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सवालों के घेरे में नगर परिषद पांवटा साहिब, कथित बीजेपी नेता ने कोड़ियों में बेचा लाखों का स्क्रैप

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Published : Feb 18, 2021, 8:40 PM IST

नगर परिषद पांवटा साहिब लाखों के स्क्रैप की बिक्री को लेकर एक बार फिर घेरे में आ गई है.लाखों की कीमत के ठोस लोहे के डिवाइडर नगर परिषद परिसर से गायब हो गए. जबकी इस स्क्रैप को नियम कानूनों की प्रक्रिया पूरी कर नीलाम किया जाना था. लेकिन कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना किसी कबाड़ी को बुला कर ये स्क्रैप उठवा दिए गए.

Paonta Sahib Municipal Council
पांवटा साहिब नगर परिषद

पांवटा साहिब: पहले भी विवादों में रही नगर परिषद ने कुछ दिन पहले ही ईमानदारी से कार्य करने की कसम खाई थी, लेकिन नगर परिषद पांवटा साहिब लाखों के स्क्रैप की बिक्री को लेकर एक बार फिर घेरे में आ गई है. मामला नेशनल हाइवे से हटाए गए लाखों के डिवाइडर का है. जिसे आनन फानन में बेचे जाने के बाद सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

दवा निर्माता कंपनी के सौजन्य से लगे थे डिवाइडर

जानकारी मुताबिक पिछली सरकार के कार्यकाल में नेशनल हाइवे पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए तत्कालीन विधायक चौधरी किरनेश जंग ने हाईवे के बीचों बीच ठोस लोहे के डिवाइडर लगवाए थे. हालांकि बजट के आभाव में चौधरी किरनेश जंग के आग्रह पर दवा निर्माता कंपनी सन फार्मा के सौजन्य से इसकी लागत का 55 लाख रुपए का भुगतान किया गया, जबकि 18 लाख के भुगतान नगर परिषद की ओर से किया गया.

हाइवे के विस्तारीकरण के दौरान हटाये डिवाइडर

वर्तमान में नेशनल हाइवे के विस्तारीकरण के दौरान इन डिवाइडर को हटाया जाना तय था. जिसके तहत नेशनल हाइवे अथॉरिटीज ने इन डिवाइडर को हटा कर नगर परिषद के हवाले कर दिया,लेकिन सवाल तब उठने शुरू हुए जब लाखों की कीमत के ठोस लोहे के डिवाइडर नगर परिषद परिसर से गायब हो गए, जबकी इस स्क्रैप को नियम कानूनों की प्रक्रिया पूरी कर नीलाम किया जाना था, लेकिन कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना किसी कबाड़ी को बुला कर ये स्क्रैप उठवा दिए गए. खास बात ये है कि नगर परिषद परिसर से उठवाए गए इस लाखों के स्क्रैप की जानकारी अधिकतर पार्षदों व पदाधिकारियों को भी नहीं है.

बिना टेंडर बेच दिया लोहा

इस पूरे प्रकरण में नगर परिषद ने ना तो कोई टेंडर किया ना ही किसी भी प्रकार का प्रचार प्रसार किया और ना ही खुली बोली लगवाई गयी. बल्कि आफ द रिकॉर्ड नगर पालिका को अपने अंगुलियो पर नचाने वाले कथित भाजपाई नेता ने ये करतूत कर डाली और कईं टन का माल एक दो टन दिखाकर मलाई चाट गए.

उपायुक्त सिरमौर ने आवश्यक कार्रवाई करने को कहा

जब इस बारे में उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी से बात की गई तो उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि अगर इस बारे में कोई शिकायत मिलती है तो तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

मामले की लीपापोती में जुटा सत्तापक्ष

कुल मिलाकर नगर पालिका परिषद फिर से विवादो में है. अब लीपापोती की तैयारी में सत्तापक्ष के लोग जुट गये हैं. देखना होगा कि जिला प्रशासन इस पूरे प्रकरण में किस तरह की कार्रवाई करता है.

ये भी पढ़ें: साइबर ठगी का नया पैंतरा! वीडियो कॉल पर लोग हो रहे शिकार

पांवटा साहिब: पहले भी विवादों में रही नगर परिषद ने कुछ दिन पहले ही ईमानदारी से कार्य करने की कसम खाई थी, लेकिन नगर परिषद पांवटा साहिब लाखों के स्क्रैप की बिक्री को लेकर एक बार फिर घेरे में आ गई है. मामला नेशनल हाइवे से हटाए गए लाखों के डिवाइडर का है. जिसे आनन फानन में बेचे जाने के बाद सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

दवा निर्माता कंपनी के सौजन्य से लगे थे डिवाइडर

जानकारी मुताबिक पिछली सरकार के कार्यकाल में नेशनल हाइवे पर बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए तत्कालीन विधायक चौधरी किरनेश जंग ने हाईवे के बीचों बीच ठोस लोहे के डिवाइडर लगवाए थे. हालांकि बजट के आभाव में चौधरी किरनेश जंग के आग्रह पर दवा निर्माता कंपनी सन फार्मा के सौजन्य से इसकी लागत का 55 लाख रुपए का भुगतान किया गया, जबकि 18 लाख के भुगतान नगर परिषद की ओर से किया गया.

हाइवे के विस्तारीकरण के दौरान हटाये डिवाइडर

वर्तमान में नेशनल हाइवे के विस्तारीकरण के दौरान इन डिवाइडर को हटाया जाना तय था. जिसके तहत नेशनल हाइवे अथॉरिटीज ने इन डिवाइडर को हटा कर नगर परिषद के हवाले कर दिया,लेकिन सवाल तब उठने शुरू हुए जब लाखों की कीमत के ठोस लोहे के डिवाइडर नगर परिषद परिसर से गायब हो गए, जबकी इस स्क्रैप को नियम कानूनों की प्रक्रिया पूरी कर नीलाम किया जाना था, लेकिन कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना किसी कबाड़ी को बुला कर ये स्क्रैप उठवा दिए गए. खास बात ये है कि नगर परिषद परिसर से उठवाए गए इस लाखों के स्क्रैप की जानकारी अधिकतर पार्षदों व पदाधिकारियों को भी नहीं है.

बिना टेंडर बेच दिया लोहा

इस पूरे प्रकरण में नगर परिषद ने ना तो कोई टेंडर किया ना ही किसी भी प्रकार का प्रचार प्रसार किया और ना ही खुली बोली लगवाई गयी. बल्कि आफ द रिकॉर्ड नगर पालिका को अपने अंगुलियो पर नचाने वाले कथित भाजपाई नेता ने ये करतूत कर डाली और कईं टन का माल एक दो टन दिखाकर मलाई चाट गए.

उपायुक्त सिरमौर ने आवश्यक कार्रवाई करने को कहा

जब इस बारे में उपायुक्त सिरमौर डॉ. आरके परुथी से बात की गई तो उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि अगर इस बारे में कोई शिकायत मिलती है तो तत्काल जांच कर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

मामले की लीपापोती में जुटा सत्तापक्ष

कुल मिलाकर नगर पालिका परिषद फिर से विवादो में है. अब लीपापोती की तैयारी में सत्तापक्ष के लोग जुट गये हैं. देखना होगा कि जिला प्रशासन इस पूरे प्रकरण में किस तरह की कार्रवाई करता है.

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