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PHC टुटू में 3 सालों से धूल फांक रही एक्सरे मशीन, मरीजों को झेलनी पड़ रही परेशानियां

जिला शिमला के उपनगर टुटू के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले तीन सालों से एक्सरे मशीन खराब पड़ी है. लाखों रुपये खर्च कर स्वास्थ्य केंद्र में मशीन मंगाने के बाद कुछ दिन चलाई गई और इसके बाद मशीन को बंद कर दिया गया.

पीएचसी टुटू में इलाज के पहुंचे मरीज और तीमारदार.
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Published : Sep 13, 2019, 3:06 AM IST

शिमला: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टुटू में रोजाना मरीजों की लाइने लगी रहती हैं. एक्सरे मशीन खराब होने के चलते स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचने वाले मरीजों को एक्सरे सुविधा से महरूम रहना पड़ रहा है. लाखों की मशीन पिछले तीन सालों से महज धूल फांक रही है.

X-ray machine is defective in PHC tutu
3 सालों से बंद पड़ी एक्सरे मशीन.


पीएचसी आने वाले मरीजों को एक्सरे करवाने के लिए हताश होकर या तो या फिर10 किलोमीटर दूर रिपन अस्पताल में पहुंचना पड़ता या फिर निजी क्लनिकों में एक्सरे करवाने पड़ते हैं. सरकारी अस्पतालों में एक्सरे टेस्ट 50 रुपये में हो जाता है. वहीं, निजी क्लीनिकों में एक्सरे करवाने के लिए 120 से 150 रुपये देने पड़ते हैं.

X-ray machine is defective in PHC tutu
पीएचसी टुटू में इलाज के पहुंचे मरीज और तीमारदार.

विकास समिति टुटू के पूर्व अध्यक्ष और स्थानीय निवासी नागेंद्र गुप्ता का कहना है कि टुटू पीएचसी में करीब 10 से 20 मरीजों को एक्सरे के लिए लिखा जाता है. एक्सरे मशीन खराब होने के चलते मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक डॉक्टर और एक लैबोटरी असिस्टेंट की भी जरूरत है.

इस मामले में सीएमओ शिमला डॉ. जितेंद्र चौहान का कहना है कि एक्सरे मशीन निजी कंपनी से लगवाई गई है. यहां पर रेडियोग्राफर भी वही रखेंगे. अगर पीएचसी से मेडिकल ऑफिसर एक्सरे मशीन चलाने के लिए डिमांड भेजें तो विभाग संबंधित कंपनी को रेडियोग्राफर रखने के लिए कहा जाएगा.

शिमला: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टुटू में रोजाना मरीजों की लाइने लगी रहती हैं. एक्सरे मशीन खराब होने के चलते स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचने वाले मरीजों को एक्सरे सुविधा से महरूम रहना पड़ रहा है. लाखों की मशीन पिछले तीन सालों से महज धूल फांक रही है.

X-ray machine is defective in PHC tutu
3 सालों से बंद पड़ी एक्सरे मशीन.


पीएचसी आने वाले मरीजों को एक्सरे करवाने के लिए हताश होकर या तो या फिर10 किलोमीटर दूर रिपन अस्पताल में पहुंचना पड़ता या फिर निजी क्लनिकों में एक्सरे करवाने पड़ते हैं. सरकारी अस्पतालों में एक्सरे टेस्ट 50 रुपये में हो जाता है. वहीं, निजी क्लीनिकों में एक्सरे करवाने के लिए 120 से 150 रुपये देने पड़ते हैं.

X-ray machine is defective in PHC tutu
पीएचसी टुटू में इलाज के पहुंचे मरीज और तीमारदार.

विकास समिति टुटू के पूर्व अध्यक्ष और स्थानीय निवासी नागेंद्र गुप्ता का कहना है कि टुटू पीएचसी में करीब 10 से 20 मरीजों को एक्सरे के लिए लिखा जाता है. एक्सरे मशीन खराब होने के चलते मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक डॉक्टर और एक लैबोटरी असिस्टेंट की भी जरूरत है.

इस मामले में सीएमओ शिमला डॉ. जितेंद्र चौहान का कहना है कि एक्सरे मशीन निजी कंपनी से लगवाई गई है. यहां पर रेडियोग्राफर भी वही रखेंगे. अगर पीएचसी से मेडिकल ऑफिसर एक्सरे मशीन चलाने के लिए डिमांड भेजें तो विभाग संबंधित कंपनी को रेडियोग्राफर रखने के लिए कहा जाएगा.

Intro:3साल से खराब पड़ी टुटू पीएचसी में एक्सरे मशीन ,भटक रहे मरीज

शिमला।
उपनगर टुटू के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तीन साल पहले एक्सरे मशीन लगाई गई थी। इस मशीन में विभाग ने लाखाें रुपए खर्च किए थे। शुरूअात में लाेगाें काे दिखाने के लिए मशीन चलाई, मगर कुछ ही दिनाें में इस बंद कर दिया। अब तीन सालाें से यहां पर एक्सरे मशीन बंद पड़ी है। यहां पर न ताे काेई एक्सरे हाे रहा है अाैर न ही मशीन काे चालू किया जा रहा है। एेसे में अब जहां लाखाें रुपए की मशीन धूल फांक रही है। शारीरिक चोट या फिर अन्य प्रकार की बीमारियां, इनके बारे में एक्स-रे टेस्ट में ही पता चलता है और उसके बाद ही चिकित्सक आगे का उपचार शुरू करते हैं।
Body:वहीं पीएचसी में अाने वाले लाेगाें काे भी एक्सरे करवाने के लिए 10 किलोमीटर दूर डीडीयू पहुंचना पड़ रहा है। इससे उनके समय अाैर पैसे दाेनाें की बर्बादी हाे रही है। सरकारी अस्पतालाें में एक्स-रे टेस्ट 50 रुपए में पड़ता है। वहीं, निजी क्लीनिकों में इसी एक टेस्ट के 120 से 150 रुपए तक लिए जाते हैं।


150 तक है अाेपीडी
विकास समिति टुटू के पूर्व अध्यक्ष ओर स्थानीय निवासी नागेंद्र गुप्ता का कहना है कि टुटू पीएचसी में राेजाना 150 से ज्यादा ओपीडी है। यहां पर कई लाेगाें काे राेजाना एक्सरे के लिए लिखा जाता है, मगर उन्हें एक्सरे करवाने के लिए या ताे डीडीयू अस्पताल पहुंचना पड़ता है या फिर निजी क्लीनिकाें में एक्सरे करवाने पड़ते हैं। इसके अलावा अस्पताल में एक डाॅक्टर अाैर एक लैबाेटरी असिस्टेंट की भी जरूरत है।

काेट
यह एक्सरे मशीन निजी कंपनी से लगवाई गई है। यहां पर रेडियोग्राफर भी वही रखेंगे। यदि पीएचसी से मेडिकल ऑफिसर एक्सरे मशीन चलाने के लिए डिमांड भेजें ताे विभाग संबंधित कंपनी काे रेडियोग्राफर रखने के लिए कहा जाएगा।
डाॅ. जितेंद्र चाैहान, सीएमओ शिमला
Conclusion:
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