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30 सितंबर तक बकाया टैक्स चुकाने की शर्त पर निजी बसों की पासिंग को मंजूरी, परिवहन विभाग ने जारी किए आदेश

परिवहन विभाग के अतिरिक्त आयुक्त घनश्याम चंद की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है कि निजी बस ऑपरेटरों सरकार की ओर से बसों की पासिंग बकाया टैक्स दिए बिना करवाने की अनुमति दे दी है पर बस ऑपरेटरों को लिखित में अंडरटेकिंग देनी होगी कि वह 30 सिंतबर 2021 तक सभी बकाया टैक्स और दस्तावेज आरटीओ के पास जमा करवा देंगे.

Transport Department approved passing of buses to private operators
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Published : Apr 6, 2021, 6:23 PM IST

शिमलाः प्रदेश में टैक्स माफी की मांग उठा रहे निजी बस ऑपरेटरों को सरकार की ओर से बसों की पासिंग बकाया टैक्स दिए बिना करवाने की अनुमति दे दी है. हालांकि सरकार ने टैक्स माफ नहीं किया है, लेकिन इस शर्त पर पासिंग की अनुमति दी गई है, कि बस ऑपरेटरों को लिखित में अंडरटेकिंग देनी होगी कि वह 30 सिंतबर 2021 तक सभी बकाया टैक्स और दस्तावेज आरटीओ के पास जमा करवा देंगे.

सभी आरटीओ को आदेश जारी किए आदेश

इस बारे में परिवहन विभाग के अतिरिक्त आयुक्त घनश्याम चंद की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है और प्रदेश के सभी आरटीओ को आदेश जारी कर दिए गए है. गौरतलब है कि प्रदेश में निजी बसों की पासिंग हर साल करवानी जरूरी है, लेकिन बिना टैक्स चुकाए और बसों से संबंधित जरूरी दस्तावेजों को जमा करवाने बिना बसों की पासिंग करवाने के लिए आरटीओ की ओर से मंजूरी नहीं दी जाती है.

प्रदेश में 1800 से 2,000 बसों की नहीं हुई पासिंग

प्रदेश में करीब 1800 से 2,000 तक ऐसी बसें हैं, जिनकी पासिंग नहीं हुई है. ऐसे में परिवहन विभाग ने सवारियों की सुरक्षा के ध्यान में रखते हुए 30 सितंबर तक बकाया टैक्स व दस्तावेज जमा करवाने की शर्त पर बसों की पासिंग करवाने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है. गौरतलब है कि निजी बस ऑपरेटरों के टैक्स माफ न होने पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी थी.

निजी बस ऑपरेटरों के साथ परिवहन विभाग ने की थी बैठक

इसके बाद परिवहन विभाग ने निजी बस ऑपरेटरों के साथ बैठक बुलाई थी. बैठक परिवहन विभाग के प्रधान सचिव केके पंत की अध्यक्षता में हुई थी. बैठक के दौरान निजी बस ऑपरेटरों ने यह मामला उठाया था कि लॉकडाऊन और कोरोना महामारी के कारण निजी बस ऑपरेटरों की आर्थिक हालत बहुत खराब है. कई बस ऑपरेटरों की बसें तो अभी भी नियमित रूप से नहीं चल पा रही है.

निजी बस ऑपरेटर सरकार को बसों की पासिंग के लिए आरटीओ के पास अपने दस्तावेज जमा करवाना चाहते हैं, लेकिन टैक्स की राशि चुकाए बिना आरटीओ की ओर से उनके दस्तावेज स्वीकार नहीं किए जाते है. ऐसे में उन्होंने मांग उठाई थी कि बिना टैक्स ही उनके दस्तावेजों को स्वीकार किया जाए और गाड़ियों की पासिंग भी करवाई जाएय

