पांवटा साहिब: हिमाचल प्रदेश में पिछले महीने आई बाढ़ और लगातार हो रही बारिश से प्रदेश में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है. ताजा मामला पांवटा विधानसभा के गिरिपार क्षेत्र में सामने आया है. जहां पर तेज बारिश की वजह से खतवाड़ गांव के कई घरों में दरारें आ गई हैं. जिसकी वजह से यहां करीब 24 परिवार खतरे के साए में जीने को मजबूर है. गांव के कई परिवारों की खेत खलियान भी तबाह हो गए हैं. वहीं, मीडिया में खबरें दिखाए जाने के बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और लोगों की समस्या को सुना. मौके पर हालात देखने के बाद एसडीएम ने गांव को डेंजर जोन घोषित कर दिया.
खतवाड़ गांव में लैंडस्लाइड और घरों में आई दरार की सूचना पर एसडीएम पांवटा गुंजित सिंह चीमा, तहसीलदार और पूर्व विधायक किरनेश जंग प्रभावित गांव खतवाड़ पहुंचे. जहां उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना. इस दौरान गांव के लोगों ने अधिकारियों से कहा कि उनके पूर्वजों के खून पसीने से तैयार किए गए आशियानें और खेत खलियान तबाह हो गए हैं. घर में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है. भूस्खलन से खेतों में लगी फसलें तबाह हो गई है.
एसडीएम गुंजित सिंह चीमा ने मौके का मुआयना किया और खतरे को देखते हुए खतवाड़ गांव को डेंजर जोन घोषित करने की बात कही. उन्होंने कहा यहां होने वाले नुकसान को लेकर एक रिपोर्ट डीसी को भेजा जाएगा. उसके बाद जो निर्णय होता है, उसके आधार पर फौरी राहत दी जाएगी. साथ अगर रिलोकेशन की बात होगी तो, उसके भी प्रयास किए जाएंगे.
एसडीएम ने कहा आपदा और बारिश से गांव जो नुकसान हुआ है, उसे हिमाचल सरकार द्वारा इस आपदा के वक्त जो स्पेशल रिलीफ का प्रोविजन है, उसके आधार पर लोगों को मुआवजा दिया जाएगा. हम लोगों को जल्द से जल्द राहत देने का काम करेंगे. वहीं, उन्होंने कहा कि गांव में स्लाइडिंग होने का क्या कारण है, उसका पता लगाया जाएगा. ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि घरों में दरारें आई है. स्थिति देखने से हमें लग रहा है कि यह जगह खाली करना पड़े. लोगों ने यह भी बताया कि यह सिलसिला 15 सालों से चलता आ रहा है, जो बारिश के बाद तेजी से बढ़ा है.
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