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सिरमौर में नहीं थम रहे बाल विवाह के मामले, चाइल्डलाइन ने इतने मामलों में किया हस्तक्षेप

सिरमौर में विवाह के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक बार फिर चार बाल विवाह के मामले सामने आए हैं.

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Published : Feb 1, 2019, 12:12 PM IST

नाहनः सिरमौर में विवाह के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक बार फिर चार बाल विवाह के मामले सामने आए हैं.

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हैरान करने वाली बात तो यह है कि बाल विवाह के एक मामले में नाबालिग के पास 7 माह का एक मासूम भी है. उपमंडल शिलाई व पांवटा साहिब में चाइल्डलाइन ने दबिश देकर इन चार बाल विवाह के मामले में हस्तक्षेप किया है. हालांकि इस दौरान क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान चाइल्डलाइन की महिला टीम को लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा. यही नहीं टीम के साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया. चाइल्डलाइन की टीम के आग्रह पर डीसी शर्मा ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए डीएसपी हेडक्वार्टर बबीता राणा को जांच का जिम्मा सौंपा है.

दरअसल जिला के उपमंडल शिलाई व पांवटा साहिब में बाल विवाह के 4 मामले सामने आए हैं. मामलों से संबंधित सूचना मिलने के बाद चाइल्डलाइन ने दबिश दी. जानकारी के अनुसार उपमंडल शिलाई में दो नाबालिग किशोरियों और एक नाबालिग किशोर के विवाह में हस्तक्षेप किया गया, जबकि एक मामला उपमंडल पांवटा साहिब में आया.

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चाइल्डलाइन की काउंसलर विनीता ठाकुर ने कहा कि 1098 पर बाल विभाग की सूचना पर पहले पांवटा साहिब पहुंचे. यहां पर बच्चे की आयु स्कूल प्रमाण पत्र के अनुसार 16 साल पाई गई. कार्रवाई के दौरान बच्ची अपने माता पिता के घर पर नहीं मिली.

विनीता ठाकुर ने बताया कि शिलाई में बाल विवाह के मामलों में हस्तक्षेप करने से पूर्व टीम ने पुलिस थाने में डीडी एंट्री करवाई. इसके बाद टीम ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के साथ तीन मामलों में हस्तक्षेप किया. शिलाई ब्लॉक में टीम ने पाया कि 16 साल की एक नाबालिग किशोरी के पास 7 माह का बच्चा भी है. दूसरे मामले में एक नाबालिग किशोर के घर का दौरा किया गया. हालांकि इस दौरान नाबालिक किशोर के घर में कथित तौर पर ब्याही युवती नहीं मिली. वहीं पूछताछ पर पता चला कि शादी नवल किशोर की नहीं बल्कि उसके बड़े भाई की हुई है, जो शिमला में रहता है लेकिन उसके बड़े भाई की शादी भी पंचायत रिकॉर्ड में रजिस्टर्ड नहीं पाई गई.

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इसी तरह तीसरे मामले में एक नाबालिग किशोर की आयु 12 साल पाई गई है. यह नाबालिग किशोरी भी टीम को उसके घर पर नहीं मिली. विवाह के मामलों में हस्तक्षेप के बाद जब टीम के सदस्य पंचायत प्रधान ने आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ पुलिस थाना में शिकायत देने जा रहे थे तो कुछ लोगों ने उनसे अभद्र व्यवहार भी किया. विनीता ठाकुर ने बताया कि विवाह के मामले की शिकायत पुलिस को दी है.

कुल मिलाकर सिरमौर में बाल विवाह के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, लेकिन चाइल्डलाइन की टीम भी इस तरह के मामलों का खुलासा करने में पीछे नहीं है. चाइल्डलाइन लगातार बाल विवाह के मामले पर नजर बनाए रखे हुए हैं.

नाहनः सिरमौर में विवाह के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक बार फिर चार बाल विवाह के मामले सामने आए हैं.

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हैरान करने वाली बात तो यह है कि बाल विवाह के एक मामले में नाबालिग के पास 7 माह का एक मासूम भी है. उपमंडल शिलाई व पांवटा साहिब में चाइल्डलाइन ने दबिश देकर इन चार बाल विवाह के मामले में हस्तक्षेप किया है. हालांकि इस दौरान क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान चाइल्डलाइन की महिला टीम को लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा. यही नहीं टीम के साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया. चाइल्डलाइन की टीम के आग्रह पर डीसी शर्मा ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए डीएसपी हेडक्वार्टर बबीता राणा को जांच का जिम्मा सौंपा है.

दरअसल जिला के उपमंडल शिलाई व पांवटा साहिब में बाल विवाह के 4 मामले सामने आए हैं. मामलों से संबंधित सूचना मिलने के बाद चाइल्डलाइन ने दबिश दी. जानकारी के अनुसार उपमंडल शिलाई में दो नाबालिग किशोरियों और एक नाबालिग किशोर के विवाह में हस्तक्षेप किया गया, जबकि एक मामला उपमंडल पांवटा साहिब में आया.

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चाइल्डलाइन की काउंसलर विनीता ठाकुर ने कहा कि 1098 पर बाल विभाग की सूचना पर पहले पांवटा साहिब पहुंचे. यहां पर बच्चे की आयु स्कूल प्रमाण पत्र के अनुसार 16 साल पाई गई. कार्रवाई के दौरान बच्ची अपने माता पिता के घर पर नहीं मिली.

