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हिमाचल में क्या है कोरोना की स्थिति, प्रशासन के दावे कितने सच? देखें ETV भारत की ये खास रिपोर्ट - हिमाचल प्रदेश न्यूज

कोरोना वायरस पूरे विश्व में लगातार बढ़ता ही जा रहा है. कई जगहों में लोगों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही. अस्पतालों में बेड खाली नहीं हैं. लोगों को मरीजों के लिए दवाईयां नहीं मिल पा रही हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश में प्रशासन द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं. ऐसे में प्रशासन के दावों में कितनी सच्चाई है ये जानने के लिए ईटीवी भारत सिरमौर जिले के उपमंडल नाहन पहुंचा.

Corona Situation in Himachal, हिमाचल में कोरोना की स्थिति
फोटो.
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Published : May 17, 2021, 10:15 PM IST

Updated : May 18, 2021, 3:50 PM IST

नाहन: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से देश सहित प्रदेश भी बुरी तरह से त्रस्त है. ऐसे में उत्तराखंड व हरियाणा राज्यों के साथ सटा सिरमौर जिला में भी इससे खासा प्रभावित हो रहा है.

लिहाजा ईटीवी भारत की टीम ने कोविड-19 स्थिति की जमीनी वास्तविकताओं का जायजा लिया, तो सामने आया है कि जिला में 30 अप्रैल नाहन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हुए नाहन प्रवास के बाद कोरोना संक्रमण से जंग के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को ज्यादा सुदृ़ढ़ किया गया है. साथ-साथ कोरोना मरीजों को भी अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के दावे किए जा रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

मुख्यमंत्री के सामने ही कोविड मरीजों के परिजनों ने उठाए थे व्यवस्थाओं पर सवाल

बता दें कि 30 अप्रैल को जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नाहन में कोविड-19 की समीक्षा बैठक के लिए नाहन पहुंचे थे, तो इसी बीच मुख्यमंत्री ने डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन का भी जायजा लिया था.

इसी बीच जब मुख्यमंत्री आइसोलेशन सेंटर के बाहर पहुंचे तो यहां कोविड मरीजों के परिजनों ने मुख्यमंत्री के समक्ष ही मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए थे. यहां कोरोना से पति की मौत के बाद उसकी संक्रमित पत्नी भी सड़क पर मुख्यमंत्री ने खुद तड़पती हुई देखी थी.

इसके बाद मुख्यमंत्री ने बैठक में न केवल व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश जारी किए थे, बल्कि जिला में नई व्यवस्थाएं जुटाने के लिए भी कहा था, जिस पर प्रशासन के नेतृत्व में जिला भर में काफी तेजी के साथ नई व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं.

पहले जान लीजिए वर्तमान में मेडिकल कॉलेज नाहन के हालात

मुख्यमंत्री के दौरे के बाद नाहन मेडिकल कॉलेज में न केवल बदहाल व्यवस्थाओं को सुधारा गया, बल्कि नई व्यवस्थाएं भी जुटाई जा रही है. सरकार ने मेडिकल कॉलेज को कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया है. लिहाजा सामान्य ओपीडी बंद है. केवल कोरोना मरीजों के बेहतर उपचार पर ही ध्यान दिया जा रहा है.

क्या कहते हैं मेडिकल कॉलेज नाहन के मेडिकल अधीक्षक?

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मेडिकल कॉलेज नाहन के वरिष्ठ मेडिकल अधीक्षक डॉ. श्याम कौशिक ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में बुखार, शरीर में दर्द, खांसी, जुखाम व सांस लेने दिक्कत आ रही हैं, उन सभी के साथ-साथ संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों के कोविड टेस्ट किए जा रहे हैं.

इसके अलावा यदि किसी को कोरोना का संदेह होता है, तो उसकी भी जांच की जा रही है. 5 अप्रैल से 5 वेंटिलेटर शुरू किए जा चुके हैं, जिसको लेकर परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं. 5 ओर वेंटिलेटर भी जल्द इंस्टाल कर दिए जाएंगे. जरूरत के अनुसार वेंटिलेटर की सुविधा प्रदान की जा रही है.

