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समस्याओं को सुलझाने में सरकार नाकाम, विरोध करने पर देशद्रोह के झूठे केस हो रहे दर्ज: विक्रमादित्य - state government

कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि वह प्रदेश की समस्याओं को सुलझाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि चुनावों के समय प्रदेश को 65 राष्ट्रीय राजमार्गों की बड़ी-बड़ी बातें कहीं गई. वह राष्ट्रीय राजमार्ग अब कहां गायब हो गए हैं. सरकार का विरोध करने वालों पर देश द्रोह जैसे मामले दर्ज हो रहे हैं

Vikramaditya Singh
विक्रमादित्य सिंह
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Published : Jun 29, 2020, 8:03 AM IST

शिमला: कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि वह प्रदेश की समस्याओं को सुलझाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है. उनका कहना है कि सरकार का विरोध करने वालो पर झूठे व देशद्रोह जैसे संगीन मामले लोगों पर दर्ज किए जा रहे हैं.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि सरकार देश की आवाज को नहीं दबा सकती. देश मे लोकतंत्र है और तानाशाही ज्यादा समय तक नही चल सकती. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्रदेश विकास के मामलें में पिछड़ता जा रहा है. अढ़ाई साल के इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश के लिए कोई भी ऐसी योजना नहीं ला सके हैं, जिससे उन्हें भी लगे कि यह प्रदेश को बीजेपी सरकार की देन है.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि चुनाव के समय प्रदेश को 65 राष्ट्रीय राजमार्गों की बड़ी-बड़ी बातें कही गई. उन्होंने इसे चुनाव में भुनाया भी और इसका पूरा राजनैतिक लाभ लिया. वह राष्ट्रीय राजमार्ग अब कहा गायब हो गए हैं. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि बीजेपी सासंद प्रदेश में रेल विस्तार की भी डींगे मारते रहें, यह भी आज दिन तक वहीं की वहीं खड़ी है. न तो प्रदेश के सासंद ही प्रदेश में कुछ ला सकें है और न ही प्रदेश सरकार इनका कोई लाभ ले सकी है.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्रदेश सरकार कोविड 19 के चलते प्रदेश के लोगों को कोई भी राहत नही दे सकी है. इस सरकार ने लोगों पर डीजल पेट्रोल के मूल्य बढ़ा कर उन्हें मंहगाई परोस दी है. किसानों, बागवानों की अनदेखी की जा रही है. कारोबारियों के लिए कोई योजना नहीं है. बेरोजगारी की कोई चिंता भी नहीं है. उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि सरकार ने सबकुक रामभरोसे छोड़ दिया है.

विक्रमादित्य सिंह ने प्रशासन को चेताया है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में जिन कार्यों को उन्होंने अपनी विधायक निधि से पैसा दिया है,उन्हें जल्द पूरा किया जाए. उन्होंने कहा है कि कोविड 19 के नाम पर जो अधिकारी विकास कार्यों को किसी भी प्रकार से प्रभावित व रोकने का काम कर रहे हैं, ये सही नही होगा. इसके लिए वह विशेषाधिकार हनन का मामला भी बना सकते हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए जाएं कि जो पैसा जिस काम के लिए स्वीकृति किया गया है, वह उसी पर खर्च होना चाहिए.

शिमला: कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि वह प्रदेश की समस्याओं को सुलझाने में पूरी तरह विफल साबित हुई है. उनका कहना है कि सरकार का विरोध करने वालो पर झूठे व देशद्रोह जैसे संगीन मामले लोगों पर दर्ज किए जा रहे हैं.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि सरकार देश की आवाज को नहीं दबा सकती. देश मे लोकतंत्र है और तानाशाही ज्यादा समय तक नही चल सकती. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्रदेश विकास के मामलें में पिछड़ता जा रहा है. अढ़ाई साल के इस कार्यकाल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश के लिए कोई भी ऐसी योजना नहीं ला सके हैं, जिससे उन्हें भी लगे कि यह प्रदेश को बीजेपी सरकार की देन है.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि चुनाव के समय प्रदेश को 65 राष्ट्रीय राजमार्गों की बड़ी-बड़ी बातें कही गई. उन्होंने इसे चुनाव में भुनाया भी और इसका पूरा राजनैतिक लाभ लिया. वह राष्ट्रीय राजमार्ग अब कहा गायब हो गए हैं. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि बीजेपी सासंद प्रदेश में रेल विस्तार की भी डींगे मारते रहें, यह भी आज दिन तक वहीं की वहीं खड़ी है. न तो प्रदेश के सासंद ही प्रदेश में कुछ ला सकें है और न ही प्रदेश सरकार इनका कोई लाभ ले सकी है.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्रदेश सरकार कोविड 19 के चलते प्रदेश के लोगों को कोई भी राहत नही दे सकी है. इस सरकार ने लोगों पर डीजल पेट्रोल के मूल्य बढ़ा कर उन्हें मंहगाई परोस दी है. किसानों, बागवानों की अनदेखी की जा रही है. कारोबारियों के लिए कोई योजना नहीं है. बेरोजगारी की कोई चिंता भी नहीं है. उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि सरकार ने सबकुक रामभरोसे छोड़ दिया है.

विक्रमादित्य सिंह ने प्रशासन को चेताया है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में जिन कार्यों को उन्होंने अपनी विधायक निधि से पैसा दिया है,उन्हें जल्द पूरा किया जाए. उन्होंने कहा है कि कोविड 19 के नाम पर जो अधिकारी विकास कार्यों को किसी भी प्रकार से प्रभावित व रोकने का काम कर रहे हैं, ये सही नही होगा. इसके लिए वह विशेषाधिकार हनन का मामला भी बना सकते हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए जाएं कि जो पैसा जिस काम के लिए स्वीकृति किया गया है, वह उसी पर खर्च होना चाहिए.

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