शिमला: हिमाचल की कांग्रेस सरकार के युवा मंत्री विक्रमादित्य सिंह का गुस्सा इन दिनों सुर्खियों में है. कुल्लू जिला में बरसात के कारण हुए भयावह नुकसान का जायजा लेने पहुंचे सुखविंदर सिंह सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह का पारा सातवें आसमान पर है. विक्रमादित्य सिंह के बयान उनके गुस्से की तस्दीक करते हैं. कुल्लू में विक्रमादित्य सिंह ने जो कहा, उसकी बानगी देखिए-ये मैन मेड डिजास्टर है, इलीगल माइनिंग हो रही है, इस मुद्दे को विधानसभा के भीतर उठाया जाएगा, कैबिनेट मीटिंग में भी बात होगी. कुछ लोग खनन माफिया बने हुए हैं. उनके कारण ये कांड हुआ है. अगर अभी आवाज नहीं उठाई तो हम जनता के हितैषी नहीं होंगे.
विक्रमादित्य ने एसपी कुल्लू को कटघरे में खड़ा किया: भूमाफिया पर सर्जिकल स्ट्राइक होगी, उनका बोरिया बिस्तर पैक करवाया जाएगा. यही नहीं, विक्रमादित्य सिंह ने एसपी कुल्लू को भी कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने अवैध खनन की बात कही. माफिया को संरक्षण का मुद्दा उठाया. यदि माफिया पर एक्शन नहीं लिया गया तो एसपी कुल्लू को हटाया जाए. क्योंकि ये जिम्मेदारी एसपी कुल्लू की है. विक्रमादित्य का गुस्सा यहीं नहीं थमा. उन्होंने एसपी पर निशाना साधते हुए कहा-इफ शी इज नॉट एबल टू डू हर जॉब, शी हैज नो बिजनेस टू बी इन कुल्लू डिस्ट्रिक्ट. इसमें कड़ा संज्ञान लिया जाएगा.
विक्रमादित्य के बयान को हर्षवर्धन ने बताया बचकाना: उन्होंने खनन की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया. ये विक्रमादित्य सिंह के बयान के कुछ हिस्से हैं, जो उनका क्रोध दर्शा रहे हैं. विक्रमादित्य सिंह ने खास तौर पर जोर देकर कहा कि इलीगल माइनिंग हो रही है. वहीं, उनके इस बयान से उद्योग मंत्री ने किनारा कर लिया. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भी अपने तेवर तीखे किए. उन्होंने विक्रमादित्य सिंह के बयान से असहमति जताई और उल्टा कह दिया कि ये बचकाना बात है. यही नहीं, उद्योग मंत्री ने तर्क देकर ये सिद्ध करने का प्रयास किया कि आपदा प्राकृतिक है न कि खनन के कारण आई है. यहां बता दें कि विक्रमादित्य सिंह इस आपदा को मैन मेड करार दे चुके थे तो, उद्योग मंत्री ने इसकी काट में कह दिया कि आपदा प्राकृतिक है.
विक्रमादित्य सिंह का लीक से हटकर चलने का प्रयास: विक्रमादित्य सिंह कई बार पार्टी लाइन से हटकर भी चलते हैं. यूसीसी पर उनका बयान चर्चा में रहा था. उन्होंने यूसीसी का समर्थन किया था, लेकिन बाद में सोशल मीडिया से अपनी पोस्ट हटा ली थी. वे कई अवसरों पर नितिन गडकरी की कार्यप्रणाली की तारीफ कर चुके हैं. अपनी पोस्टों पर अक्सर जय श्री राम लिखते हैं. सोशल मीडिया पर वे खुलकर अपने विचार प्रकट करते हैं.
वीरभद्र और सुक्खू के सियासी रिश्ते कभी सहज नहीं रहे: हिमाचल में जब कांग्रेस को 2022 के चुनाव में सफलता मिली तो उस समय होली लॉज भी सत्ता की दौड़ में था. बाद में हाईकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू के पक्ष में फैसला लिया. जब केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सीएम पद का फैसला हो रहा था तो होली लॉज समर्थक विधानसभा के उस कक्ष के बाहर प्रतिभा सिंह व विक्रमादित्य सिंह के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे. ये सही है कि पूर्व में वीरभद्र सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू के सियासी रिश्ते कभी सहज नहीं रहे. ऐसे में होली लॉज के अवचेतन में जरूर सुखविंदर सिंह की सत्ता के प्रति एक अस्वीकार मौजूद है. ये संभव है कि ऐसी स्थितियों में विक्रमादित्य सिंह के तीखे बयान इसी अस्वीकार की ध्वनि न हों.
मंत्री विक्रमादित्य ने डिजास्टर को मैन मेड बताया: वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय शर्मा का कहना है कि सत्ता में हमेशा से एक पक्ष नाराज या फिर विरोध में रहता है. कोई भी दल इसका अपवाद नहीं है. आपदा के इस समय में विक्रमादित्य सिंह ने अवैध खनन को कारण मानते हुए डिजास्टर को मैन मेड बताया तो उद्योग मंत्री ने इस बात को बचकाना करार दे दिया. सरकार की मजबूती पर इस प्रकरण का बेशक असर न हो, लेकिन छवि पर जरूर होता है. ये सोशल मीडिया का जमाना है. यहां एक-एक शब्द तौलकर बोलने की जरूरत है, नहीं तो बात का बतंगड़ बनते देर नहीं लगती.