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NH 5 के किनारे सफेदे के पेड़ लोगों के लिए बने खतरा, ये है कारण

रामपुर में बीते दिनों हुई भारी बर्फबारी व बारिश से यह पेड़ जड़ से ही उखड़ गए. जिससे कुछ समय के लिए यातायात व्यवस्था भी बंद हो चुकी थी, लेकिन अभी भी ऐसे कई पेड़ यहां पर मौजूद हैं जो कभी भी गिर सकते हैं. बता दें कि वन विभाग द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाने का कार्य तो किया जाता है, लेकिन एनएच के किनारे मजबूत पेड़ लगाने की आवश्यकता है, ताकि यह पेड़ बड़े होने पर क्षतिग्रस्त न हो और जनमानस को नुकसान न पहुंचा सके.

Trees along NH 05 threat to people, NH 05 के किनारे सफेदे के पेड़ लोगों के लिए बने खतरा
NH 05 के किनारे सफेदे के पेड़ लोगों के लिए बने खतरा
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Published : Jan 12, 2020, 9:11 PM IST

रामपुर: शिमला से किन्नौर जाने वाला मार्ग एनएच 05 के किनारे लगाए गए सफेदे के पेड़ अब मुसीबत का कारण बनते जा रहे हैं. यह पेड़ रामपुर के खनेरी से झाकड़ी तक एनएच के किनारे काफी संख्या में लगाए गए हैं जो आज मुसीबत का कारण बन रहे हैं.

रामपुर में बीते दिनों हुई भारी बर्फबारी व बारिश से यह पेड़ जड़ से ही उखड़ गए. जिससे कुछ समय के लिए यातायात व्यवस्था भी बंद हो चुकी थी, लेकिन अभी भी ऐसे कई पेड़ यहां पर मौजूद हैं जो कभी भी गिर सकते हैं. बता दें कि वन विभाग द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाने का कार्य तो किया जाता है, लेकिन एनएच के किनारे मजबूत पेड़ लगाने की आवश्यकता है, ताकि यह पेड़ बड़े होने पर क्षतिग्रस्त न हो और जनमानस को नुकसान न पहुंचा सके.

वीडियो.

वहीं, खनेरी अस्पताल के साथ कई पेड़ क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और कई पेड़ अभी भी टूटने का खतरा बना हुआ है. ऐसे में एनएच पर चलने वाले वाहन भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. वरिष्ठ नागरिक श्याम शर्मा का कहना है कि सड़क के किनारे कच्चे पेड़ न लगाएं. यह पेड़ थोड़ी-सी हवा व बर्फबारी बारिश होने से टूट जाते हैं और लोगों की जान के लिए भी खतरा बन जाते हैं.

ये भी पढ़ें- खबरां पहाड़ां री: हिमाचल भाजपा जो जल्द मिलणा नवां प्रदेश अध्यक्ष!

रामपुर: शिमला से किन्नौर जाने वाला मार्ग एनएच 05 के किनारे लगाए गए सफेदे के पेड़ अब मुसीबत का कारण बनते जा रहे हैं. यह पेड़ रामपुर के खनेरी से झाकड़ी तक एनएच के किनारे काफी संख्या में लगाए गए हैं जो आज मुसीबत का कारण बन रहे हैं.

रामपुर में बीते दिनों हुई भारी बर्फबारी व बारिश से यह पेड़ जड़ से ही उखड़ गए. जिससे कुछ समय के लिए यातायात व्यवस्था भी बंद हो चुकी थी, लेकिन अभी भी ऐसे कई पेड़ यहां पर मौजूद हैं जो कभी भी गिर सकते हैं. बता दें कि वन विभाग द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाने का कार्य तो किया जाता है, लेकिन एनएच के किनारे मजबूत पेड़ लगाने की आवश्यकता है, ताकि यह पेड़ बड़े होने पर क्षतिग्रस्त न हो और जनमानस को नुकसान न पहुंचा सके.

वीडियो.

वहीं, खनेरी अस्पताल के साथ कई पेड़ क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और कई पेड़ अभी भी टूटने का खतरा बना हुआ है. ऐसे में एनएच पर चलने वाले वाहन भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. वरिष्ठ नागरिक श्याम शर्मा का कहना है कि सड़क के किनारे कच्चे पेड़ न लगाएं. यह पेड़ थोड़ी-सी हवा व बर्फबारी बारिश होने से टूट जाते हैं और लोगों की जान के लिए भी खतरा बन जाते हैं.

ये भी पढ़ें- खबरां पहाड़ां री: हिमाचल भाजपा जो जल्द मिलणा नवां प्रदेश अध्यक्ष!

Intro:रामपुर बुशहर 12 जनवरी


Body:शिमला से किन्नौर जाने वाला मार्ग एनएच 05 के किनारे लगाए गए सपेदे के पेड़ अब मुसीबत का कारण बनते जा रहे हैं । यह पेड़ रामपुर के खनेरी से झाकड़ी तक एनएच के किनारे काफी संखया में लगाए गए हैं । जो आज मुसीबत का कारण बन रहे हैं । रामपुर में बीते दिनों हुई भारी बर्फ बारी व बारिश से यह पेड़ जड़ से ही टुट गए। जिससे कुछ समय के लिए यातायात व्यवस्था भी बंद हो चुकी थी । लेकिन अभी भी ऐसे कई पेड़ यहां पर मौजूद हैं जो कभी भी गिर सकते हैं ।
बता दें कि वन विभाग द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाने का कार्य तो किया जाता है लेकिन एनएच के किनारे मजबूत पेड़ लगाने की आवश्यकता है । ताकि यह पेड़ बड़े होने पर क्षतिग्रस्त न हो और जनमानस को नुकसान न पहुंचा सके ।
लेकिन खनेरी अस्पताल के साथ कई पेड़ क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और कई पेड़ अभी भी टूटने का खतरा बना हुआ है । ऐसे में एनएच पर चलने वाले वाहन भी इसकी चपेट में आ सकते हैं ।

वहीं वरिष्ठ नागरिकों श्याम शर्मा का कहना है कि सड़क के किनारे कच्चे पेड़ को न लगाएं यह पेड़ थोडी-सी हवा व बर्फबारी बारिश होने से टूट जाते हैं । जिससे कई मुसीबत भी खडी हो सकती है ।
सड़क के किनारे पक्की जड़ के पेड़ ही लगाएं ।


Conclusion:
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