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अपनी खस्ताहालत पर आंसू बहा रही पांवटा की ये सड़क, प्रशासन सो रहा 'कुंभकर्णी नींद'

पांवटा साहिब के किलौड़ चौपाल शिमला जाने वाली सड़क अपनी खस्ताहालत पर आंसू बहा रही है. सड़क की दयनीय हालत के कारण ग्रामीणों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है, लेकिन प्रशासन कुंभकर्णी नींद सो रहा है.

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अपनी खस्ताहालत पर आंसू बहा रही पांवटा की ये सड़क, प्रशासन सो रहा कुंभकर्णीय नींद
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Published : Nov 29, 2019, 11:56 AM IST

पांवटा साहिब: किलौड़- चौपाल-शिमला जाने वाली सड़क की खस्ता हालत के चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं. इसके बावजूद सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं किया जा रहा है. दोपहिया वाहन अपनी जान को हथेली पर रख कर सफर करने को मजबूर है.

बता दें कि विभाग की अनदेखी के कारण डाकपत्थर से किलौड़ तक की सड़क पर गड्ढे हादसे को निमंत्रण दे रहे हैं. रोजाना सैकड़ों लोग इसी सड़क से आवाजाही करते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों से इस सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं हुआ है.

वीडियो.

ये भी पढे़ं: सेब के लिए वरदान बनी बर्फबारी, किसानों के खिले चेहरे

सड़क की खस्ता हालत पर बस चालकों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बस चालक एवं सवारियां तय समय के भीतर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रही हैं. सड़क की इस दयनीय हालत के कारण लोग धूल-मिट्टी के बीच वाहन चलाने को मजबूर हैं.

गौरतलब है कि एक ओर प्रदेश सरकार बेहतर सड़कों के लिए करोड़ों के बजट तैयार करती है, लेकिन धरातल पर अच्छी सड़कों के नाम पर पानी से भरे हुए गड्ढे दिखाई दे रहे हैं. वहीं, लोगों का कहना है कि वह अब नेताओं के झूठे आश्वासनों से तंग आ चुके हैं. समय रहते अगर प्रशासन ने खस्ताहाल सड़कों की हालत में सुधार नहीं किया तो ग्रामीण सरकार के खिलाफ आंदोलन पर उतर आएंगे.

पांवटा साहिब: किलौड़- चौपाल-शिमला जाने वाली सड़क की खस्ता हालत के चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं. इसके बावजूद सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं किया जा रहा है. दोपहिया वाहन अपनी जान को हथेली पर रख कर सफर करने को मजबूर है.

बता दें कि विभाग की अनदेखी के कारण डाकपत्थर से किलौड़ तक की सड़क पर गड्ढे हादसे को निमंत्रण दे रहे हैं. रोजाना सैकड़ों लोग इसी सड़क से आवाजाही करते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई सालों से इस सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं हुआ है.

वीडियो.

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सड़क की खस्ता हालत पर बस चालकों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बस चालक एवं सवारियां तय समय के भीतर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रही हैं. सड़क की इस दयनीय हालत के कारण लोग धूल-मिट्टी के बीच वाहन चलाने को मजबूर हैं.

गौरतलब है कि एक ओर प्रदेश सरकार बेहतर सड़कों के लिए करोड़ों के बजट तैयार करती है, लेकिन धरातल पर अच्छी सड़कों के नाम पर पानी से भरे हुए गड्ढे दिखाई दे रहे हैं. वहीं, लोगों का कहना है कि वह अब नेताओं के झूठे आश्वासनों से तंग आ चुके हैं. समय रहते अगर प्रशासन ने खस्ताहाल सड़कों की हालत में सुधार नहीं किया तो ग्रामीण सरकार के खिलाफ आंदोलन पर उतर आएंगे.

Intro:सड़क कम गड्ढे ज्यादा
मिट्टी और तालाबों पर दो पहिया वाहन चलाना खतरे से कम नहीं
न उत्तराखंड न हिमाचल सरकार इस ओर ध्यान दे रहे हैं
कई बार गुहार लगाने के बावजूद समस्या ज्यों की त्यों
नहीं हो रहा है गुहार लगाने के बावजूद भी कोई समाधानBody:


