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कांग्रेस से बागी हुए गंगूराम मुसाफिर, पच्छाद में राजीव शुक्ला के खिलाफ लगे नारे

पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट न मिलने की वजह से वरिष्ठ कांग्रेस नेता गंगूराम मुसाफिर पार्टी से बागी हो गए हैं. ऐसे में वे पच्छाद से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. जिसके लिए उन्होंने मंगलवार को सराहां में अपना नामांकन दाखिल किया. (Pachhad Assembly constituency) (Ganguram Musafir Files Nomination from Pachhad) (Himachal Assembly Election 2022)

Pachhad Assembly constituency
कांग्रेस से बागी हुए गंगूराम मुसाफिर
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Published : Oct 26, 2022, 8:44 AM IST

Updated : Oct 26, 2022, 10:39 AM IST

नाहन: जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट न मिलने की वजह से वरिष्ठ कांग्रेस नेता गंगूराम मुसाफिर पार्टी से बागी हो गए हैं. मंगलवार को मुसाफिर ने सराहां में अपना नामांकन दाखिल किया. दरअसल गंगूराम टिकट न दिए जाने से नाराज लोगों ने इस दौरान राजीव शुक्ला व पार्टी आलाकमान के खिलाफ भी जमकर नारे लगाए. इसके साथ ही वीरभद्र सिंह अमर रहे के नारों से पंडाल गूंजता रहा. (Pachhad Assembly constituency) (Ganguram Musafir Files Nomination from Pachhad)

40 साल बाद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भरा नामांकन- बता दें कि गंगूराम मुसाफिर ने शनिवार को राजगढ़ में अपने समर्थकों के साथ बैठक कर पार्टी हाईकमान को 25 अक्टूबर तक टिकट बदलने का अल्टीमेटम दिया था. जब हाईकमान ने टिकट नहीं बदला, तो मंगलवार को नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन गंगूराम मुसाफिर ने 40 वर्षों के बाद एक बार फिर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपने नामांकन भरा. (Ganguram Musafir Files Nomination) (Himachal Assembly Election 2022)

6 बार कांग्रेस से टिकट पर चुनाव जीते गंगूराम मुसाफिर- 1982 में कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर निर्दलीय विधायक चुने गए थे. उसके बाद से वह 6 बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते और विधायक बने. साथ ही कई विभागों के राज्य मंत्री व कैबिनेट मंत्री सहित विधानसभा अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे. वहीं, अप्रैल माह में जब बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में दयाल प्यारी आई, तो उसके बाद से ही पच्छाद कांग्रेस मंडल में उसका विरोध शुरू हो गया था. (Pachhad Assembly constituency) (Ganguram Musafir Files Nomination from Pachhad)

टिकट न मिलने से गंगूराम मुसाफिर के समर्थकों में निराशा- मंडल में दयाल प्यारी का विरोध देखकर हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने प्रदेश के सात ब्लॉक कांग्रेस मंडल भंग किए, जिसमें पच्छाद मंडल भी शामिल था. इससे इस बात के संकेत मिल गए थे कि दयाल प्यारी को टिकट मिलना तय था. एक सप्ताह पहले जब दयाल प्यारी को टिकट मिला, तो गंगूराम मुसाफिर समर्थकों में भारी निराशा हुई. गंगूराम के समर्थकों ने गंगूराम मुसाफिर को एक बार फिर 1982 का इतिहास दोहराने के लिए निर्दलीय मैदान में उतरने को मनाया. (Ganguram Musafir Files Nomination) (Himachal Assembly Election 2022)

पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से पांच प्रत्याशी ने भरा नामांकन- समर्थकों के कहने पर मंगलवार को चार दशकों के बाद फिर से आजाद प्रत्याशी के तौर पर गंगूराम ने नामांकन दाखिल किया. पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से पांच प्रत्याशी नामांकन कर चुके हैं, जिसमें से आज तक सबसे अधिक समर्थन गंगूराम मुसाफिर के नामांकन दाखिल करने के दौरान दिखा. जिस तरह से गंगूराम मुसाफिर के समर्थन में मंगलवार को लोग जुटे हैं, उससे यह चुनाव एक बार फिर त्रिकोणीय स्थिति में पहुंच गया है. (Pachhad Assembly constituency) (Ganguram Musafir Files Nomination from Pachhad)