नाहन में 72 ऑक्सीजन युक्त बेड करवाए जा चुके हैं उपलब्ध

मेडिकल अधीक्षक डॉ. श्याम कौशिक ने बताया कि कोविड आइसोलेशन के साथ-साथ वर्तमान में 72 ऑक्सीजन युक्त बेडों की व्यवस्था की जा चुकी है. जल्द ही जिनकी संख्या 110 तक पहुंचाने के लिए प्रबंधन प्रयासरत है. 200 बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाने के लिए भी सरकार को लिखा गया है. फिलहाल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. 68 बड़े सिलेंडर प्रतिदिन मेडिकल कॉलेज में लग रहे हैं.

15 मई से शुरू हुआ पीएसए ऑक्सीजन गैस प्लांट: प्रिंसिपल

15 मई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नाहन मेडिकल कॉलेज के 300 एलपीएम क्षमता वाले पीएसए ऑक्सीजन गैस प्लांट का शुभारंभ किया. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एनके महेंद्रु ने बताया कि यह प्लांट हवा से ऑक्सीजन एकत्रित करता है, जिसे पाइन लाइन के माध्यम से रोगियों तक पहुंचाया जाता है.

आइसोलेशन वार्ड में कोविड मरीजों को यह सुविधा प्रदान की जा रही है. चूंकि यह प्लांट थोड़ा छोटा है, ऐसे में यदि ऑक्सीजन की मात्रा पूरी न हो, तो उसके मद्देनजर ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध है. पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के शुरू होने से सिलेंडरों को भरने की थोड़ी समस्या कम हुई है. आइसोलेशन वार्ड में 5 वेंटिलेटर पूरी क्षमता के साथ कार्यान्वित है.

यहां जानिये जिला के अन्य अस्पतालों के हालात

सिरमौर जिले के सिविल अस्पतालों में भी मुख्यमंत्री के दौरे के बाद नई व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं. निजी अस्पतालों के अलावा सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेडों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है. इस बाबत जिला के सीएमओ डॉ. केके पराशर से भी विस्तार से बातचीत की गई.

क्या कहते हैं जिला के सीएमओ सिरमौर?

सिरमौर जिले के सीएमओ डॉ. केके पराशर ने भी बताया कि जिला के अस्पतालों व पीएचसी में आने वाले मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण होने पर डाक्टरों की सलाह पर तुरंत संबंधित व्यक्ति का कोरोना टेस्ट करवाया जाता है. जिले में आरटीपीसीआर व रेपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा जिला भर में मौजूद है.

मई माह में और अधिक बढ़ाई गई कोरोना टेस्टिंग की संख्या

सीएमओ ने बताया कि जिला में अभी तक 800 लोगों की कोरोना सैंपलिंग हो रही थी, जिसकी संख्या पिछले कुछ दिनों में 1000 से 1200 तक बढ़ाई गई है. यह संख्या धीरे-धीरे और अधिक बढ़ाई जा रही है. रेपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा ग्रामीण स्तर पर भी शुरू कर दी गई है. जिला में सभी जगहों पर टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है.

रेमडेसिविर इंजेक्शन भी उपलब्ध, कालाबाजारी का नहीं कोई आया मामला

सीएमओ डॉ. पराशर ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन जिला में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिसे कोविड हेल्थ सेंटर व कोविड अस्पतालों में उपलब्ध करवाया गया है. मेडिकल कॉलेज भी यह इंजेक्शन उपलब्ध है. संबंधित इंजेक्शन की कालाबाजारी का भी कोई मामला जिला में सामने नहीं आया है.

ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं

सीएमओ ने बताया कि जिला के अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर फिलहाल कोई कमी नहीं है. कालाअंब व पांवटा साहिब से ऑक्सीजन सिलेंडरों की नियमित सप्लाई हो रही है. पर्याप्त मात्रा में सिलेंडर उपलब्ध है. जिला में अस्पतालों में अतिरिक्त सिलेंडर भी रखे गए है. ऐसे में जिला में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है.

जिले में ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध

सीएमओ ने बताया कि जिला के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन युक्त बेडो की संख्या को बढ़ाया जा रहा है. पांवटा साहिब सिविल अस्पताल में कोविड हेल्थ सेंटर शुरू किया गया है, जहां पर लगभग 30 बेड ऑक्सीजन के उपलब्ध है.

इसके अलावा पांवटा साहिब के निजी अस्पताल जुनेजा को भी सरकार ने डेडीकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर में तब्दील किया है. यहां पर भी ऑक्सीजन युक्त 40 बेड उपलब्ध है. इसके साथ-साथ नाहन के निजी अस्पताल में भी ऑक्सीजन के 40 बेड मुहैया करवाए गए है.

