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ऊर्जा मंत्री भूले कोविड गाइडलाइन! कार्यक्रम में उड़ीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

दुनिया में कोरोना की दूसरी स्ट्रेन का खतरा छाया हुआ है वहीं, हिमाचल में पंचायती चुनाव के माहौल के बीच कोरोना प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. इस भीड़ में हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुखराम चौधरी भी शामिल रहे. इस जनसभा में 50 से अधिक लोग दिखाई दे रहे हैं, जिनमें से अधिकतर लोग कोविड के सबसे जरूरी नियम मास्क पहने नहीं हैं. सुखराम चौधरी की जनसभाएं और भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन में जुटी भीड़ सरकार और पार्टी की कथनी और करनी में अंतर को दिखा रही है.

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Published : Dec 27, 2020, 10:40 AM IST

Updated : Dec 27, 2020, 4:17 PM IST

ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री

पांवटा साहिब: दुनिया में कोरोना की दूसरी स्ट्रेन का खतरा छाया हुआ है वहीं, हिमाचल में पंचायती चुनाव के माहौल के बीच कोरोना प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. प्रदेश सरकार ने कोविड के बढ़ते मामलों को देखते सरकारी कार्यक्रमों से लेकर निजी समारोहों में लोगों की संख्या तय की हुई है, लेकिन खुद सरकारी नुमाइंदे कोविड को लेकर सरकारी निर्देशों का पालन नहीं कर रहे.

बात चाहे शुक्रवार को शिमला में अटल जयंती के मौके पर खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यक्रम की हो या फिर सिरमौर जिले से कैबिनेट मंत्री सुखराम चौधरी का नगरीय निकाय चुनाव के नामांकन में भाग लेना, हर जगह कोविड नियमों की जमकर धज्जियां उड़ती दिखाई दी.

ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में उड़ी कोविड नियमों की धज्जियां

यूं तो सरकार ने किसी भी सरकारी कार्यक्रम में भीड़ इकट्ठा करने से मनाही है, लेकिन चुनावी माहौल के बीच खुद बीजेपी सरकार के मंत्री ही इन नियमों की पालना नहीं कर रहे. पांवटा साहिब में पंचायती राज चुनाव को लेकर नामांकन के दूसरे दिन एसडीएम ऑफिस के बाहर कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाती भीड़ जमा रही.

ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री

इस भीड़ में हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुखराम चौधरी भी शामिल रहे. नामांकन के दौरान बाकायदा ऊर्जा मंत्री के पुरुवाला स्कूल के प्रांगण में चुनावी सभा का आयोजन किया गया था. जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर लोग जमकर शेयर कर रहे हैं.

वीडियो.

इस जनसभा में 50 से अधिक लोग दिखाई दे रहे हैं, जिनमें से अधिकतर लोग कोविड के सबसे जरूरी नियम मास्क पहने नहीं हैं. खुद मंत्री जी ने भी मास्क नहीं पहना हुआ है. ऐसा ही नजारा नामांकन के दौरान स्थानीय निर्वाचन अधिकारी व एसडीएम कार्यालय के बाहर भी दिन भर देखने को मिला.

प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में अंतर

निःसन्देह कोरोना स्ट्रेन की दूसरी वेव के खतरे के बीच राजनीतिक और प्रशासनिक चुप्पी आम लोगों का जीवन खतरे में डाल रही है. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में सत्तासीन है और ऐसे में सत्तासीन पार्टी की जिम्मेदारियां भी अधिक बढ़ जाती हैं, लेकिन सुखराम चौधरी की जनसभाएं और भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन में जुटी भीड़ सरकार और पार्टी की कथनी और करनी में अंतर को दिखा रही है.

बताते चलें कि ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी स्वयं कोरोना संक्रमण से गुजर चुके हैं. उस समय भी इनकी राजनीतिक रैलियों में काफी लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ था. विपक्ष कांग्रेस ने ऊर्जा मंत्री को कोरोना कैरियर की भी संज्ञा दी थी. अब चुनावी माहौल में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के नियमों के साथ सभी प्रकार के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

वोट की खातिर आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़

चुनावी माहौल के दौरान वोटों के लालच में आमजन के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है. ना राजनीतिक जिम्मेदार मुंह खोल रहे हैं ना प्रशासन कुछ एक्शन ले रहा है लिहाजा लोगों को स्वयं ही एहतियात बरतने की जरूरत है. लोग ऐसे गैर जिम्मेदार राजनीतिज्ञों के कार्यक्रमों से दूरी बनाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क पहनकर ही निकले, ताकि अपने परिवार सहित समाज को भी सुरक्षित रखा जा सके.

