शिमला: बेटी के जन्म पर प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड 51 हजार रुपये एफडीआर के रूप में देगा, जो अधिकतम दो लड़कियों तक देय होगा, जिसकी 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद ही निकासी की जा सकती है. इसके अतिरिक्त, सन्निर्माण कामगारों के विशेष रूप से सक्षम बच्चों की देखभाल के लिए 20,000 रुपये प्रति वर्ष की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
पंजीकृत सन्निर्माण कामगार के रूप में पंजीकृत विधवा लाभार्थियों को 1500 रुपये प्रति माह प्रदान किए जाएंगे. पंजीकृत कामगारों के बच्चों को होस्टल सुविधा के लिए प्रति वर्ष 15,000 से 20,000 रुपये तक की सहायता राशि प्रदान दी जाएगी. पंजीकृत सन्निर्माण कामगारों को मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत, मौजूदा प्रधानमंत्री आवास योजना या मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत वित्तीय सहायता के रूप में 1,50,000 प्रदान किए जाएंगे.
राज्य सरकार कामगारों के कल्याण के लिए कृतसंकल्प
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही. बोर्ड की कार्य प्रगति की समीक्षा की और राज्य में कार्यरत कामगारों से हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में अधिक से अधिक संख्या में पंजीकरण कराने का आग्रह किया ताकि प्रदान की जा रही सुविधाओं का लाभ प्राप्त किया जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कामगारों के कल्याण के लिए कृतसंकल्प है. उन्होंने कहा कि बोर्ड के तहत अब तक 3,03,848 कामगारों का पंजीकरण किया गया है और वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत 186.37 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
राज्य सरकार कामगारों के कल्याण के लिए कृतसंकल्प
उद्योग मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में पंजीकृत सन्निर्माण कामगारों की सहायता के लिए सरकार द्वारा कामगारों के बैंक खातों में प्रति कामगार दो हजार रुपये जमा किए गए. उन्होंने कहा कि इस तरह प्रति वर्ष कम से कम 90 दिन कार्य करने वाले 1,35,560 पंजीकृत सन्निर्माण कामगारों के बैक खातों में 77.96 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई.
उद्योग मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार बच्चों की शिक्षा पर अधिक बल दे रही है. पंजीकृत कामगारों के बच्चों की पढ़ाई जारी रखने में सुविधा के लिए छात्रवृति प्रदान की जाएगी। इसके लिए पंजीकृत सन्निर्माण कामगारों के पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को प्रति वर्ष 8,400 रुपये और 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को 12,000 रुपये प्रति वर्ष छात्रवृति के रूप में प्रदान किए जाएंगे. इसी प्रकार, पंजीकृत सन्निर्माण कामगार के बच्चों में स्नातक विद्यार्थियों को 36,000 रुपये, स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को 60,000 रुपये आईटीआई विद्यार्थियों को 48,000 रुपये, पाॅलिटेक्निक डिप्लोमा विद्यार्थियों को 60,000 रुपये और विधि, इजीनियरिंग, एमबीए, एमबीबीएस व पीएचडी विद्यार्थियों को 1,20,000 रुपये छात्रवृति के रूप में प्रदान किए जाएंगे.
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