नाहन: जंगलों में आगजनी की घटनाओं को लेकर चीड़ की पत्तियां बारूद का काम करती है. लिहाजा आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए वन विभाग ने भी खास इंतजाम कर रखे हैं. सड़क किनारे बिखरी चीड़ की पत्तियों को कर्मचारियों द्वारा एकत्रित किया जा रहा है, ताकि जंगलों को आग की घटनाओं बचाया जा सके.
एक ओर जहां वन मंडलों में आए दिन कहीं न कहीं आगजनी की घटनाएं सामने आ रही है, वहीं राजगढ़ वन मंडल के पूरे इलाके में अब तक आगजनी की घटना का कोई भी मामला सामने नहीं आया है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां वन विभाग कितनी मुस्तैदी से काम कर रहा है. जबकि पूरे राजगढ़ वन मंडल में अधिकतर चीड़ के पेड़ों के जंगल है.
सराहां वन बीट के रेंज ऑफिसर रोशन लाल शर्मा ने बताया कि फायर सीजन के देखते हुए अप्रैल माह से 30 जून तक कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द है. जंगल में किसी भी तरह की आग पर नियंत्रण करना, फायर लाइनों को साफ करना, सड़कों के किनारे पत्तियों को साफ करने को लेकर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है.
राजगढ़ वन मंडल में अब तक आगजनी की घटनाओं पर पूरा नियंत्रण है. पूरे वन मंडल में अब तक कहीं भी कोई मामला सामने नहीं आया है. रेंज आफिसर रोशन लाल ने यह भी बताया कि पिछले साल आगजनी की घटना में एक व्यक्ति झुलस भी गया था. जबकि एक व्यक्ति को जंगल में आग लगाते हुए भी रंगे हाथों पकड़ा गया था, जिस पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी.
उन्होंने बताया कि इस बार विभाग लोगों का भी सहयोग ले रहा है. जंगलों में आगजनी की सूचना तुरंत वन कर्मियों को भी दी जाएं. पूरा कार्यक्रम सैटेलाइट से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा आगजनी के लिए वन विभाग ने क्षेत्र में एक वाहन भी उपलब्ध करवाया हुआ है, जिससे पानी का स्प्रे कर 400 से 500 मीटर तक आग पर काबू पाया जा सकता है.
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