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राजधानी शिमला में करवाचौथ की धूम, टका बैंच पर मेहंदी लगाने के लिए उमड़ी भीड़ - करवाचौथ स्पेशल

करवाचौथ के इस खास व्रत के 16 श्रृंगार का विशेष महत्व होता है जिसमें से हाथों में सजने वाली मेहंदी भी एक है. अपने इस खास दिन पर सबसे अच्छी मेहंदी लगाने के लिए शिमला के टका बैंच पर महिलाएं पहुंचती हैं. शिमला में टका बैंच की मेहंदी न केवल शिमला बल्कि प्रदेश भर में मशहूर है.

kravachaoth mehendi takka bench ridge
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Published : Oct 16, 2019, 7:23 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला में करवाचौथ की धूम है. महिलाएं इस खास दिन के लिए बाजारों से जमकर खरीदारी कर ही रही हैं. साथ ही सजने सवरने में भी कोई कमी नहीं छोड़ रही है. करवाचौथ के इस खास व्रत के 16 श्रृंगार का विशेष महत्व होता है जिसमें से हाथों में सजने वाली मेहंदी भी एक है.

अपने इस खास दिन पर सबसे अच्छी मेहंदी लगाने के लिए शिमला के टका बैंच पर महिलाएं पहुंचती हैं. शिमला में टका बैंच की मेहंदी न केवल शिमला बल्कि प्रदेश भर में मशहूर है. खास बात यह है कि यहां वैसे तो हर रोज की मेहंदी लगाने के लिए बैठे होते हैं, लेकिन करवाचौथ पर यहां अलग ही भीड़ देखने को मिलती है.

करवाचौथ के लिए महिलाएं टका बैंच पर मेहंदी लगाने के लिए लाइन में खड़ी होकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रही है. यहां मेहंदी लगाने का क्रेज इतना है कि कुछ एक महिलाएं तो 22 सालों से यहीं टका बैंच पर ही मेहंदी लगवाती आ रही हैं. वहीं, जिन महिलाओं का पहला करवाचौथ है वह भी अपने हाथों पर मेहंदी सजाने के लिए खास शिमला के टका बैंच पहुंची हैं.

वीडियो.

महिलाओं का कहना है कि शिमला के टक्का बैंच की मेहंदी काफी मशहूर है. यहां की मेहंदी का डिजाइन और रंग दोनों ही बेहद खास है. इसी कारण से वो 22 सालों से यहां मेहंदी लगवा रही है.

बता दें कि रिज मैदान के साथ ही टका बैंच पर पुरूष ही सालों से महिलाओं के हाथों में मेहंदी रचाते आ रहे है. करवाचौथ के इस खास दिन पर एक हाथ में मेहंदी लगाने के 100 से 150 और डिजाइन के अनुसार पैसे लिए जा रहे है.

वहीं, महिलाओं का कहना है कि करवाचौथ के लिए मेहंदी लगाने के बाद अब करवाचौथ के दिन सुबह 4 बजे उठकर सरगी खाएंगी. उसके बाद सुबह उठकर साज श्रृंगार करेगी। दिन को व्रत का पूजन ओर कथा सुनी जाएगी जिसके बाद रात को चांद निकलने के बाद चांद को जल चढ़ा कर पति के हाथों से महिलाएं अपना व्रत तोड़ेगी.

ये भी पढ़ें: निरीक्षण करने अचानक रिपन अस्पताल पहुंचे राज्यपाल, सुविधाओं का लिया जायजा

शिमला: राजधानी शिमला में करवाचौथ की धूम है. महिलाएं इस खास दिन के लिए बाजारों से जमकर खरीदारी कर ही रही हैं. साथ ही सजने सवरने में भी कोई कमी नहीं छोड़ रही है. करवाचौथ के इस खास व्रत के 16 श्रृंगार का विशेष महत्व होता है जिसमें से हाथों में सजने वाली मेहंदी भी एक है.

अपने इस खास दिन पर सबसे अच्छी मेहंदी लगाने के लिए शिमला के टका बैंच पर महिलाएं पहुंचती हैं. शिमला में टका बैंच की मेहंदी न केवल शिमला बल्कि प्रदेश भर में मशहूर है. खास बात यह है कि यहां वैसे तो हर रोज की मेहंदी लगाने के लिए बैठे होते हैं, लेकिन करवाचौथ पर यहां अलग ही भीड़ देखने को मिलती है.