विनीता ठाकुर ने बताया कि शिलाई में बाल विवाह के मामलों में हस्तक्षेप करने से पूर्व टीम ने पुलिस थाने में डीडी एंट्री करवाई. इसके बाद टीम ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के साथ तीन मामलों में हस्तक्षेप किया. शिलाई ब्लॉक में टीम ने पाया कि 16 साल की एक नाबालिग किशोरी के पास 7 माह का बच्चा भी है. दूसरे मामले में एक नाबालिग किशोर के घर का दौरा किया गया. हालांकि इस दौरान नाबालिक किशोर के घर में कथित तौर पर ब्याही युवती नहीं मिली. वहीं पूछताछ पर पता चला कि शादी नवल किशोर की नहीं बल्कि उसके बड़े भाई की हुई है, जो शिमला में रहता है लेकिन उसके बड़े भाई की शादी भी पंचायत रिकॉर्ड में रजिस्टर्ड नहीं पाई गई.

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इसी तरह तीसरे मामले में एक नाबालिग किशोर की आयु 12 साल पाई गई है. यह नाबालिग किशोरी भी टीम को उसके घर पर नहीं मिली. विवाह के मामलों में हस्तक्षेप के बाद जब टीम के सदस्य पंचायत प्रधान ने आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ पुलिस थाना में शिकायत देने जा रहे थे तो कुछ लोगों ने उनसे अभद्र व्यवहार भी किया. विनीता ठाकुर ने बताया कि विवाह के मामले की शिकायत पुलिस को दी है.

कुल मिलाकर सिरमौर में बाल विवाह के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, लेकिन चाइल्डलाइन की टीम भी इस तरह के मामलों का खुलासा करने में पीछे नहीं है. चाइल्डलाइन लगातार बाल विवाह के मामले पर नजर बनाए रखे हुए हैं.

Intro:नाहन। सिरमौर में विवाह के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक बार फिर चार बाल विवाह के मामले सामने आए हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि बाल विवाह के एक मामले में नाबालिग किशोरी के पास 7 माह का एक मासूम भी है। उपमंडल शिलाई व पांवटा साहिब में चाइल्ड लाइन ने दबिश देकर इन चार बाल विवाह के मामले में हस्तक्षेप किया है। हालांकि इस दौरान क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान चाइल्ड लाइन की महिला टीम को लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। यही नहीं टीम के साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया। चाइल्ड लाइन की टीम के आग्रह पर डीसी शर्मा ने इस मामले में कार्यवाही करने के लिए डीएसपी हेडक्वार्टर बबीता राणा को जांच का जिम्मा सौंपा है।


Body:दरअसल जिले के उपमंडल शिलाई व पांवटा साहिब बाल विवाह के 4 मामले सामने आए हैं। मामलों से संबंधित सूचना मिलने के बाद चाइल्ड लाइन ने दबिश दी। जानकारी के अनुसार उपमंडल शिलाई में दो नाबालिग किशोरियों और एक नाबालिग किशोर के विवाह में हस्तक्षेप किया गया। जबकि एक मामला उपमंडल पांवटा साहिब में आया। हैरानी की बात यह है कि उपमंडल सिलाई में हुए बाल विवाह के मामलों में से एक मामले में नाबालिग किशोरी के पास 7 माह का शिशु भी है। कार्रवाई के दौरान चार लाइन की टीम के साथ कुछ लोगों ने अभद्र व्यवहार भी किया। बरहाल टीम के मामलों की शिकायत पुलिस को दी है।
चाइल्डलाइन टीम की काउंसलर विनीता ठाकुर व सदस्य सुंदर सिंह टीम में शामिल थे।
चाइल्ड लाइन कि काउंसलर विनीता ठाकुर ने बताया कि 1098 पर बाल विभाग की सूचना पर पहले पांवटा साहिब पहुंचे। यहां पर बच्चे की आयु स्कूल प्रमाण पत्र के अनुसार 16 साल पाई गई। कार्रवाई के दौरान बच्ची अपने माता पिता के घर पर नहीं मिली।
विनीता ठाकुर ने बताया कि सिलाई में बाल विवाह के मामलों में हस्तक्षेप करने से पूर्व टीम ने पुलिस थाने में डीडी एंट्री करवाई। इसके बाद टीम ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के साथ तीन मामलों में हस्तक्षेप किया। सिलाई ब्लॉक में टीम ने पाया कि 16 साल की एक नाबालिग किशोरी के पास 7 माह का बच्चा भी है। दूसरे मामले में एक नाबालिग किशोर के घर का दौरा किया। हालांकि इस दौरान नाबालिक किशोर के घर में कथित तौर पर ब्याही युवती नहीं मिली। उस्ताद पर पता चला कि शादी नवल किशोर की नहीं बल्कि उसके बड़े भाई की हुई है जो शिमला में रहता है लेकिन उसके बड़े भाई की शादी भी पंचायत रिकॉर्ड में रजिस्टर्ड नहीं पाई गई। इसी तरह तीसरे मामले में एक नाबालिग किशोर की आयु 12 साल पाई गई है। यह नाबालिग किशोरी भी टीम को उसके घर पर नहीं मिली। विवाह के मामलों में हस्तक्षेप के बाद जब टीम के सदस्य पंचायत प्रधान में आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ पुलिस थाना में शिकायत देने जा रहे थे तो कुछ लोगों ने उनसे अभद्र व्यवहार भी किया। विनीता ठाकुर ने बताया कि विवाह के मामले की शिकायत पुलिस को दी है। साथ ही डिसिशन मोड़ को भी इस बारे अवगत करवाया गया है।


Conclusion:कुल मिलाकर सिरमौर में बाल विवाह के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, लेकिन चाइल्ड लाइन की टीम भी इस तरह के मामलों का खुलासा करने में पीछे नहीं है। चाइल्ड लाइन लगातार बाल विवाह के मामले पर नजर बनाए रखे हुए हैं।
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