शिमला: एक ओर प्रदेश में कोरोना वायरस का संकट जारी है वहीं, दूसरी ओर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में कथित घोटाले पर राजनीति तेज हो गई है. कोरोना संकट काल में स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. विपक्ष लगातर कोविड फंड पर सवाल खड़े कर श्वेत पत्र जारी करने की मांग कर रहा है.
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सेनिटाइजर और पीपीई किट की खरीद को सही कह रहे हैं, यदि कोविड फंड में कोई गड़बड़ नहीं की गई तो मुख्यमंत्री को श्वेत पत्र जारी करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री को विधानसभा में या प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कितने रुपए कोविड फंड में आए और किन लोगों ने दिए और इसे कहां खर्च किया गया. यह जानना प्रदेश की जनता का हक है. उन्होंने कहा कि कोविड फंड को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं, ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जनता ने जो रुपया कोविड फंड में दिया उससे क्या खरीद की गई और कितना राशन बांटा गया.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विपक्ष ने सरकार का सहयोग किया, लेकिन यदि कोई अनियमितता सामने आती है तो विपक्ष उसका विरोध करेगा. बता दें कोरोना संक्रमण के बाद सरकार ने कोविड फंड बनाया था. जिसमें लोगों ने अंशदान दिया. विपक्ष इस कोविड फंड को लेकर सवाल खड़ा कर श्वेत पत्र जारी करने की मांग कर रहा है.
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