कोरोना के कारण 30 जून तक बसों के परमिट रिन्यू करवाने की दी छूट

परिवहन विभाग ने कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए निजी बस ऑपरेटरों को 30 जून तक बसों के परमिट रिन्यू करवाने की छूट भी दी है, परिहवन विभाग ने इस बारे में भी अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार जिन बसों के परमिट की वैलिडिटी फरवरी माह में समाप्त हो चुकी है, उन बसों के परिमट को 30 जून तक रिन्यू किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- NIT हमीरपुर में पद हटाए गए 10 अधिकारी, भर्ती में नियमों की अवहेलना पर कार्रवाई

शिमलाः प्रदेश में टैक्स माफी की मांग उठा रहे निजी बस ऑपरेटरों को सरकार की ओर से बसों की पासिंग बकाया टैक्स दिए बिना करवाने की अनुमति दे दी है. हालांकि सरकार ने टैक्स माफ नहीं किया है, लेकिन इस शर्त पर पासिंग की अनुमति दी गई है, कि बस ऑपरेटरों को लिखित में अंडरटेकिंग देनी होगी कि वह 30 सिंतबर 2021 तक सभी बकाया टैक्स और दस्तावेज आरटीओ के पास जमा करवा देंगे.

सभी आरटीओ को आदेश जारी किए आदेश

इस बारे में परिवहन विभाग के अतिरिक्त आयुक्त घनश्याम चंद की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है और प्रदेश के सभी आरटीओ को आदेश जारी कर दिए गए है. गौरतलब है कि प्रदेश में निजी बसों की पासिंग हर साल करवानी जरूरी है, लेकिन बिना टैक्स चुकाए और बसों से संबंधित जरूरी दस्तावेजों को जमा करवाने बिना बसों की पासिंग करवाने के लिए आरटीओ की ओर से मंजूरी नहीं दी जाती है.

प्रदेश में 1800 से 2,000 बसों की नहीं हुई पासिंग

प्रदेश में करीब 1800 से 2,000 तक ऐसी बसें हैं, जिनकी पासिंग नहीं हुई है. ऐसे में परिवहन विभाग ने सवारियों की सुरक्षा के ध्यान में रखते हुए 30 सितंबर तक बकाया टैक्स व दस्तावेज जमा करवाने की शर्त पर बसों की पासिंग करवाने के लिए अनुमति प्रदान कर दी है. गौरतलब है कि निजी बस ऑपरेटरों के टैक्स माफ न होने पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी थी.

निजी बस ऑपरेटरों के साथ परिवहन विभाग ने की थी बैठक

इसके बाद परिवहन विभाग ने निजी बस ऑपरेटरों के साथ बैठक बुलाई थी. बैठक परिवहन विभाग के प्रधान सचिव केके पंत की अध्यक्षता में हुई थी. बैठक के दौरान निजी बस ऑपरेटरों ने यह मामला उठाया था कि लॉकडाऊन और कोरोना महामारी के कारण निजी बस ऑपरेटरों की आर्थिक हालत बहुत खराब है. कई बस ऑपरेटरों की बसें तो अभी भी नियमित रूप से नहीं चल पा रही है.

निजी बस ऑपरेटर सरकार को बसों की पासिंग के लिए आरटीओ के पास अपने दस्तावेज जमा करवाना चाहते हैं, लेकिन टैक्स की राशि चुकाए बिना आरटीओ की ओर से उनके दस्तावेज स्वीकार नहीं किए जाते है. ऐसे में उन्होंने मांग उठाई थी कि बिना टैक्स ही उनके दस्तावेजों को स्वीकार किया जाए और गाड़ियों की पासिंग भी करवाई जाएय

कोरोना के कारण 30 जून तक बसों के परमिट रिन्यू करवाने की दी छूट

परिवहन विभाग ने कोविड महामारी को ध्यान में रखते हुए निजी बस ऑपरेटरों को 30 जून तक बसों के परमिट रिन्यू करवाने की छूट भी दी है, परिहवन विभाग ने इस बारे में भी अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के अनुसार जिन बसों के परमिट की वैलिडिटी फरवरी माह में समाप्त हो चुकी है, उन बसों के परिमट को 30 जून तक रिन्यू किया जा सकता है.

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