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पहली बार मिडल क्लास सैलरिड सेक्शन का ख्याल, हाथ में पैसा आएगा तो मार्केट भी करेगी बूम - UNION BUDGET 2025

हिमाचल सरकार के पूर्व वित्त सचिव केआर भारती ने इस बार के केंद्रीय बजट को मिडिल क्लास का बजट बताया.

UNION BUDGET 2025
केंद्रीय बजट 2025 (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 1, 2025, 2:28 PM IST

शिमला: साधारण इंसान के लिए बजट आंकड़ों का जाल कहा जाता है, लेकिन समाज में मध्यम व निम्न मध्यम वर्ग की नजर हर बार इनकम टैक्स के स्लैब पर टिकी होती है. इस बार निर्मला सीतारमण के बजट में मिडिल क्लास के लिए मां लक्ष्मी की कृपा बरसी है. पहली बार ऐसा हुआ है कि मिडिल क्लास खुश है. ये खुशी इनकम टैक्स में छूट को लेकर है. अब 12 लाख तक की आय पर कर में राहत है.

ईटीवी भारत से बातचीत में हिमाचल सरकार के पूर्व वित्त सचिव केआर भारती ने कहा, "हमेशा सैलरीड क्लास यानी मध्यम वर्ग का सामान्य वेतनभोगी व्यक्ति यही उम्मीद करता है कि उसके हाथ में कुछ पैसा आए. ये बजट आम मध्यम वर्ग की उसी आशा को पूरा कर रहा है. जब मध्यम वर्ग के हाथ में पैसा आएगा तो मार्केट में भी बूम आएगा." कारण ये है कि भारत का मध्यम वर्ग बचत भी खूब करता है और पैसा भी खर्च करता है. शर्त यही है कि उसके पास खर्च करने की विंडो हो. इस बार बजट में ये विंडो उसके हाथ लगी है. आय में कर से राहत मिलने पर मध्यम वर्ग का व्यक्ति उपयोग व उपभोग की वस्तुएं खरीदेगा. उससे गुड्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी बढ़ेगा. उत्पादन बढ़ेगी तो लघु व मध्यम उद्योग भी खिलेंगे. हाथ में आया पैसा खर्च होने से मार्केट में मनी फ्लो बढ़ेगा.

केआर भारती का कहना है, "मध्यम वर्ग को भारत की आत्मा कहा जाता है. मध्यम वर्ग की आशाओं पर ध्यान देना जरूरी है. ये आशा इनकम टैक्स में राहत की रहती है. इस बार का जो स्लैब है, उसमें चार लाख सालाना आय तक कोई टैक्स नहीं है. फिर चार से आठ लाख की आय तक पांच फीसदी, आठ से 12 लाख की आय तक 10 फीसदी का स्लैब है. कुल मिलाकर बात ये है कि 12 लाख तक की सालाना आय वालों को कम से कम 75 से 80 हजार का लाभ है. ऐसे में इस बार के बजट को मिडिल क्लास का बजट कहा जा सकता है."

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केआर भारती, पूर्व वित्त सचिव हिमाचल सरकार (File Photo)

'किसानों को लाभ'

केआर भारती का कहना है कि इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी तीन लाख से पांच लाख हुई है. इससे किसानों को लाभ मिलेगा. भाजपा ने इस बजट को दूरदर्शी बजट बताया है. भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल का कहना है कि वेतन पर गुजारा करने वालों के लिए 12 लाख 75 हजार तक कोई आयकर नहीं है. कारण ये है कि वेतनभोगी सेक्शन में 75 हजार रुपए तक मानक कटौती का लाभ मिलता है.

ये भी पढ़ें: इनकम टैक्स पर बड़ा ऐलान, 12 लाख तक की इनकम हुई टैक्स फ्री

शिमला: साधारण इंसान के लिए बजट आंकड़ों का जाल कहा जाता है, लेकिन समाज में मध्यम व निम्न मध्यम वर्ग की नजर हर बार इनकम टैक्स के स्लैब पर टिकी होती है. इस बार निर्मला सीतारमण के बजट में मिडिल क्लास के लिए मां लक्ष्मी की कृपा बरसी है. पहली बार ऐसा हुआ है कि मिडिल क्लास खुश है. ये खुशी इनकम टैक्स में छूट को लेकर है. अब 12 लाख तक की आय पर कर में राहत है.

ईटीवी भारत से बातचीत में हिमाचल सरकार के पूर्व वित्त सचिव केआर भारती ने कहा, "हमेशा सैलरीड क्लास यानी मध्यम वर्ग का सामान्य वेतनभोगी व्यक्ति यही उम्मीद करता है कि उसके हाथ में कुछ पैसा आए. ये बजट आम मध्यम वर्ग की उसी आशा को पूरा कर रहा है. जब मध्यम वर्ग के हाथ में पैसा आएगा तो मार्केट में भी बूम आएगा." कारण ये है कि भारत का मध्यम वर्ग बचत भी खूब करता है और पैसा भी खर्च करता है. शर्त यही है कि उसके पास खर्च करने की विंडो हो. इस बार बजट में ये विंडो उसके हाथ लगी है. आय में कर से राहत मिलने पर मध्यम वर्ग का व्यक्ति उपयोग व उपभोग की वस्तुएं खरीदेगा. उससे गुड्स मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भी बढ़ेगा. उत्पादन बढ़ेगी तो लघु व मध्यम उद्योग भी खिलेंगे. हाथ में आया पैसा खर्च होने से मार्केट में मनी फ्लो बढ़ेगा.

केआर भारती का कहना है, "मध्यम वर्ग को भारत की आत्मा कहा जाता है. मध्यम वर्ग की आशाओं पर ध्यान देना जरूरी है. ये आशा इनकम टैक्स में राहत की रहती है. इस बार का जो स्लैब है, उसमें चार लाख सालाना आय तक कोई टैक्स नहीं है. फिर चार से आठ लाख की आय तक पांच फीसदी, आठ से 12 लाख की आय तक 10 फीसदी का स्लैब है. कुल मिलाकर बात ये है कि 12 लाख तक की सालाना आय वालों को कम से कम 75 से 80 हजार का लाभ है. ऐसे में इस बार के बजट को मिडिल क्लास का बजट कहा जा सकता है."

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केआर भारती, पूर्व वित्त सचिव हिमाचल सरकार (File Photo)

'किसानों को लाभ'

केआर भारती का कहना है कि इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी तीन लाख से पांच लाख हुई है. इससे किसानों को लाभ मिलेगा. भाजपा ने इस बजट को दूरदर्शी बजट बताया है. भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल का कहना है कि वेतन पर गुजारा करने वालों के लिए 12 लाख 75 हजार तक कोई आयकर नहीं है. कारण ये है कि वेतनभोगी सेक्शन में 75 हजार रुपए तक मानक कटौती का लाभ मिलता है.

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