इस बारे में जब एसडीएम पांवटा साहिब लाइक राम शर्मा ने कहा कि स्थानीय तहसीलदार को इश बारे आदेश पारित किए गए हैं. नामांकन के दौरान एसओपी का सही से पालन हो ये सुनिश्चित किया जाएगा और उल्लंघन करने वालों को नोटिस पारित किए जाएंगे.

पांवटा साहिब: दुनिया में कोरोना की दूसरी स्ट्रेन का खतरा छाया हुआ है वहीं, हिमाचल में पंचायती चुनाव के माहौल के बीच कोरोना प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. प्रदेश सरकार ने कोविड के बढ़ते मामलों को देखते सरकारी कार्यक्रमों से लेकर निजी समारोहों में लोगों की संख्या तय की हुई है, लेकिन खुद सरकारी नुमाइंदे कोविड को लेकर सरकारी निर्देशों का पालन नहीं कर रहे.

बात चाहे शुक्रवार को शिमला में अटल जयंती के मौके पर खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यक्रम की हो या फिर सिरमौर जिले से कैबिनेट मंत्री सुखराम चौधरी का नगरीय निकाय चुनाव के नामांकन में भाग लेना, हर जगह कोविड नियमों की जमकर धज्जियां उड़ती दिखाई दी.

ऊर्जा मंत्री की मौजूदगी में उड़ी कोविड नियमों की धज्जियां

यूं तो सरकार ने किसी भी सरकारी कार्यक्रम में भीड़ इकट्ठा करने से मनाही है, लेकिन चुनावी माहौल के बीच खुद बीजेपी सरकार के मंत्री ही इन नियमों की पालना नहीं कर रहे. पांवटा साहिब में पंचायती राज चुनाव को लेकर नामांकन के दूसरे दिन एसडीएम ऑफिस के बाहर कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाती भीड़ जमा रही.

ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री

इस भीड़ में हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुखराम चौधरी भी शामिल रहे. नामांकन के दौरान बाकायदा ऊर्जा मंत्री के पुरुवाला स्कूल के प्रांगण में चुनावी सभा का आयोजन किया गया था. जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर लोग जमकर शेयर कर रहे हैं.

वीडियो.

इस जनसभा में 50 से अधिक लोग दिखाई दे रहे हैं, जिनमें से अधिकतर लोग कोविड के सबसे जरूरी नियम मास्क पहने नहीं हैं. खुद मंत्री जी ने भी मास्क नहीं पहना हुआ है. ऐसा ही नजारा नामांकन के दौरान स्थानीय निर्वाचन अधिकारी व एसडीएम कार्यालय के बाहर भी दिन भर देखने को मिला.

प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में अंतर

निःसन्देह कोरोना स्ट्रेन की दूसरी वेव के खतरे के बीच राजनीतिक और प्रशासनिक चुप्पी आम लोगों का जीवन खतरे में डाल रही है. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में सत्तासीन है और ऐसे में सत्तासीन पार्टी की जिम्मेदारियां भी अधिक बढ़ जाती हैं, लेकिन सुखराम चौधरी की जनसभाएं और भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन में जुटी भीड़ सरकार और पार्टी की कथनी और करनी में अंतर को दिखा रही है.

बताते चलें कि ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी स्वयं कोरोना संक्रमण से गुजर चुके हैं. उस समय भी इनकी राजनीतिक रैलियों में काफी लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ था. विपक्ष कांग्रेस ने ऊर्जा मंत्री को कोरोना कैरियर की भी संज्ञा दी थी. अब चुनावी माहौल में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के नियमों के साथ सभी प्रकार के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

वोट की खातिर आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़

चुनावी माहौल के दौरान वोटों के लालच में आमजन के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है. ना राजनीतिक जिम्मेदार मुंह खोल रहे हैं ना प्रशासन कुछ एक्शन ले रहा है लिहाजा लोगों को स्वयं ही एहतियात बरतने की जरूरत है. लोग ऐसे गैर जिम्मेदार राजनीतिज्ञों के कार्यक्रमों से दूरी बनाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क पहनकर ही निकले, ताकि अपने परिवार सहित समाज को भी सुरक्षित रखा जा सके.

इस बारे में जब एसडीएम पांवटा साहिब लाइक राम शर्मा ने कहा कि स्थानीय तहसीलदार को इश बारे आदेश पारित किए गए हैं. नामांकन के दौरान एसओपी का सही से पालन हो ये सुनिश्चित किया जाएगा और उल्लंघन करने वालों को नोटिस पारित किए जाएंगे.

Last Updated : Dec 27, 2020, 4:17 PM IST
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