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सिरमौर में कम हुए चोरी और चेन स्नेचिंग के मामले, पुलिस का फार्मूला धरातल पर सक्सेसफुल - himachal today news

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर पांवटा साहिब में 2019 में चेन स्नेचिंग के मामलों ने शहर के लोगों को डराकर रख दिया था. बाजार में कई महिलाओं से चेन स्नेचिंग के मामले सामने आए थे. 2018 की बात करें तो चेन स्नेचिंग के 14 मामले सामने आए थे और 143 मामले चोरी के आए थे. 2019 में चेन स्नेचिंग के आठ मामले दर्ज किए गए और 98 चोरी के मामले दर्ज किए गए थे. वहीं, 2020 में चेन स्नेचिंग का एक मामला और चोरी के 40 मामले दर्ज किए गए.

Cases of theft and chain snatching reduced in Sirmaur
फोटो.
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Published : Dec 6, 2020, 5:48 PM IST

पांवटा साहिब: कोरोना काल में अपराधों के आंकड़ों में भी कमी आई है और चेन स्नेचिंग की घटनाओं में बहुत ज्यादा कमी आई है. हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर पांवटा साहिब में 2019 में चेन स्नेचिंग के मामलों ने शहर के लोगों को डराकर रख दिया था. बाजार में कई महिलाओं से चेन स्नेचिंग के मामले सामने आए थे.

2018 की बात करें तो चेन स्नेचिंग के 14 मामले सामने आए थे और 143 मामले चोरी के आए थे. 2019 में चेन स्नेचिंग के आठ मामले दर्ज किए गए और 98 चोरी के मामले दर्ज किए गए थे. वहीं, 2020 में चेन स्नेचिंग का एक मामला और चोरी के 40 मामले दर्ज किए गए.

वीडियो रिपोर्ट.

चोरी और चेन स्नेचिंग को रोकने के लिए क्या रणनीति बनी थी

जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में सबसे ज्यादा चेन स्नेचिंग और चोरी के मामले पिछले वर्ष दर्ज किए गए थे जिसको लेकर पुलिस अधीक्षक ने कई तरह की रणनीतियां बनाई. पहली रणनीति शहर में सभी लोगों को पुलिस मित्र बनाए, ताकि चोरियों की और ऐसे नशेड़ियों की जानकारियां पुलिस तक पहुंच सके.

दूसरी पांवटा साहिब में चप्पे-चप्पे पर और संवेदनशील एरिया में पांवटा पुलिस टीम ने 60 कैमरे लगाए और बाजार में सभी दुकानदारों को कैमरे लगाने के लिए आग्रह किया. जिसके बाद 150 से अधिक कैमरे बाजारों में दुकानदारों ने लगवाए.

तीसरी रणनीति में पुलिस टीम की पीसीआर 24 घंटे सड़कों पर दौड़ती रही और हर मूवमेंट पर नजर लगती है. चौथा पुलिस अधीक्षक के आदेशों के बाद एक टीम बिना ड्रेस के सड़कों पर पैदल चलती थी और चोरियों और चैन स्नैचिंग मूवमेंट पर नजर रखी थी. जिसका रिजल्ट काफी सराहनीय रहा.

Cases of theft and chain snatching reduced in Sirmaur
फोटो.

ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है

पांवटा साहिब सिरमौर जिला का सबसे संवेदनशील क्षेत्र है और यूपी हरियाणा और उत्तराखंड का बॉर्डर पर है. ऐसे में शातिर चोर चेन स्नेचिंग के मामले को अंजाम देकर बाहर राज्यों में भागने में कामयाब हो जाते हैं. बता दें कि ऐसे मामले 20 से 30 वर्ष के युवक करते हैं.

क्या बोले शहर के लोग

पांवटा साहिब के एक समाज सेविक ने बताया कि पिछले वर्ष 50 से अधिक मामले चेन स्नेचिंग के सामने आए थे. महिलाओं का घर से बाहर निकलना दुर्लभ हो गया था. शहर में दहशत फैल गई थी. त्योहारों के सीजन में चेन स्नेचिंग गिरोह सतर्क हो जाते थे पर इस बार पर त्योहारों में ऐसे कोई मामले सामने नहीं आए.

