शिमला: विधानसभा बजट सत्र के दौरान राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ हिमाचल शाखा के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के समीप रोष रैली निकाली. लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत दृष्टिहीन संघ के सदस्य सोमवार को बारिश के बीच विधानसभा के समीप चौड़ा मैदान पर एकत्रित हुए और अपनी मांगों को लेकर रोष जताया.
उन्होंने कहा कि बजट में सरकार ने उनकी अनदेखी की है, जिसको लेकर मजबूरन उन्हें आज सड़कों पर उतरना पड़ा. राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ हिमाचल के सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि बजट में सरकार ने दृष्टिहीन लोगों की अनदेखी की है. उनकी सेवानिवृति की उम्र पूर्व भाजपा सरकार ने 60 से 58 कर दी थी, जबकि पूर्व वीरभद्र सरकार में इसे बढ़ाया गया था. अब सरकार से मांग है कि इसे फिर से 60 वर्ष किया जाए. साथ ही उन्हें जो 1700 रुपये पेंशन मिलती है, उसे पांच हजार रुपये किया जाए. उन्होंने कहा कि जो बैकलॉग है, उसे भी जल्द से जल्द भरा जाए.
वहीं, संघ के अन्य सदस्यों ने कहा कि इतनी कम पेंशन में उनका गुजर बसर मुश्किल हो रहा है. सरकार के बजट से उन्हें बहुत आशाएं थी, लेकिन बजट के बाद उन्हें निराशा ही हाथ लगी. उन्होंने कहा कई परिवार ऐसे हैं जो पेंशन पर ही निर्भर हैं और महंगाई के इस दौर में घर चलाना कठिन हो गया है. साथ ही कई दृष्टिहीन बेरोजगार बैठे हैं. ऐसे में सरकार उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाए. जिससे वह आत्मनिर्भर बन सके. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को माना नहीं गया तो मई माह से वह धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल शुरू करेंगे.
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