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रामपुर के बसारा गांव में मनरेगा का लाभ उठा रही महिलाएं

ग्रामीणों ने मनरेगा शुरू करने के लिए पंचायत प्रधान से भी आग्रह किया था, बावजूद इसके उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया था, लेकिन शुक्रवार को बसारा गांव में मनरेगा शुरू किया गया.

MANREGA in Basara village
बसारा गांव में मनरेगा शुरू होने से महिलाओं को मिला रोजगार
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Published : Feb 15, 2020, 12:36 PM IST

रामपुर: जिला शिमला के अंतर्गत आने वाले बसारा गांव के लोगों को सरकार द्वारा चलाए जा रहे मनरेगा के कार्यों से वंचित रहना पड़ रहा था. ग्रामीणों ने मनरेगा शुरू करने के लिए पंचायत प्रधान से भी आग्रह किया था, बावजूद इसके उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया था.

ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए शुक्रवार को बसारा गांव में मनरेगा शुरू किया गया, जिससे लोगों में खुशी की लहर है. स्थानीय लोगों को कहना है कि लगभग 3 सालों से यहां की महिलाओं को मनरेगा के कार्यों से वंचित रहना पड़ रहा था. महिलाएं अपनी आर्थिकी मजबूत करने में नाकाम रहती और क्षेत्र का विकास भी रुका पड़ा था.

वीडियो.

बता दें कि मनरेगा में स्थानीय लोग अपने गांव में पक्के रास्ते बनाने का कार्य, नालियां पक्की करना, अपने खेतों को सवारना, बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने जैसे कार्य मनरेगा के माध्यम से करते हैं, लेकिन लंबे समय से महिलाओं को मनरेगा में काम ना मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

वहीं, क्षेत्र के बसारा गांव में मनरेगा शुरू होने से यहां की महिलाएं लाभ उठा रही है. महिलाओं का कहना है कि उन्होंने मनरेगा को लेकर काफी इंतजार किया, लेकिन अब मनरेगा शुरू होने से वह खुश है और मनरेगा के काम में जुट गई है.

ये भी पढे़ं: अद्भुत हिमाचल: 'किंग ऑफ फोक' हिमाचली नाटी, घाटी के जर्रे-जर्रे में बसता है इसका मधुर संगीत

रामपुर: जिला शिमला के अंतर्गत आने वाले बसारा गांव के लोगों को सरकार द्वारा चलाए जा रहे मनरेगा के कार्यों से वंचित रहना पड़ रहा था. ग्रामीणों ने मनरेगा शुरू करने के लिए पंचायत प्रधान से भी आग्रह किया था, बावजूद इसके उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया था.

ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए शुक्रवार को बसारा गांव में मनरेगा शुरू किया गया, जिससे लोगों में खुशी की लहर है. स्थानीय लोगों को कहना है कि लगभग 3 सालों से यहां की महिलाओं को मनरेगा के कार्यों से वंचित रहना पड़ रहा था. महिलाएं अपनी आर्थिकी मजबूत करने में नाकाम रहती और क्षेत्र का विकास भी रुका पड़ा था.

वीडियो.

बता दें कि मनरेगा में स्थानीय लोग अपने गांव में पक्के रास्ते बनाने का कार्य, नालियां पक्की करना, अपने खेतों को सवारना, बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने जैसे कार्य मनरेगा के माध्यम से करते हैं, लेकिन लंबे समय से महिलाओं को मनरेगा में काम ना मिलने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

वहीं, क्षेत्र के बसारा गांव में मनरेगा शुरू होने से यहां की महिलाएं लाभ उठा रही है. महिलाओं का कहना है कि उन्होंने मनरेगा को लेकर काफी इंतजार किया, लेकिन अब मनरेगा शुरू होने से वह खुश है और मनरेगा के काम में जुट गई है.

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