इस वर्ष की अगर बात की जाए तो इक्का-दुक्का ही चेन स्नेचिंग का मामला सामने आया है. उन्होंने कहा कि पुलिस टीम ने शहर में ऐसे मामले पर रोक लगाने के लिए कई रणनीतियां बनाई थी. बता दें कि पांवटा साहिब में चेन स्नेचिंग के मामले सबसे ज्यादा बाइक सवार मुंह ढक कर ऐसी वारदातों को अंजाम देते हैं. हालांकि कुछ कुछ मामलों में शातिर महिलाओं का लंबा पीछा करने के बाद ऐसी वारदातों को अंजाम देते हैं.

Cases of theft and chain snatching reduced in Sirmaur
फोटो.

वहीं, पांवटा साहिब के रिटायर्ड एसएचओ लाइक राम सुप्रिया ने बताया कि 20 साल से लेकर 30 साल की उम्र के युवक इस गिरोह में सम्मिलित पाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि गोंडा बाजार और शमशेरपुर में सबसे ज्यादा मामले चेन स्नेचिंग के सामने आते थे. उन्होंने बताया कि इसके लिए भले ही पुलिस प्रशासन ने अब चप्पे-चप्पे पर सैकड़ों कैमरे लगा दिए हैं पर फिर भी बाजार में रोजाना निगरानी रखनी चाहिए और महिलाओं को भी ज्यादा गहने पहनकर बाजारों में नहीं घूमना चाहिए.

क्या बोले एसपी और डीएसपी

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सीहोर जिले में चोरी और चेन चेन सिंह के मामलों में पुलिस टीम पिछले दो-तीन वर्षों से लगाम कसने में कामयाब हुई है. उन्होंने बताया कि आंकड़ों में काफी कमी आई है. इसका सबसे ज्यादा परिणाम पुलिस टीम की रणनीति 2019 में शुरू की गई थी. जिसके परिणाम काफी सकारात्मक हैं.

उन्होंने बताया कि सभी थाना प्रभारियों आदेश दिए गए हैं कि शहरों में पुलिस की मूवमेंट हमेशा नजर आए. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही पुलिस टीम ने एक बहुत बड़े गिरोह को पकड़ने में भी कामयाबी हासिल की थी.

2019 और 2020 में पुलिस द्वारा बनाई गई रणनीति चेन स्नेचिंग और चोरी की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए काफी सफल रही है. पिछले वर्ष चोरी की वारदातें और चेन स्नेचिंग की वारदातों में लोगों में खौफ बन गया था, लेकिन पुलिस अधीक्षक की सख्त रणनीति के बाद संवेदनशील क्षेत्र पांवटा साहिब में अब ऐसी वारदातों पर लगाम लगी है.

पांवटा साहिब: कोरोना काल में अपराधों के आंकड़ों में भी कमी आई है और चेन स्नेचिंग की घटनाओं में बहुत ज्यादा कमी आई है. हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर पांवटा साहिब में 2019 में चेन स्नेचिंग के मामलों ने शहर के लोगों को डराकर रख दिया था. बाजार में कई महिलाओं से चेन स्नेचिंग के मामले सामने आए थे.

2018 की बात करें तो चेन स्नेचिंग के 14 मामले सामने आए थे और 143 मामले चोरी के आए थे. 2019 में चेन स्नेचिंग के आठ मामले दर्ज किए गए और 98 चोरी के मामले दर्ज किए गए थे. वहीं, 2020 में चेन स्नेचिंग का एक मामला और चोरी के 40 मामले दर्ज किए गए.

वीडियो रिपोर्ट.

चोरी और चेन स्नेचिंग को रोकने के लिए क्या रणनीति बनी थी

जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में सबसे ज्यादा चेन स्नेचिंग और चोरी के मामले पिछले वर्ष दर्ज किए गए थे जिसको लेकर पुलिस अधीक्षक ने कई तरह की रणनीतियां बनाई. पहली रणनीति शहर में सभी लोगों को पुलिस मित्र बनाए, ताकि चोरियों की और ऐसे नशेड़ियों की जानकारियां पुलिस तक पहुंच सके.

दूसरी पांवटा साहिब में चप्पे-चप्पे पर और संवेदनशील एरिया में पांवटा पुलिस टीम ने 60 कैमरे लगाए और बाजार में सभी दुकानदारों को कैमरे लगाने के लिए आग्रह किया. जिसके बाद 150 से अधिक कैमरे बाजारों में दुकानदारों ने लगवाए.

