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देशभर में बढ़ी हिमाचल के लहसुन की मांग, दोगुने दाम मिलने पर किसानों के खिले चेहरे

सिरमौर का गिरीपार क्षेत्र लहसुन उत्पादन के लिए जाना जाता है. यहां अच्छे किस्म का लहसुन उगाया जाता है. ऐसे में इसकी डिमांड देश के विभिन्न हिस्सों में रहती है.

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Published : Jun 8, 2019, 1:24 PM IST

नाहन: इस बार लहसुन की खेती सिरमौर के किसानों की तकदीर बदलने वाली साबित हो रही है. लहसुन की बंपर पैदावार से किसानों की बांछें खिल गई है. किसानों को पिछले साल की अपेक्षा इस बार फसल के लगभग डबल दाम मिल रहे हैं.

बता दें कि सिरमौर का गिरीपार क्षेत्र लहसुन उत्पादन के लिए जाना जाता है. यहां अच्छे किस्म का लहसुन उगाया जाता है. ऐसे में इसकी डिमांड देश के विभिन्न हिस्सों में रहती है. इन दिनों यहां का लहसुन उत्तरी भारत के कई राज्यों समेत दक्षिणी भारत में भी सप्लाई हो रहा है.

देशभर में बिक रहा सिरमौर का लहसुन (वीडियो).

दरअसल, पिछले साल किसानों को लहसुन के 40 से 50 रुपये प्रति किलो दाम मिल रहे थे, लेकिन इस बार लहसुन के दामों में काफी उछाल आया है. इस बार लहसुन 80 से 100 रुपये किलो तक बिक रहा है. किसानों के लिए राहत की बात ये भी है कि दिल्ली सहित अन्य राज्यों के व्यापारी खेत से ही माल उठा रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस बार उन्होंने परंपरागत बीज के साथ-साथ कश्मीरी लहसुन पर भी दांव खेला था, जिससे उन्हें बेहद फायदा हुआ है.

ये भी पढ़ें: NH-305 पर 2 दिन के लिए वाहनों की आवाजाही बंद, सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने उठाया कदम

किसानों ने बताया कि अदरक के बाद लहसुन सिरमौर जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में दूसरी सबसे कमाऊ नकदी फसल साबित हो रही है. एक दशक के भीतर अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिकतर किसान लहसुन की फसल उगाकर लाखों कमा रहे हैं. यही वजह है कि अब और अधिक किसानों का लहसुन की खेती की तरफ रुझान बढ़ रहा है.

नाहन: इस बार लहसुन की खेती सिरमौर के किसानों की तकदीर बदलने वाली साबित हो रही है. लहसुन की बंपर पैदावार से किसानों की बांछें खिल गई है. किसानों को पिछले साल की अपेक्षा इस बार फसल के लगभग डबल दाम मिल रहे हैं.

बता दें कि सिरमौर का गिरीपार क्षेत्र लहसुन उत्पादन के लिए जाना जाता है. यहां अच्छे किस्म का लहसुन उगाया जाता है. ऐसे में इसकी डिमांड देश के विभिन्न हिस्सों में रहती है. इन दिनों यहां का लहसुन उत्तरी भारत के कई राज्यों समेत दक्षिणी भारत में भी सप्लाई हो रहा है.

देशभर में बिक रहा सिरमौर का लहसुन (वीडियो).

दरअसल, पिछले साल किसानों को लहसुन के 40 से 50 रुपये प्रति किलो दाम मिल रहे थे, लेकिन इस बार लहसुन के दामों में काफी उछाल आया है. इस बार लहसुन 80 से 100 रुपये किलो तक बिक रहा है. किसानों के लिए राहत की बात ये भी है कि दिल्ली सहित अन्य राज्यों के व्यापारी खेत से ही माल उठा रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस बार उन्होंने परंपरागत बीज के साथ-साथ कश्मीरी लहसुन पर भी दांव खेला था, जिससे उन्हें बेहद फायदा हुआ है.

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किसानों ने बताया कि अदरक के बाद लहसुन सिरमौर जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में दूसरी सबसे कमाऊ नकदी फसल साबित हो रही है. एक दशक के भीतर अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिकतर किसान लहसुन की फसल उगाकर लाखों कमा रहे हैं. यही वजह है कि अब और अधिक किसानों का लहसुन की खेती की तरफ रुझान बढ़ रहा है.

Intro:संबंधित खबर के वीडियो मेल पर है जी, कृपया वहां से उठा लें


-भारत के कई राज्यों में होती है लहसून की सप्लाई, इस बार बढ़े दामों से खिली किसानों की बांछे 
नाहन। लहसून की खेती इस बार सिरमोर के किसानों की तकदीर बदलने वाली साबित हो रही है। इस बार यहां लहसून की बंपर फसल हुई है। वहीं किसानों को पिछले सालों की अपेक्षा फसल के लगभग दोगुने दाम मिल रहे हैं। सिरमौर जिला का गिरीपार क्षेत्र लहसून उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां अच्छे किस्म के लहसून का उत्पादन होता है। ऐसे में इसकी डिमांड देश के विभिन्न हिस्सों में रहती है। इन दिनों यहां का लहसून उत्तरी भारत के कई राज्यों में सप्लाई हो रहा है। 


Body:दरअसल पिछले वर्षों में किसानों को लहसून के 40 से 50 रूपए प्रति किलो दाम मिल रहे थे। मगर इस बार लहसून के दामों पर काफी उछाल आया है। इस मर्तबा किसानों का लहसून 80 से 100 रूपए किलो तक बिक रहा है। किसानों के लिए राहत की बात यह भी है कि दिल्ली सहित अन्य राज्यों के व्यापारी खेत से ही माल उठा रहे हैं।
किसानों का कहना है कि इस बार लहसुन परंपरागत बीजों को छोड़कर कश्मीरी लहसून पर दाव खेला था, जिसमें किसान सफल ही नहीं रहे, बल्कि मालामाल भी हो गए हैं। किसानों को इस बार जहां बंपर फसल प्राप्त हुई है, वहीं इसके दाम भी दोगुने ही मिले है। इससे क्षेत्र के किसान काफी खुश है। 
बाइट: टिंबी राम, स्थानीय किसान 

वहीं अन्य किसानों का भी यह कहना है कि अदरक के बाद लहसून सिरमौर जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में दूसरी सबसे कमाऊ नगदी फसल साबित हो रही है। एक दशक के भीतर अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिकतर किसान लहसून की फसल उगा कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। यही कारण है कि अब और अधिक किसानों का लहसून की खेती की तरफ रुझान बढ़ रहा है। सिरमौर के गिरी पास क्षेत्र का लहसुन न सिर्फ पड़ोसी राज्यों बल्कि पूर्वी भारत उत्तरी, भारत और दक्षिण भारत में भी पहुंच रहा है।
बाइट . स्थानीय किसान-1 व 2 



Conclusion:कुल मिलाकर किसानों ने माना कि निश्चित तौर पर अच्छे दाम मिलने से उनकी आर्थिकी पर असर पड़ेगा, क्योंकि लहसुन उनकी आर्थिकी का मुख्य साधन है। निश्चित तौर पर लहसुन के अच्छे दाम मिलने से किसानों के लिए राहत भरी खबर है, क्योंकि पिछले दो-तीन वर्षों में किसान यहां मौसम की मार झेल रहे थे।
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