ये भी पढ़ें: नामांकन का अंतिम दिन: कांगड़ा जिले में 72 प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन

नाहन: जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट न मिलने की वजह से वरिष्ठ कांग्रेस नेता गंगूराम मुसाफिर पार्टी से बागी हो गए हैं. मंगलवार को मुसाफिर ने सराहां में अपना नामांकन दाखिल किया. दरअसल गंगूराम टिकट न दिए जाने से नाराज लोगों ने इस दौरान राजीव शुक्ला व पार्टी आलाकमान के खिलाफ भी जमकर नारे लगाए. इसके साथ ही वीरभद्र सिंह अमर रहे के नारों से पंडाल गूंजता रहा. (Pachhad Assembly constituency) (Ganguram Musafir Files Nomination from Pachhad)

40 साल बाद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर भरा नामांकन- बता दें कि गंगूराम मुसाफिर ने शनिवार को राजगढ़ में अपने समर्थकों के साथ बैठक कर पार्टी हाईकमान को 25 अक्टूबर तक टिकट बदलने का अल्टीमेटम दिया था. जब हाईकमान ने टिकट नहीं बदला, तो मंगलवार को नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन गंगूराम मुसाफिर ने 40 वर्षों के बाद एक बार फिर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपने नामांकन भरा. (Ganguram Musafir Files Nomination) (Himachal Assembly Election 2022)

6 बार कांग्रेस से टिकट पर चुनाव जीते गंगूराम मुसाफिर- 1982 में कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर निर्दलीय विधायक चुने गए थे. उसके बाद से वह 6 बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते और विधायक बने. साथ ही कई विभागों के राज्य मंत्री व कैबिनेट मंत्री सहित विधानसभा अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे. वहीं, अप्रैल माह में जब बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में दयाल प्यारी आई, तो उसके बाद से ही पच्छाद कांग्रेस मंडल में उसका विरोध शुरू हो गया था. (Pachhad Assembly constituency) (Ganguram Musafir Files Nomination from Pachhad)

टिकट न मिलने से गंगूराम मुसाफिर के समर्थकों में निराशा- मंडल में दयाल प्यारी का विरोध देखकर हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला ने प्रदेश के सात ब्लॉक कांग्रेस मंडल भंग किए, जिसमें पच्छाद मंडल भी शामिल था. इससे इस बात के संकेत मिल गए थे कि दयाल प्यारी को टिकट मिलना तय था. एक सप्ताह पहले जब दयाल प्यारी को टिकट मिला, तो गंगूराम मुसाफिर समर्थकों में भारी निराशा हुई. गंगूराम के समर्थकों ने गंगूराम मुसाफिर को एक बार फिर 1982 का इतिहास दोहराने के लिए निर्दलीय मैदान में उतरने को मनाया. (Ganguram Musafir Files Nomination) (Himachal Assembly Election 2022)

पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से पांच प्रत्याशी ने भरा नामांकन- समर्थकों के कहने पर मंगलवार को चार दशकों के बाद फिर से आजाद प्रत्याशी के तौर पर गंगूराम ने नामांकन दाखिल किया. पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से पांच प्रत्याशी नामांकन कर चुके हैं, जिसमें से आज तक सबसे अधिक समर्थन गंगूराम मुसाफिर के नामांकन दाखिल करने के दौरान दिखा. जिस तरह से गंगूराम मुसाफिर के समर्थन में मंगलवार को लोग जुटे हैं, उससे यह चुनाव एक बार फिर त्रिकोणीय स्थिति में पहुंच गया है. (Pachhad Assembly constituency) (Ganguram Musafir Files Nomination from Pachhad)

ये भी पढ़ें: नामांकन का अंतिम दिन: कांगड़ा जिले में 72 प्रत्याशियों ने दाखिल किया नामांकन

Last Updated : Oct 26, 2022, 10:39 AM IST
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