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महीने में कितनी बार धुलता है ट्रेन में यात्रियों को मिलने वाला कंबल? रेल मंत्री ने खुद दी जानकारी - RAILWAY MINISTER ASHWINI VAISHNAW

ट्रेन पैसेंजर्स की अक्सर ये शिकायत रहती है कि ट्रेन के सफर में मिलने वाले और कंबल-चादर साफ नहीं होते हैं.

अश्‍व‍िनी वैष्‍णव
अश्‍व‍िनी वैष्‍णव (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2024, 12:46 PM IST

नई दिल्ली: हम में से लगभग सभी लोगों ने कभी न कभी ट्रेन से सफर जरूर किया होगा. जब हम ट्रेन से यात्रा करते हैं तो हमें इस्तेमाल के लिए मुफ्त में चादर-कंबल दिए जाते हैं. हालांकि, कि ये चादर-कंबल सिर्फ एसी कोचों में यात्रा करने वाले यात्रियों को मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं.

ट्रेन पैसेंजर्स की अक्सर ये शिकायत रहती है कि ट्रेन के सफर में मिलने वाले और कंबल-चादर साफ नहीं होते हैं. लोग समय-समय पर इनके गंदे होने की शिकतायत करते हैं. ऐसे में कई बार मन में यह सवाल आता है कि ट्रेन में मिलने वाली चादरें और कंबल कितनी बार धोए जाते हैं?

कितनी बार धोया जाता है कंबल?
अगर आपके मन भी यह सवाल है तो अब इसका जवाब खुद रेल मंत्री अश्‍व‍िनी वैष्‍णव ने लोकसभा में दिया है. उन्होंने कांग्रेस सांसद कुलदीप इंदौरा के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ट्रेन यात्रियों के कंबल महीने में कम से कम एक बार धोए जाते हैं. बता दें कि रेलवे यात्रियों को स्‍वच्‍छता मानकों के अनुसार ब‍िस्‍तर उपलब्‍ध कराने के ल‍िए पैसे लेता है.

बेड रोल किट में एक्‍सट्रा चादर
रेल मंत्री ने आगे बताया क‍ि यात्रियों को बेड रोल किट में एक एक्‍सट्रा चादर दी जाती है. बेड रोल किट में मिलने वाली एक चादर बर्थ पर बिछाने के लिए होती है, जबकि दूसरी चादर-कंबल पर कवर के लिए. उन्होंने अपने लिखित जवाब से यह स्‍पष्‍ट किया मौजूदा समय में रेलवे की तरफ से यात्रियों को द‍िये जाने वाले कंबल हल्के, वॉशेबल और बेहतर इन्सुलेशन देने के ल‍िए ड‍िजाइन किए गए हैं, जिससे यात्रा का अनुभव आरामदायक हो.

अश्‍व‍िनी वैष्‍णव ने कहा कि चादर-कंबल की सफाई के ल‍िए ऑटोमेट‍िड लॉन्‍ड्री फेस‍िलि‍टी, स्‍टैंडराइज वाश‍िंग इक्‍युपमेंट, स्‍पेस‍िफ‍िक क्‍लीन‍िंग एजेंट और कपड़े धोने की प्रोसेस की पूरी देखरेख की जाती है. उन्होंने बताया कि व्‍हाइटो-मीटर से धुली हुई कंबल और चादर की ल‍िनन क्‍वाल‍िटी चेक की जाती है.

श‍िकायतों पर नजर रखने के लिए वॉर रूम
उन्‍होंने लोकसभा में बताया क‍ि रेलमदद पोर्टल पर दर्ज शिकायतों में लिनन / बेडरॉल से जुड़ी श‍िकायतों पर नजर रखने और उन पर तुरंत एक्सन लेने के लिए जोनल हेड ऑफ‍िस और डिवीजनल लेवल पर वॉर रूम स्थापित किए गए हैं.

यह भी पढ़ें- सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट: अश्विनी वैष्णव बोले- इस पर सख्त कानून बनाना चाहिए

नई दिल्ली: हम में से लगभग सभी लोगों ने कभी न कभी ट्रेन से सफर जरूर किया होगा. जब हम ट्रेन से यात्रा करते हैं तो हमें इस्तेमाल के लिए मुफ्त में चादर-कंबल दिए जाते हैं. हालांकि, कि ये चादर-कंबल सिर्फ एसी कोचों में यात्रा करने वाले यात्रियों को मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं.

ट्रेन पैसेंजर्स की अक्सर ये शिकायत रहती है कि ट्रेन के सफर में मिलने वाले और कंबल-चादर साफ नहीं होते हैं. लोग समय-समय पर इनके गंदे होने की शिकतायत करते हैं. ऐसे में कई बार मन में यह सवाल आता है कि ट्रेन में मिलने वाली चादरें और कंबल कितनी बार धोए जाते हैं?

कितनी बार धोया जाता है कंबल?
अगर आपके मन भी यह सवाल है तो अब इसका जवाब खुद रेल मंत्री अश्‍व‍िनी वैष्‍णव ने लोकसभा में दिया है. उन्होंने कांग्रेस सांसद कुलदीप इंदौरा के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ट्रेन यात्रियों के कंबल महीने में कम से कम एक बार धोए जाते हैं. बता दें कि रेलवे यात्रियों को स्‍वच्‍छता मानकों के अनुसार ब‍िस्‍तर उपलब्‍ध कराने के ल‍िए पैसे लेता है.

बेड रोल किट में एक्‍सट्रा चादर
रेल मंत्री ने आगे बताया क‍ि यात्रियों को बेड रोल किट में एक एक्‍सट्रा चादर दी जाती है. बेड रोल किट में मिलने वाली एक चादर बर्थ पर बिछाने के लिए होती है, जबकि दूसरी चादर-कंबल पर कवर के लिए. उन्होंने अपने लिखित जवाब से यह स्‍पष्‍ट किया मौजूदा समय में रेलवे की तरफ से यात्रियों को द‍िये जाने वाले कंबल हल्के, वॉशेबल और बेहतर इन्सुलेशन देने के ल‍िए ड‍िजाइन किए गए हैं, जिससे यात्रा का अनुभव आरामदायक हो.

अश्‍व‍िनी वैष्‍णव ने कहा कि चादर-कंबल की सफाई के ल‍िए ऑटोमेट‍िड लॉन्‍ड्री फेस‍िलि‍टी, स्‍टैंडराइज वाश‍िंग इक्‍युपमेंट, स्‍पेस‍िफ‍िक क्‍लीन‍िंग एजेंट और कपड़े धोने की प्रोसेस की पूरी देखरेख की जाती है. उन्होंने बताया कि व्‍हाइटो-मीटर से धुली हुई कंबल और चादर की ल‍िनन क्‍वाल‍िटी चेक की जाती है.

श‍िकायतों पर नजर रखने के लिए वॉर रूम
उन्‍होंने लोकसभा में बताया क‍ि रेलमदद पोर्टल पर दर्ज शिकायतों में लिनन / बेडरॉल से जुड़ी श‍िकायतों पर नजर रखने और उन पर तुरंत एक्सन लेने के लिए जोनल हेड ऑफ‍िस और डिवीजनल लेवल पर वॉर रूम स्थापित किए गए हैं.

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