नाहन : हिमाचल का सिरमौर जिला अपने लहसुन के लिए भी जाना जाता है. पिछले कुछ सालों में यहां के किसानों का रुझान लहसुन की खेती की ओर बढ़ा है जिसका असर लहसुन उत्पादन के क्षेत्र के साथ-साथ इसकी पैदावार पर भी पड़ा है. सिरमौर जिला में लहसुन यहां की प्रमुख नगदी फसल बनकर उभर रही है. जिले में साल दर साल लहसुन की पैदावार बढ़ती जा रही है. (Garlic cultivation in Himachal) (Garlic cultivation in Sirmaur)
6 साल में बढ़ी है खेती और उत्पादन- सिरमौर जिले में किसानों का रुझान लहसुन की खेती की ओर लगातार बढ़ रहा है. बीते 6 सालों के आंकड़े इसकी गवाही भी देते हैं. कृषि विभाग के मुताबिक 2016-17 में जिले में केवल 1693 हेक्टेयर भूमि पर 26580 मीट्रिक टन लहसून का उत्पादन हो रहा था. 2017-18 में यह आंकड़ा बढ़कर 1960 हेक्टेयर भूमि पर उत्पादन 30,020 मीट्रिक टन तक जा पहुंचा. 2018-19 में लहसुन का उत्पादन क्षेत्र 2020 हेक्टेयर भूमि में 30,939 मीट्रिक टन तक पहुंच गया. इसके बाद 2019-20 में लहसुन के उत्पादन क्षेत्र व पैदावार में बड़ी उछाल दर्ज की गई. जब 3734 हेक्टेयर भूमि पर 57,205 मीट्रिक टन लहसुन का उत्पादन हुआ. (Garlic production in himachal) (Garlic production in Sirmaur)
साल | लहसुन की खेती (हेक्टेयर) | लहसुन का उत्पाद (मीट्रिक टन) |
2016-17 | 1693 | 26,580 |
2017-18 | 1960 | 30,020 |
2018-19 | 2020 | 30,939 |
2019-20 | 3734 | 57,205 |
2020-21 | 3970 | 60,637 |
2021-22 | 4000 | 60,650 |
पिछले साल 2020-21 में जिला में 3970 हेक्टेयर भूमि पर 60,637 मीट्रिक टन की पैदावार हुई. वहीं 2021-22 में 4000 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन की पैदावार 60,650 मीट्रिक टन पहुंच गई. कृषि विभाग के मुताबिक इस साल भी पिछले साल के बराबर भूमि पर लहसुन की फसल तैयार होगी. हिमाचल में लहसुन उत्पादन के मामले में सिरमौर जिला अव्वल है.
सिरमौर की पहचान बना लहसुन- सिरमौर जिला कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि वन डिस्ट्रिक, वन प्रोडेक्ट की जहां बात आती हैं, वहां सिरमौर जिला में लहसुन की फसल मुख्य व्यवसायिक फसल है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में लहसुन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा एरिया जिला सिरमौर का ही है. उन्होंने कहा कि पिछले 6 सालों में सिरमौर में लहसुन की खेती के प्रति किसानों का रूझान लगातार बढ़ता जा रहा है. 2016-17 में केवल जिला में 1693 हेक्टेयर भूमि पर 26580 मीट्रिक टन तक ही लहसुन की पैदावार हो रही थी, जो पिछले साल 2021-22 में बढ़कर 4000 हेक्टेयर भूमि तक पहुंच गया और करीब 60,000 मीट्रिक टन तक इसका पहुंच गया. सिरमौर का लहसुन दक्षिण भारत सहित देश के विभिन्न मंडियों में धूम मचाता आ रहा है.
लहसुन उत्पादक ध्यान दें- हिमाचल में लहसुन की खेती सबसे ज्यादा सिरमौर जिले में होती है. कृषि उपनिदेशक ने बताया कि अब किसान लहसुन को व्यवसायिक फसल के रूप में लेकर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं. उन्होंने किसानों से अपील की है कि लहसुन की फसल का बीमा जरूर करवाएं ताकि नुकसान की भरपाई हो सके. साथ ही शुष्क मौसम के चलते उन्होंने किसानों को लहसुन की फसल पर हल्की सिंचाई करने के टिप्स दिए हैं. बता दें कि सिरमौर का लहसुन पूरे देश भर में सप्लाई होता है. दक्षिण भारत की मंडियों तक भी ये लहसुन पहुंचता है. पिछले साल भी यहां के किसानों को लहसुन के 80 से 120 रूपये किलो तक दाम मिले थे.
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