ऑक्सीजन युक्त 32 बेड उपलब्ध हैं

वहीं बडू साहिब में शुरू किए गए कोविड हेल्थ सेंटर में 40 में से 20 ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा शुरू कर दी गई है. सराहां डेडीकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर में पहले से ही ऑक्सीजन युक्त 32 बेड उपलब्ध हैं. इसके अतिरिक्त जिला के राजगढ़ सिविल अस्पताल में आइसोलेशन में 5 बेड अलग से रखे गए हैं, जिसमें ऑक्सीजन की सुविधा मौजूद है. वहीं, शिलाई सिविल अस्पताल में 5, ददाहू में 5 व संगड़ाह में भी 2 बेड ऑक्सीजन युक्त उपलब्ध है. जरूरत पड़ने पर सिविल अस्पताल में भी कोविड मरीजों को ऑक्सीजन प्रदान की जा सकती है.

नाहन को छोड़ जिला के सरकारी नहीं निजी अस्पताल में उपलब्ध हैं वेंटिलेटर

सीएमओ सिरमौर डॉ. केके पराशर ने बताया कि जिला में नाहन मेडिकल कॉलेज में 5 वेंटिलेटर के अलावा अन्य किसी सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा मौजूद नहीं है. इसके अलावा नाहन के निजी अस्पताल साई व पांवटा साहिब के जुनेजा अस्पताल में क्रमशः 5 व 3 वेंटिलेटर की सुविधा है.

दोनों अस्पतालों को सरकार ने कोविड हेल्थ सेंटर में तब्दील किया है, जिसमें दवाएं स्वास्थ्य विभाग ही उपलब्ध करवा रहा है, जबकि वेंटिलेटर सहित अन्य चीजों के लिए प्रशासन द्वारा दरें भी निर्धारित की गई हैं.

1 लाख 13 हजार 491 लोगों की वैक्सिनेशन

सीएमओ ने बताया कि जिला में अभी तक कोविड वैक्सिनेशन की पहली डोज 89,648 लोगों को लगाई जा चुकी है, जबकि दूसरी डोज 23,843 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है. जिला में कुल लगभग 1 लाख 13 हजार 491 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है.

कुल मिलाकर सिरमौर जिला में मुख्यमंत्री के दौरे के बाद जहां मेडिकल कॉलेज नाहन की व्यवस्थाओं को सही तरीके से पटरी पर लाया गया है, तो वहीं जिला में कोरोना संक्रमण से जंग के बीच काफी तेजी के साथ नई व्यवस्थाएं भी जुटाई गई हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना से जंग जारी: सिरमौर में बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन के लिए आगे आए युवा

नाहन: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से देश सहित प्रदेश भी बुरी तरह से त्रस्त है. ऐसे में उत्तराखंड व हरियाणा राज्यों के साथ सटा सिरमौर जिला में भी इससे खासा प्रभावित हो रहा है.

लिहाजा ईटीवी भारत की टीम ने कोविड-19 स्थिति की जमीनी वास्तविकताओं का जायजा लिया, तो सामने आया है कि जिला में 30 अप्रैल नाहन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हुए नाहन प्रवास के बाद कोरोना संक्रमण से जंग के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को ज्यादा सुदृ़ढ़ किया गया है. साथ-साथ कोरोना मरीजों को भी अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के दावे किए जा रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

मुख्यमंत्री के सामने ही कोविड मरीजों के परिजनों ने उठाए थे व्यवस्थाओं पर सवाल

बता दें कि 30 अप्रैल को जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नाहन में कोविड-19 की समीक्षा बैठक के लिए नाहन पहुंचे थे, तो इसी बीच मुख्यमंत्री ने डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन का भी जायजा लिया था.

इसी बीच जब मुख्यमंत्री आइसोलेशन सेंटर के बाहर पहुंचे तो यहां कोविड मरीजों के परिजनों ने मुख्यमंत्री के समक्ष ही मेडिकल कॉलेज की अव्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए थे. यहां कोरोना से पति की मौत के बाद उसकी संक्रमित पत्नी भी सड़क पर मुख्यमंत्री ने खुद तड़पती हुई देखी थी.

इसके बाद मुख्यमंत्री ने बैठक में न केवल व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश जारी किए थे, बल्कि जिला में नई व्यवस्थाएं जुटाने के लिए भी कहा था, जिस पर प्रशासन के नेतृत्व में जिला भर में काफी तेजी के साथ नई व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं.

