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तत्तापानी और सलापड़ के बीच 2.02 करोड़ रुपये से दो जैटीज चलाने की योजना, सीएम ने दी जानकारी - water transport will run between Tattapani and Salapad

जल परिवहन सुविधा के लिए गोविंद सागर बांध में 107 अंतर्देशीय जल परिवहन मार्ग चिन्हित किए गए है और कुल 170 परमिट दिए गए हैं. 60 किमी लंबा बिलासपुर-भाखड़ा मार्ग सबसे लंबा रूट है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जल परिवहन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही यह बात कही. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और परिवहन विभाग ने 20 जुलाई 2019 को कोल डैम में संभावनाएं खोजने के लिए संयुक्त निरीक्षण किया.

तत्तापानी और सलापड़
तत्तापानी और सलापड़
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Published : Jan 1, 2021, 9:43 AM IST

शिमला: जल परिवहन सुविधा के लिए गोविंद सागर बांध में 107 अंतर्देशीय जल परिवहन मार्ग चिन्हित किए गए है और कुल 170 परमिट दिए गए है. 60 किमी. लंबा बिलासपुर-भाखड़ा मार्ग सबसे लंबा रूट है, जिसके लिए लोगों को केवल 80 रुपये किराया देना पड़ता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्तापानी और सलापड़ क्षेत्र के मध्य जल परिवहन सुविधाएं विकसित करने के लिए तत्तापानी और कसोल गांव में 2.02 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से दो जैटीज और सामान्य सुविधाएं निर्मित की जाएंगी.

कम लागत में मिलेगी परिवहन सुविधाएं

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जल परिवहन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही यह बात कही. उन्होंने कहा कि इस मामले में एनटीपीसी से जैटीज के निर्माण के लिए भूमि के उपयोग के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने के लिए प्रारूप समझौता प्राप्त कर लिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल क्षेत्र के लोगों को कम लागत में प्रभावी परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी बल्कि क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह आकर्षण का अतिरिक्त केंद्र साबित होगा. इससे आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे.

योग्य डिजाइन माॅडल का विकास होगा हिस्सा

जयराम ठाकुर ने कहा कि परामर्श सेवाओं के लिए ई-टेंडर आमंत्रित किए जा चुके हैं, जिससे विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा सके. कोल बांध, भाखड़ा बांध, चमेरा बांध और पौंग बांध जलाश्यों में विधि मान्य स्थानों पर टेंडर दस्तावेज तैयार करने के लिए भी ई-टेंडर आमंत्रित की गई हैं. यात्रियों (और माल, यदि कोई हो) के लिए डिजाइन तत्वों का माॅड्यूलेराइजेशन और भविष्य में किए जाने वाले संभावित परिवर्तन के लिए अनुकूल योग्य डिजाइन माॅडल का विकास भी इसका हिस्सा होगा.

10 रूट अधिसूचित होंगे अधिसूचित

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल डैम में 10 रूट अधिसूचित किए गए हैं, जिनमें अहान से कोल, कियान से सुई वाया बियो, सूई से नेरी-रोपड़ू वाया बियो, नेरी-रोपड़ू से कारला-बेरल, दोघरी से कारला-बेरल, कियान से जरटू, शाकरा से कियान, चाबा से सरौर, तत्तापानी से क्यारी (चिल्ला) और कियान से कारला अहान, जरटू, सूई, मेहन्दला और नेरी रोपड़ू (ठहराव के साथ) मार्ग शामिल हैं.

इन जगहों पर शुरू होगा जल परिवहन

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और परिवहन विभाग ने 20 जुलाई 2019 को कोल डैम में संभावनाएं खोजने के लिए संयुक्त निरीक्षण किया, जिसमें राजकीय महाविद्याल सुन्नी, हाॅट स्प्रिंग होटल तत्तापानी के निकट, रंदौल गांव और कसोल गांव को तत्तापानी और सलापड़ के बीच जल परिवहन आरंभ करने के लिए उपयुक्त पाया गया.