करवाचौथ के लिए महिलाएं टका बैंच पर मेहंदी लगाने के लिए लाइन में खड़ी होकर अपनी बारी आने का इंतजार कर रही है. यहां मेहंदी लगाने का क्रेज इतना है कि कुछ एक महिलाएं तो 22 सालों से यहीं टका बैंच पर ही मेहंदी लगवाती आ रही हैं. वहीं, जिन महिलाओं का पहला करवाचौथ है वह भी अपने हाथों पर मेहंदी सजाने के लिए खास शिमला के टका बैंच पहुंची हैं.

वीडियो.

महिलाओं का कहना है कि शिमला के टक्का बैंच की मेहंदी काफी मशहूर है. यहां की मेहंदी का डिजाइन और रंग दोनों ही बेहद खास है. इसी कारण से वो 22 सालों से यहां मेहंदी लगवा रही है.

बता दें कि रिज मैदान के साथ ही टका बैंच पर पुरूष ही सालों से महिलाओं के हाथों में मेहंदी रचाते आ रहे है. करवाचौथ के इस खास दिन पर एक हाथ में मेहंदी लगाने के 100 से 150 और डिजाइन के अनुसार पैसे लिए जा रहे है.

वहीं, महिलाओं का कहना है कि करवाचौथ के लिए मेहंदी लगाने के बाद अब करवाचौथ के दिन सुबह 4 बजे उठकर सरगी खाएंगी. उसके बाद सुबह उठकर साज श्रृंगार करेगी। दिन को व्रत का पूजन ओर कथा सुनी जाएगी जिसके बाद रात को चांद निकलने के बाद चांद को जल चढ़ा कर पति के हाथों से महिलाएं अपना व्रत तोड़ेगी.

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Intro:राजधानी शिमला में महिलाओं के खास दिन करवाचौथ की धूम है। महिलाएं इस खास दिन के लिए बाजारों से तो जमकर खरीदारी कर ही रही है लेकिन इसके साथ ही सजने सवरने में भी कोई कमी नहीं छोड़ रही है। करवाचौथ के इस खास व्रत के 16 श्रृंगार का विशेष महत्व होता है जिसमें से हाथों में सजने वाली मेहंदी भी एक है। अपने इस खास दिन पर सबसे अच्छी मेहंदी लगाने के लिए शिमला के टका बैंच पर महिलाएं पहुंची है। शिमला में टका बैंच की मेहंदी ना केवल शिमला बल्कि प्रदेश भर में मशहूर है। खास बात यह है कि यहां वैसे तो हर रोज कीमेहंदी लगाने के लिए बैठे होते है लेकिन करवाचौथ पर यहां अलग ही भीड़ देखने को मिलती है।


Body:करवाचौथ के लिए यहां महिलाएं टका बैंच पर मेहंदी लगाने के लिए लाइन में खड़ी हो और अपनी बारी आने का इंतजार कर रही है। यहां मेहंदी लगाने का क्रेज इतना है कि कुछ एक महिलाएं तो 22 सालों से यही टका बैंच पर ही मेहंदी लगवाती आ रही है। वहीं जिन महिलाओं का पहला करवा चौथ है वह भी अपने हाथों पर मेहंदी सजाने के लिए खास शिमला के टका बैंच पहुंची है। यहां मेहंदी लगाने के लिए पहुंची महिलाओं का कहना है कि शिमला के टक्का बैंच की मेहंदी काफी मशहूर है। यहां की मेहंदी का डिजाइन और रंग दोनों ही बेहद खास है यही वजह है कि वह 22 सालों से यहीं मेहंदी लगवा रही है ओर करवाचौथ खास त्यौहार है तो ऐसे में टक्का बैंच पर मेंहदी लगवाना तो बनता ही है।


Conclusion:बता दे कि रिज़ मैदान के साथ ही टक्का बैंच पर पुरूष ही वर्षों से महिलाओं के हाथों में मेहंदी रचाते आ रहे है और करवाचौथ के इस खास दिन पर एक हाथ में मेहंदी लगाने के 100 से 150 ओर डिजाइन के अनुसार पैसे लिए जा रहे है। वहीं महिलाओं का कहना है कि करवाचौथ के लिए मेहंदी लगाने के बाद अब करवाचौथ के दिन सुबह 4 बजे उठकर सरगी खाएंगी। उसके बाद सुबह उठकर साज श्रृंगार करेगी। दिन को व्रत का पूजन ओर कथा सुनी जाएगी जिसके बाद रात को चांद निकलने के बाद चांद को जल चढ़ा कर पति के हाथों से महिलाएं अपना व्रत तोड़ेगी।
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