शिमला: आईपीएस अधिकारी सतिंद्र पाल सिंह ने प्रदेश सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में एडीजी विजिलेंस का अतिरिक्त कार्यभार संभाल लिया है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले एडीजी विजिलेंस अनुराग गर्ग ने विजिलेंस के कार्यभार को नए एडीजी को सौंप दिया है.
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले अनुराग गर्ग ने पिछले 6 सालों में विजिलेंस में केसों की जांच और ट्रैप केस के बारे में जानकारी दी. अनुराग गर्ग ने बताया कि विजिलेंस में 6 सालों में 237 एफआईआर , 1627 मामलों की जांच और 89 रिश्वतखोर भी पकड़े हैं. साथ ही 294 मामलों की जांच भी पूरी की है.
विजिलेंस के पास 627 मामलों की शिकायतें आई थी, जिनमें से 1474 शिकायतों की जांच को पूरा कर लिया गया है. इसके साथ ही वित्तीय सालों में भ्रष्ट अफसरों और भ्रष्टाचार करने वाले 89 रिश्वतखोरों को भी रंगे हाथों पकड़ने में सफलता हासिल की है.
6 सालों में दर्ज हुए केसों के आंकड़े
वित्तीय वर्ष | मामले |
2015-16 | 35 |
2016-17 | 31 |
2017-18 | 28 |
2018-19 | 35 |
2019-20 | 69 |
2020-21 | 39 |
इतने केस की जांच
वित्तीय वर्ष | मामले |
2015-16 | 227 |
2016-17 | 258 |
2017-18 | 226 |
2018-19 | 420 |
2019-20 | 223 |
रिश्वतखोरी पर शिकंजा
वित्तीय वर्ष | मामले |
2015-16 | 15 |
2016-17 | 13 |
2017-18 | 9 |
2018-19 | 21 |
2020-21 | 10 |
नए एडीजी सतिंद्र पाल सिंह ने बताया की उनकी प्राथमिकता लंबित केस को पूरा करने की रहेगी. विजिलेंस में आने वाली शिकायतों पर भी प्राथमिकता के आधार पर जांच पड़ताल की जाएगी. भ्रष्टाचारियों के साथ किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
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