चार राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित

जयराम ठाकुर ने कहा कि विभाग को फाइनेंस के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के समक्ष विभिन्न परियोजनाएं रखनी चाहिए. भारत सरकार ने 25 मार्च 2016 को राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम-2016 के तहत चार राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए. इनमें ब्यास नदी में तलवाड़ा बेरेज से हरकीधाम, चेनाब नदी पर चेनाब सड़क पुल से भद्राकलां के निकट पुल, रावी नदी में गंधियार बांध से रंजीत सागर बांध और सतलुज नदी में सुन्नी सड़क पुल से हरकीधाम शामिल हैं.

शिमला: जल परिवहन सुविधा के लिए गोविंद सागर बांध में 107 अंतर्देशीय जल परिवहन मार्ग चिन्हित किए गए है और कुल 170 परमिट दिए गए है. 60 किमी. लंबा बिलासपुर-भाखड़ा मार्ग सबसे लंबा रूट है, जिसके लिए लोगों को केवल 80 रुपये किराया देना पड़ता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि तत्तापानी और सलापड़ क्षेत्र के मध्य जल परिवहन सुविधाएं विकसित करने के लिए तत्तापानी और कसोल गांव में 2.02 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से दो जैटीज और सामान्य सुविधाएं निर्मित की जाएंगी.

कम लागत में मिलेगी परिवहन सुविधाएं

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जल परिवहन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही यह बात कही. उन्होंने कहा कि इस मामले में एनटीपीसी से जैटीज के निर्माण के लिए भूमि के उपयोग के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने के लिए प्रारूप समझौता प्राप्त कर लिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल क्षेत्र के लोगों को कम लागत में प्रभावी परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी बल्कि क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह आकर्षण का अतिरिक्त केंद्र साबित होगा. इससे आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे.

योग्य डिजाइन माॅडल का विकास होगा हिस्सा

जयराम ठाकुर ने कहा कि परामर्श सेवाओं के लिए ई-टेंडर आमंत्रित किए जा चुके हैं, जिससे विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा सके. कोल बांध, भाखड़ा बांध, चमेरा बांध और पौंग बांध जलाश्यों में विधि मान्य स्थानों पर टेंडर दस्तावेज तैयार करने के लिए भी ई-टेंडर आमंत्रित की गई हैं. यात्रियों (और माल, यदि कोई हो) के लिए डिजाइन तत्वों का माॅड्यूलेराइजेशन और भविष्य में किए जाने वाले संभावित परिवर्तन के लिए अनुकूल योग्य डिजाइन माॅडल का विकास भी इसका हिस्सा होगा.

10 रूट अधिसूचित होंगे अधिसूचित

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल डैम में 10 रूट अधिसूचित किए गए हैं, जिनमें अहान से कोल, कियान से सुई वाया बियो, सूई से नेरी-रोपड़ू वाया बियो, नेरी-रोपड़ू से कारला-बेरल, दोघरी से कारला-बेरल, कियान से जरटू, शाकरा से कियान, चाबा से सरौर, तत्तापानी से क्यारी (चिल्ला) और कियान से कारला अहान, जरटू, सूई, मेहन्दला और नेरी रोपड़ू (ठहराव के साथ) मार्ग शामिल हैं.

इन जगहों पर शुरू होगा जल परिवहन

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और परिवहन विभाग ने 20 जुलाई 2019 को कोल डैम में संभावनाएं खोजने के लिए संयुक्त निरीक्षण किया, जिसमें राजकीय महाविद्याल सुन्नी, हाॅट स्प्रिंग होटल तत्तापानी के निकट, रंदौल गांव और कसोल गांव को तत्तापानी और सलापड़ के बीच जल परिवहन आरंभ करने के लिए उपयुक्त पाया गया.

चार राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित

जयराम ठाकुर ने कहा कि विभाग को फाइनेंस के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के समक्ष विभिन्न परियोजनाएं रखनी चाहिए. भारत सरकार ने 25 मार्च 2016 को राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम-2016 के तहत चार राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए. इनमें ब्यास नदी में तलवाड़ा बेरेज से हरकीधाम, चेनाब नदी पर चेनाब सड़क पुल से भद्राकलां के निकट पुल, रावी नदी में गंधियार बांध से रंजीत सागर बांध और सतलुज नदी में सुन्नी सड़क पुल से हरकीधाम शामिल हैं.

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