पहले जान लीजिए वर्तमान में मेडिकल कॉलेज नाहन के हालात

मुख्यमंत्री के दौरे के बाद नाहन मेडिकल कॉलेज में न केवल बदहाल व्यवस्थाओं को सुधारा गया, बल्कि नई व्यवस्थाएं भी जुटाई जा रही है. सरकार ने मेडिकल कॉलेज को कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया है. लिहाजा सामान्य ओपीडी बंद है. केवल कोरोना मरीजों के बेहतर उपचार पर ही ध्यान दिया जा रहा है.

क्या कहते हैं मेडिकल कॉलेज नाहन के मेडिकल अधीक्षक?

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मेडिकल कॉलेज नाहन के वरिष्ठ मेडिकल अधीक्षक डॉ. श्याम कौशिक ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में बुखार, शरीर में दर्द, खांसी, जुखाम व सांस लेने दिक्कत आ रही हैं, उन सभी के साथ-साथ संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों के कोविड टेस्ट किए जा रहे हैं.

इसके अलावा यदि किसी को कोरोना का संदेह होता है, तो उसकी भी जांच की जा रही है. 5 अप्रैल से 5 वेंटिलेटर शुरू किए जा चुके हैं, जिसको लेकर परिणाम भी अच्छे आ रहे हैं. 5 ओर वेंटिलेटर भी जल्द इंस्टाल कर दिए जाएंगे. जरूरत के अनुसार वेंटिलेटर की सुविधा प्रदान की जा रही है.

नाहन में 72 ऑक्सीजन युक्त बेड करवाए जा चुके हैं उपलब्ध

मेडिकल अधीक्षक डॉ. श्याम कौशिक ने बताया कि कोविड आइसोलेशन के साथ-साथ वर्तमान में 72 ऑक्सीजन युक्त बेडों की व्यवस्था की जा चुकी है. जल्द ही जिनकी संख्या 110 तक पहुंचाने के लिए प्रबंधन प्रयासरत है. 200 बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाने के लिए भी सरकार को लिखा गया है. फिलहाल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. 68 बड़े सिलेंडर प्रतिदिन मेडिकल कॉलेज में लग रहे हैं.

15 मई से शुरू हुआ पीएसए ऑक्सीजन गैस प्लांट: प्रिंसिपल

15 मई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नाहन मेडिकल कॉलेज के 300 एलपीएम क्षमता वाले पीएसए ऑक्सीजन गैस प्लांट का शुभारंभ किया. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एनके महेंद्रु ने बताया कि यह प्लांट हवा से ऑक्सीजन एकत्रित करता है, जिसे पाइन लाइन के माध्यम से रोगियों तक पहुंचाया जाता है.

आइसोलेशन वार्ड में कोविड मरीजों को यह सुविधा प्रदान की जा रही है. चूंकि यह प्लांट थोड़ा छोटा है, ऐसे में यदि ऑक्सीजन की मात्रा पूरी न हो, तो उसके मद्देनजर ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध है. पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के शुरू होने से सिलेंडरों को भरने की थोड़ी समस्या कम हुई है. आइसोलेशन वार्ड में 5 वेंटिलेटर पूरी क्षमता के साथ कार्यान्वित है.

यहां जानिये जिला के अन्य अस्पतालों के हालात

सिरमौर जिले के सिविल अस्पतालों में भी मुख्यमंत्री के दौरे के बाद नई व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं. निजी अस्पतालों के अलावा सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेडों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है. इस बाबत जिला के सीएमओ डॉ. केके पराशर से भी विस्तार से बातचीत की गई.

क्या कहते हैं जिला के सीएमओ सिरमौर?

सिरमौर जिले के सीएमओ डॉ. केके पराशर ने भी बताया कि जिला के अस्पतालों व पीएचसी में आने वाले मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण होने पर डाक्टरों की सलाह पर तुरंत संबंधित व्यक्ति का कोरोना टेस्ट करवाया जाता है. जिले में आरटीपीसीआर व रेपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा जिला भर में मौजूद है.

मई माह में और अधिक बढ़ाई गई कोरोना टेस्टिंग की संख्या

सीएमओ ने बताया कि जिला में अभी तक 800 लोगों की कोरोना सैंपलिंग हो रही थी, जिसकी संख्या पिछले कुछ दिनों में 1000 से 1200 तक बढ़ाई गई है. यह संख्या धीरे-धीरे और अधिक बढ़ाई जा रही है. रेपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा ग्रामीण स्तर पर भी शुरू कर दी गई है. जिला में सभी जगहों पर टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है.