पांवटा से किलौड चौपाल शिमला जाने वालों सड़क की हालत बदतर से भी बदतर इस पर आवाजाही करना दोपहिया वाहनों को बड़े हादसे को न्योता देने की के समान है सड़क की खस्ता हालत के चलते आए दिन हादसे भी हो रहे हैं इसके बावजूद सड़क की मरम्मत नहीं की जा रही है सड़क पांवटा से डाकपत्थर पुल तक हालांकि थोड़ी ठीक है पर डाकपत्थर से किलौड तक की सड़क बड़े-बड़े गड्ढों व तालाबों की तरह नजर आ रही है इस सड़क की हालत बिगड़ चुकी है सड़कों में पानी भर रहा है दोपहिया वाहन चलाना आए दिन गिरकर घायल हो रहे हैं गौरतलब है कि इस सड़क से होकर रोज सैकड़ों लोग व कॉलेज स्कूल ओर विद्यार्थी आवाजाही करते हैं लोगों का मानना है कि पिछले कई सालों से इस सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं हुआ है

क्या कहा वाहन चालकों ने

सड़क की खस्ता हालत पर बसे चलाना दुश्वार हो गया है सड़क में गड्ढे ज्यादा और सड़क काम है समय पर बस चालक नहीं पहुंच पा रहे हैं जिससे रोज बसों को टाइमिंग के लिए भी आपस में लड़ना झगड़ना पड़ रहा है सड़क की दयनीय हालत धूल मिट्टी पर वाहन चलाना खतरे से कम नहीं

बाइट बस चालक विनोद

क्या कहा उत्तराखंड निवासियों ने

एक और प्रदेश सरकार वादे कर रहे हैं सड़कों के लिए कई करोड़ों के बजट दिये जा रहे हैं पर अगर धरातल पर देखा जाए तो सच्चाई कुछ और ही बयां करेंगे उत्तराखंड के लोगों ने बताया कि उत्तराखंड की सभी सड़कें चकाचक है हिमाचल की सड़कें अपने सच्चाई खुद ही बयां कर रही है इन पर वाहन चलाना अत्यंत मुश्किल हो गया है इन सड़कों की खस्ता हालत पर कभी भी दोबारा व आवाजाही नहीं करेंगे यहां की सरकारें क्यों लोगों की परेशानियों को नहीं समझ रही है क्या इन सड़कों की हालत अभी सुधरेगी जब इस पर जानमाल का खतरा हो जाएगा

बाइट उत्तराखंड निवासी


रोज आवाजाही कर रहे ग्रामीण की दास्तां सुना तो लोगों ने बताया कि इस सड़क की मरम्मत अगर स्थानीय नेताओं से बात की जाती है तो वह इसका ढिगड़ा उत्तराखंड की लापरवाही और अनदेखी की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ देता है लोगों का कहना है कि कई बाहर हिमाचल के स्थानीय दोनों दलों के नेता से गुहार लगा चुके हैं पर समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है उत्तराखंड के नेताओं से बात की जाती है तो वह हिमाचल के नेताओं की लापरवाही बात कहकर चले जाता है लोगों का कहना है कि इस सड़क की मरम्मत कौन करेगा उत्तराखंड हिमाचल दोनों के नेताओं व प्रशासन से गुहार लगाकर थक चुके हैं नेताओं के झूठे आश्वासनों से तंग आ चुके हैं समय रहते अगर प्रशासन ने इसकी और ध्यान दिया तो ठीक है नहीं तो अब गांव के लोगों का सब्र का बांध भी टूट चुका है और अब सरकार के खिलाफ आंदोलन भी किया जा सकता है गांव के युवाओं ने बताया कि हम इसी देश के बाशिंदे हैं क्यों हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद भी क्यों हमारी सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं किया जा रहा है अब इस पर कोई बड़ा हादसा हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी होगी और यही नहीं इस पर वाहन चलाना तो जान को मौत के बराबर हो गया है प्रशासन में अगर जल्द से जल्द कोई पड़ा संज्ञान नहीं लिया तो आने वाले समय में सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी हालांकि युवाओं ने उत्तराखंड हिमाचल सरकार के के मुखिया से आग्रह किया है कि इस समस्या का जीर्णोद्धार किया जाए ताकि यहां के बाशिंदे को भी इस विकराल समस्या का समाधान हो सके

बाइट संदीप पुंडीर रमेश पुंडीर रामलाल, विनोदConclusion:कब यहां के लोगों को इस समस्या से निजात मिलेगा सरकार को इसकी और ध्यान देना चाहिए ताकि लोगों को आवाजाही में कोई परेशानी ना हो यहां के नेताओं को लोगों का दुखड़ा सुनकर तुरंत समाधान करना चाहिए
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