तीसरी रणनीति में पुलिस टीम की पीसीआर 24 घंटे सड़कों पर दौड़ती रही और हर मूवमेंट पर नजर लगती है. चौथा पुलिस अधीक्षक के आदेशों के बाद एक टीम बिना ड्रेस के सड़कों पर पैदल चलती थी और चोरियों और चैन स्नैचिंग मूवमेंट पर नजर रखी थी. जिसका रिजल्ट काफी सराहनीय रहा.

Cases of theft and chain snatching reduced in Sirmaur
फोटो.

ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है

पांवटा साहिब सिरमौर जिला का सबसे संवेदनशील क्षेत्र है और यूपी हरियाणा और उत्तराखंड का बॉर्डर पर है. ऐसे में शातिर चोर चेन स्नेचिंग के मामले को अंजाम देकर बाहर राज्यों में भागने में कामयाब हो जाते हैं. बता दें कि ऐसे मामले 20 से 30 वर्ष के युवक करते हैं.

क्या बोले शहर के लोग

पांवटा साहिब के एक समाज सेविक ने बताया कि पिछले वर्ष 50 से अधिक मामले चेन स्नेचिंग के सामने आए थे. महिलाओं का घर से बाहर निकलना दुर्लभ हो गया था. शहर में दहशत फैल गई थी. त्योहारों के सीजन में चेन स्नेचिंग गिरोह सतर्क हो जाते थे पर इस बार पर त्योहारों में ऐसे कोई मामले सामने नहीं आए.

इस वर्ष की अगर बात की जाए तो इक्का-दुक्का ही चेन स्नेचिंग का मामला सामने आया है. उन्होंने कहा कि पुलिस टीम ने शहर में ऐसे मामले पर रोक लगाने के लिए कई रणनीतियां बनाई थी. बता दें कि पांवटा साहिब में चेन स्नेचिंग के मामले सबसे ज्यादा बाइक सवार मुंह ढक कर ऐसी वारदातों को अंजाम देते हैं. हालांकि कुछ कुछ मामलों में शातिर महिलाओं का लंबा पीछा करने के बाद ऐसी वारदातों को अंजाम देते हैं.

Cases of theft and chain snatching reduced in Sirmaur
फोटो.

वहीं, पांवटा साहिब के रिटायर्ड एसएचओ लाइक राम सुप्रिया ने बताया कि 20 साल से लेकर 30 साल की उम्र के युवक इस गिरोह में सम्मिलित पाए जाते हैं. उन्होंने बताया कि गोंडा बाजार और शमशेरपुर में सबसे ज्यादा मामले चेन स्नेचिंग के सामने आते थे. उन्होंने बताया कि इसके लिए भले ही पुलिस प्रशासन ने अब चप्पे-चप्पे पर सैकड़ों कैमरे लगा दिए हैं पर फिर भी बाजार में रोजाना निगरानी रखनी चाहिए और महिलाओं को भी ज्यादा गहने पहनकर बाजारों में नहीं घूमना चाहिए.

क्या बोले एसपी और डीएसपी

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सीहोर जिले में चोरी और चेन चेन सिंह के मामलों में पुलिस टीम पिछले दो-तीन वर्षों से लगाम कसने में कामयाब हुई है. उन्होंने बताया कि आंकड़ों में काफी कमी आई है. इसका सबसे ज्यादा परिणाम पुलिस टीम की रणनीति 2019 में शुरू की गई थी. जिसके परिणाम काफी सकारात्मक हैं.

उन्होंने बताया कि सभी थाना प्रभारियों आदेश दिए गए हैं कि शहरों में पुलिस की मूवमेंट हमेशा नजर आए. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही पुलिस टीम ने एक बहुत बड़े गिरोह को पकड़ने में भी कामयाबी हासिल की थी.

2019 और 2020 में पुलिस द्वारा बनाई गई रणनीति चेन स्नेचिंग और चोरी की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए काफी सफल रही है. पिछले वर्ष चोरी की वारदातें और चेन स्नेचिंग की वारदातों में लोगों में खौफ बन गया था, लेकिन पुलिस अधीक्षक की सख्त रणनीति के बाद संवेदनशील क्षेत्र पांवटा साहिब में अब ऐसी वारदातों पर लगाम लगी है.

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