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अधर में लटका बाता नदी पर बन रहे पुल का काम, लेटलतीफी से जनता परेशान - Development projects

पांवटा साहिब के एनएच-707 पर बाता नदी पर बन रहे पुल का निर्माण कार्य ठेकेदार के सुस्त रवैये और कोरोना महामारी के चलते लंबित पड़ा हुआ है. स्थानीय लोगों को भी पुल के समय पर ना बनने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पुल का निर्माण कार्य 2016 में शुरू हुआ था, लेकिन चार साल बीच जाने के बावजूद निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है.

Bata river bridge work has not been completed from last four years
अधर में बाता नदी पर बन रहे पुल का काम
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Published : Aug 12, 2020, 10:18 PM IST

पांवटा साहिब: कोरोना की मार विकास कार्यों पर भी पड़ी है. देशभर में करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट्स ठप पड़े हुए हैं. कोरोना की वजह से आर्थिकी से साथ-साथ देश की प्रगति पर भी ग्रहण लग गया है. हिमाचल की बात की जाए तो इस वक्त प्रदेश में कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं और कुछ शुरू किए जाने हैं, लेकिन कोरोना के चलते पुराने विकास कार्यों के साथ-साथ नए डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को शुरू कर पाना मानो सरकार के लिए भी चुनौती बनता जा रहा है.

कोरोना की मार पांवटा साहिब के एनएच-707 बाता पुल पर चल रहे निर्माण कार्य पर भी पड़ी है. पुल का काम ठप होने के चलते आम जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पुल के निर्माण में हो रही देरी का दोष सिर्फ कोरोना वायरस और लॉकडाउन को देना सही नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल का निर्माण पिछले 4 सालों से लंबित पड़ा हुआ है.

वीडियो रिपोर्ट.

बाता नदी पर बन रहे पुल का निर्माण कार्य 2016 में शुरू हुआ था, लेकिन हिमाचल में विकास का राग अलापने वाले प्रदेश के दोनों बड़े राजनीतिक दल इस पुल के निर्माण कार्य में हो रही देरी पर मौन हैं. ठेकेदार के सुस्त रवैए के चलते अभी तक यह पुल जनता को समर्पित नहीं हो पाया है.

सवाल यह उठता है कि इस लेट-लतीफी का दोष किसके सर मढ़ा जाए, कांग्रेस मंडल अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से लेबर अपने राज्य में जा चुकी है. प्रदेश सरकार लेबर को वापस नहीं ला रही है, जिसके चलते विकास कार्य अधर में लटके हुए हैं.

एनअच विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल शर्मा ने बताया कि ठेकेदार को नोटिस भी जारी किया गया है. अभी इस पुल के लोकार्पण में 3 महीने का समय लग सकता है. कारण चाहे कुछ भी हो, विकास कार्यों में देरी का भुगतान सबसे ज्यादा जनता को ही करना पड़ता है. बीच में रुका काम लोगों के लिए आए दिन परेशानी का कारण बनता जा रहा है.

ये भी पढ़ें: CM जयराम ने 'हिम हल्दी दूध' किया लॉन्च, बोलेः रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में होगा सहायक

पांवटा साहिब: कोरोना की मार विकास कार्यों पर भी पड़ी है. देशभर में करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट्स ठप पड़े हुए हैं. कोरोना की वजह से आर्थिकी से साथ-साथ देश की प्रगति पर भी ग्रहण लग गया है. हिमाचल की बात की जाए तो इस वक्त प्रदेश में कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं और कुछ शुरू किए जाने हैं, लेकिन कोरोना के चलते पुराने विकास कार्यों के साथ-साथ नए डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को शुरू कर पाना मानो सरकार के लिए भी चुनौती बनता जा रहा है.

कोरोना की मार पांवटा साहिब के एनएच-707 बाता पुल पर चल रहे निर्माण कार्य पर भी पड़ी है. पुल का काम ठप होने के चलते आम जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पुल के निर्माण में हो रही देरी का दोष सिर्फ कोरोना वायरस और लॉकडाउन को देना सही नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल का निर्माण पिछले 4 सालों से लंबित पड़ा हुआ है.

वीडियो रिपोर्ट.

बाता नदी पर बन रहे पुल का निर्माण कार्य 2016 में शुरू हुआ था, लेकिन हिमाचल में विकास का राग अलापने वाले प्रदेश के दोनों बड़े राजनीतिक दल इस पुल के निर्माण कार्य में हो रही देरी पर मौन हैं. ठेकेदार के सुस्त रवैए के चलते अभी तक यह पुल जनता को समर्पित नहीं हो पाया है.

सवाल यह उठता है कि इस लेट-लतीफी का दोष किसके सर मढ़ा जाए, कांग्रेस मंडल अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से लेबर अपने राज्य में जा चुकी है. प्रदेश सरकार लेबर को वापस नहीं ला रही है, जिसके चलते विकास कार्य अधर में लटके हुए हैं.

एनअच विभाग के अधिशासी अभियंता अनिल शर्मा ने बताया कि ठेकेदार को नोटिस भी जारी किया गया है. अभी इस पुल के लोकार्पण में 3 महीने का समय लग सकता है. कारण चाहे कुछ भी हो, विकास कार्यों में देरी का भुगतान सबसे ज्यादा जनता को ही करना पड़ता है. बीच में रुका काम लोगों के लिए आए दिन परेशानी का कारण बनता जा रहा है.

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