रामपुर : हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों नेता प्रचार में जुटे हुए हैं. कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी चुनाव प्रचार कर रही हैं. इसी दौरान उन्होंने एक बार फिर अपर और लोअर हिमाचल को लेकर बयान दिया है. दरअसल इन दिनों प्रतिभा सिंह रामपुर में चुनाव प्रचार कर रही हैं. इसी दौरान वो ननखड़ी पहुंची थी जहां उन्होंने लोगों से कांग्रेस को वोट देने की अपील की थी. (Pratibha Singh in Rampur) (Pratibha singh on mandi by election)
'रामपुर वालों की बदौलत बनी सांसद' - प्रतिभा सिंह ने रामपुर में लोगों से कहा कि आपने कांग्रेस का साथ पहले भी दिया है और इज्जत, मान खूब दिया है. उपचुनाव के दौरान आपने मुझे बहुमत दिया और अकेले रामपुर से ही मुझे 20 हजार वोटों की लीड मिली थी, जबकि मैं रामपुर में इतने दौरे भी नहीं कर पाई थी. प्रतिभा सिंह ने कहा कि मैं इसके लिए रामपुर का शुक्रिया और आभार जताती हूं. रामपुर की वजह से ही मैं सांसद बनी, मुझे नीचे से इतनी उम्मीद नहीं थी. यहां नीचे का मतलब लोअर हिमाचल है. (Pratibha singh on upper himachal)
प्रतिभा सिंह के बयान के मुताबिक साल 2021 में मंडी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें रामपुर से अच्छे खासे वोट मिले हैं. मंडी लोकसभा सीट में मंडी जिले के अलावा, रामपुर, किन्नौर और भरमौर विधानसभा सीट आती है. शिमला जिले का रामपुर ऊपरी हिमाचल में आता है. प्रतिभा सिंह ने रामपुर के लोगों को आभार जताते हुए कहा कि उन्हें मंडी संसदीय क्षेत्र के निचले या मैदानी इलाकों से ये उम्मीद नहीं थी. चुनावी माहौल में उनके इस बयान से एक बार फिर ऊपरी या निचले हिमाचल या क्षेत्र विशेष की राजनीति का मुद्दा फिर से उभर सकता है. (Pratibha Singh on Regionalism) (Pratibha Singh on lower Himachal)
विधानसभा चुनाव में वोट की अपील की- प्रतिभा सिंह ने कहा कि अब दोबारा वोट डालने का वक्त आ गया है. आपने वीरभद्र सिंह को काम करते देखा. 60 साल वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस को दिए और लोगों के प्यार की बदौलत 6 बार मुख्यमंत्री बने. ऐसा रिकॉर्ड देश में औऱ कहीं नहीं है जैसा रामपुर वालों ने साबित किया.
क्या है अपर हिमाचल और लोअर हिमाचल- दरअसल 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के बाद वहां के कुछ इलाके हिमाचल में मिलाए गए. ये इलाके नया हिमाचल कहलाया जिनमें आज का कांगड़ा, ऊना औऱ हमीरपुर जिला शामिल है. ये वो इलाके हैं जो या तो पूरी तरह मैदानी हैं या फिर अर्ध पहाड़ी, जबकि पहले से हिमाचल का हिस्सा रहे शिमला और सिरमौर जैसे जिले पूरी तरह से पहाड़ी हैं जिन्हें पुराना हिमाचल कहा जाता है. एक नजर में ये भौगोलिक बंटवारा कहा जा सकता है. बोली, लोक कलाओं और खान-पान के लिहाज से भी इसे वाजिब कहा जा सकता है लेकिन हिमाचल की राजनीति में क्षेत्रवाद की सबसे बड़ी पहचान बन गया. (Upper vs Lower Himachal)
हिमाचल की सियासत पर नजर डालें तो अब तक रहे 6 मुख्यमंत्रियों में से 3 को ऊपरी हिमाचल का कहा जाता है और 3 को निचले हिमाचल का, ये भी दिलचस्प है कि इस कांग्रेस के तीनों मुख्यमंत्री यशवंत परमार, रामलाल ठाकुर और वीरभद्र सिंह अपर हिमाचल और बीजेपी के तीनों मुख्यमंत्री शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर निचले इलाके के माने जाते हैं.
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