शिमला:कोरोना संक्रमण को लेकर हिमाचल में सियासी पारा भी गरमाने लगा है. कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के आरोपों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष को कोरोना पर राजनीति न करने की सख्त लहजे में चेतवानी दी थी. वहीं, अब विक्रमादित्य सिंह ने सीएम के बयान पर पलटवार किया है.
शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कोरोना को लेकर विपक्ष कोई राजनीति नहीं कर रहा है. सरकार की नाकामी को उजागर करना विपक्ष का दायित्व है. विपक्ष के सुझाव को भी मुख्यमंत्री राजनीति समझ रहे हैं और विपक्ष को डराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को बुरा लगने के बाद भी विपक्ष जनहित के मुद्दों को उठता रहेगा.
विक्रमादित्य ने कहा कि बाहर से सरकार बिना जांच के लोगों को ला रही है, जिसके चलते कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. उन्होंने केवल व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए थे, जिस पर मुख्यमंत्री भड़क गए. कांग्रेस विधायक ने कहा कि ऐसे समय में सरकार को एहतियात बरतनी चाहिए और बिना जांच के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए.
इसके साथ ही अभी टेस्टिंग काफी कम की जा रही है और हर रोज 1 हजार से ज्यादा टेस्ट किए जाने चाहिए. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर उठाए गए सवालों पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वीरभद्र सिंह अनुभवी नेता हैं और वे सरकार और प्रदेश के हित में सुझाव देते हैं, लेकिन सरकार उसे भी गंभीरता से नहीं लेती है.
कोविड फंड सार्वजिनक करने की मांग
विक्रमादित्य सिंह ने कोरोना को लेकर बनाए गए कोविड फंड में जमा पैसे को सार्वजिनक करने की मांग की और कहा कि अगर कोविड फंड में कोई घोटाला नहीं हुआ है तो मुख्यमंत्री को मामला दर्ज करने की जरूरत क्यों पड़ी. उन्होंने कहा कि किन लोगों ने कोविड फंड में पैसा दिया है. इसकी जानकारी प्रदेश की जनता को होनी चाहिए, लेकिन सरकार इसके बारे में कुछ नहीं बता रही है.
क्या था पूरा मामला
बता दें कि विक्रमादित्य सिंह ने बीते दिन सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और सरकार को कोरोना से निपटने में नाकाम करार दिया था, जिस पर मुख्यमंत्री भड़क गए थे. उन्होंने विपक्ष को इस संकट के दौर में राजनीति न करने की चेतवानी दी थी, जिस पर विक्रमादित्य सिंह ने पलटवार किया है.