रेमडेसिविर इंजेक्शन भी उपलब्ध, कालाबाजारी का नहीं कोई आया मामला

सीएमओ डॉ. पराशर ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन जिला में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिसे कोविड हेल्थ सेंटर व कोविड अस्पतालों में उपलब्ध करवाया गया है. मेडिकल कॉलेज भी यह इंजेक्शन उपलब्ध है. संबंधित इंजेक्शन की कालाबाजारी का भी कोई मामला जिला में सामने नहीं आया है.

ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं

सीएमओ ने बताया कि जिला के अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर फिलहाल कोई कमी नहीं है. कालाअंब व पांवटा साहिब से ऑक्सीजन सिलेंडरों की नियमित सप्लाई हो रही है. पर्याप्त मात्रा में सिलेंडर उपलब्ध है. जिला में अस्पतालों में अतिरिक्त सिलेंडर भी रखे गए है. ऐसे में जिला में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है.

जिले में ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध

सीएमओ ने बताया कि जिला के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन युक्त बेडो की संख्या को बढ़ाया जा रहा है. पांवटा साहिब सिविल अस्पताल में कोविड हेल्थ सेंटर शुरू किया गया है, जहां पर लगभग 30 बेड ऑक्सीजन के उपलब्ध है.

इसके अलावा पांवटा साहिब के निजी अस्पताल जुनेजा को भी सरकार ने डेडीकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर में तब्दील किया है. यहां पर भी ऑक्सीजन युक्त 40 बेड उपलब्ध है. इसके साथ-साथ नाहन के निजी अस्पताल में भी ऑक्सीजन के 40 बेड मुहैया करवाए गए है.

ऑक्सीजन युक्त 32 बेड उपलब्ध हैं

वहीं बडू साहिब में शुरू किए गए कोविड हेल्थ सेंटर में 40 में से 20 ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा शुरू कर दी गई है. सराहां डेडीकेटिड कोविड हेल्थ सेंटर में पहले से ही ऑक्सीजन युक्त 32 बेड उपलब्ध हैं. इसके अतिरिक्त जिला के राजगढ़ सिविल अस्पताल में आइसोलेशन में 5 बेड अलग से रखे गए हैं, जिसमें ऑक्सीजन की सुविधा मौजूद है. वहीं, शिलाई सिविल अस्पताल में 5, ददाहू में 5 व संगड़ाह में भी 2 बेड ऑक्सीजन युक्त उपलब्ध है. जरूरत पड़ने पर सिविल अस्पताल में भी कोविड मरीजों को ऑक्सीजन प्रदान की जा सकती है.

नाहन को छोड़ जिला के सरकारी नहीं निजी अस्पताल में उपलब्ध हैं वेंटिलेटर

सीएमओ सिरमौर डॉ. केके पराशर ने बताया कि जिला में नाहन मेडिकल कॉलेज में 5 वेंटिलेटर के अलावा अन्य किसी सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा मौजूद नहीं है. इसके अलावा नाहन के निजी अस्पताल साई व पांवटा साहिब के जुनेजा अस्पताल में क्रमशः 5 व 3 वेंटिलेटर की सुविधा है.

दोनों अस्पतालों को सरकार ने कोविड हेल्थ सेंटर में तब्दील किया है, जिसमें दवाएं स्वास्थ्य विभाग ही उपलब्ध करवा रहा है, जबकि वेंटिलेटर सहित अन्य चीजों के लिए प्रशासन द्वारा दरें भी निर्धारित की गई हैं.

1 लाख 13 हजार 491 लोगों की वैक्सिनेशन

सीएमओ ने बताया कि जिला में अभी तक कोविड वैक्सिनेशन की पहली डोज 89,648 लोगों को लगाई जा चुकी है, जबकि दूसरी डोज 23,843 लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है. जिला में कुल लगभग 1 लाख 13 हजार 491 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है.

कुल मिलाकर सिरमौर जिला में मुख्यमंत्री के दौरे के बाद जहां मेडिकल कॉलेज नाहन की व्यवस्थाओं को सही तरीके से पटरी पर लाया गया है, तो वहीं जिला में कोरोना संक्रमण से जंग के बीच काफी तेजी के साथ नई व्यवस्थाएं भी जुटाई गई हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना से जंग जारी: सिरमौर में बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन के लिए आगे आए युवा

Last Updated : May 18, 2021, 3:50 PM IST
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