सकते हैं. यानी बावड़ी के साथ-साथ चेक डैम का निर्माण कर पंचायत ने आने वाले कल के लिए जल बचाने का पुण्य काम किया है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए आम्बवाला सैनवाला पंचायत के प्रधान संदीपक तोमर ने बताया कि पंचायत के इस क्षेत्र में हमेशा पानी का संकट रहता था. फिर उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत इस बावड़ी को सुधारने का फैसला किया और आज यह बावड़ी न केवल सुंदर बनकर उभरी है, बल्कि शुद्ध जल भी इससे प्राप्त हो रहा है.
वहीं, स्थानीय निवासी चिरानंद आनंद ने बताया कि यह एक प्राचीन बावड़ी थी, जिसकी हालत काफी खस्ता थी. फिर प्रधान और पंचायत ने इसके जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया और आज यह एक नए रूप में सामने आई है. उन्होंने कहा कि पंचायत ने साथ में चेकडैम बनाकर सिंचाई के पानी की व्यवस्था भी की है. उधर स्थानीय मुस्लिम बस्ती के अहमद हुसैन ने बताया कि यहां पर पहले पानी की काफी दिक्कत रहती थी, लेकिन अब यहां पर एक बावड़ी बनाई गई है. जिससे उन्हें काफी राहत मिला है.
कुल मिलाकर जिला सिरमौर में आम्बवाला-सैनवाला पंचायत में ग्राम पंचायत सहित सभी लोगों ने जल जीवन मिशन (Jal jeevan mission Himachal) के तहत प्राचीन जल स्रोतों के दोहन एवं सरंक्षण में एक अच्छा उदाहरण पेश किया है, जिससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेने की आवश्यकता है.