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शिमलाः बसंतपुर और मशोबरा ब्लॉक के किसानों को दिया खुंभ उत्पादन का प्रशिक्षण, योजनाओं की दी जानकारी

दत्तनगर स्थित उद्यान विभाग के खुंभ खाद उत्पादन इकाई एवं प्रशिक्षण केंद्र में मशोबरा व बसंतपुर के किसानों ने पांच दिवसीय प्रशिक्षण में हिस्सा लिया.यहां किसानों को बताया गया कि मशरूम उत्पादन इकाई स्थापित कर बेरोजगार व भूमिहीन लोग भी कुछ माह के भीतर ही अपनी आमदनी को दोगुना कर सकते हैं.

Training of mushroom production
फोटो.
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Published : Mar 9, 2021, 6:50 PM IST

रामपुरः उद्यान विभाग के खुंभ खाद उत्पादन इकाई एवं प्रशिक्षण केंद्र दत्तनगर में मशोबरा व बसंतपुर के किसानों ने पांच दिवसीय खुंभ प्रशिक्षण शिविर में में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री खुंभ विकास योजना के तहत इस निशुल्क प्रशिक्षण के दौरान खुंभ खाद बनाने से लेकर मशरूम उत्पादन संबंधी विभिन्न तकनीकी जानकारियां दी गई.

घर बैठे खुंभ उत्पादन से मिलेगा रोजगार

किसानों को बताया गया कि मशरूम उत्पादन इकाई स्थापित कर बेरोजगार व भूमिहीन लोग भी कुछ माह के भीतर ही अपनी आमदनी को दोगुना कर सकते हैं. खास कर महिलाओं को रोजगार के लिए घर से बाहर निकलने की आवश्यकता नहीं. घर बैठ कर ही खुंभ उत्पादन से रोजगार चला सकती है.

वीडियो.

खुंभ उत्पादन के लिए अधिक धन की आवश्यकता नहीं

विशेषज्ञों ने बताया कि खुंभ उत्पादन के लिए अधिक धन की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है और ना ही अधिक श्रम शक्ति की. हिमाचल प्रदेश के उन गरीब बेरोजगारों को जिनके पास भूमि की उपलब्धता कम है स्वरोजगार व आय सृजन का उपयुक्त माध्यम है.

उद्यान विभाग के उपनिदेशक ने दी जानकारी

इस दौरान उद्यान विभाग के उपनिदेशक देश राज शर्मा ने बताया कि अपने गांव को समृद्ध, सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोग खूब-खूब उत्पादन की ओर कदम बढ़ाएं. पोषक तत्व एवं औषधीय गुणों से युक्त होने के कारण मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भी उपयुक्त है. इस लिए आज बाजार में इसकी मांग भी अच्छी है.

मशरूम उत्पादन कर ग्रामीण लोगों की आय को दोगुना करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गरीब किसान भी इसमें प्रशिक्षण ले सकते हैं और प्रशिक्षण का सारा खर्चा सरकार की ओर से वहन किया जा रहा है.

उद्यान विकास अधिकारी ने दी जानकारी

बसंतपुर के उद्यान विकास अधिकारी प्रदीप हिमराल ने बताया कि प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री खुंभ विकास योजना के अंतर्गत यह प्रशिक्षण दिया गया. इसका मकसद कृषक बागवानों की आजीविका बढ़ाना व स्वरोजगार के लिए नया विकल्प देना था.

बसंतपुर के किसान ने बताया प्रशिक्षण का लाभ

बसंतपुर के किसान प्रदीप कुमार ने बताया कि पांच दिवसीय प्रशिक्षण में मशरूम की खेती कैसे की जाती है. उसके बारे में विस्तार से ज्ञान प्राप्त किया और सरकार की ओर से कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है उनका भी ज्ञान दिया गया. इस तरह के प्रशिक्षण साधनहीन व बेरोजगारों के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं.
ये भी पढ़ें: बेहतरीन सेवाओं के लिए हेड कांस्टेबल सुनीता सम्मानित, एक दिन के लिए चंबा थाने की SHO बनीं

रामपुरः उद्यान विभाग के खुंभ खाद उत्पादन इकाई एवं प्रशिक्षण केंद्र दत्तनगर में मशोबरा व बसंतपुर के किसानों ने पांच दिवसीय खुंभ प्रशिक्षण शिविर में में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री खुंभ विकास योजना के तहत इस निशुल्क प्रशिक्षण के दौरान खुंभ खाद बनाने से लेकर मशरूम उत्पादन संबंधी विभिन्न तकनीकी जानकारियां दी गई.

घर बैठे खुंभ उत्पादन से मिलेगा रोजगार

किसानों को बताया गया कि मशरूम उत्पादन इकाई स्थापित कर बेरोजगार व भूमिहीन लोग भी कुछ माह के भीतर ही अपनी आमदनी को दोगुना कर सकते हैं. खास कर महिलाओं को रोजगार के लिए घर से बाहर निकलने की आवश्यकता नहीं. घर बैठ कर ही खुंभ उत्पादन से रोजगार चला सकती है.

वीडियो.

खुंभ उत्पादन के लिए अधिक धन की आवश्यकता नहीं

विशेषज्ञों ने बताया कि खुंभ उत्पादन के लिए अधिक धन की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है और ना ही अधिक श्रम शक्ति की. हिमाचल प्रदेश के उन गरीब बेरोजगारों को जिनके पास भूमि की उपलब्धता कम है स्वरोजगार व आय सृजन का उपयुक्त माध्यम है.

उद्यान विभाग के उपनिदेशक ने दी जानकारी

इस दौरान उद्यान विभाग के उपनिदेशक देश राज शर्मा ने बताया कि अपने गांव को समृद्ध, सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोग खूब-खूब उत्पादन की ओर कदम बढ़ाएं. पोषक तत्व एवं औषधीय गुणों से युक्त होने के कारण मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भी उपयुक्त है. इस लिए आज बाजार में इसकी मांग भी अच्छी है.

मशरूम उत्पादन कर ग्रामीण लोगों की आय को दोगुना करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गरीब किसान भी इसमें प्रशिक्षण ले सकते हैं और प्रशिक्षण का सारा खर्चा सरकार की ओर से वहन किया जा रहा है.

उद्यान विकास अधिकारी ने दी जानकारी

बसंतपुर के उद्यान विकास अधिकारी प्रदीप हिमराल ने बताया कि प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री खुंभ विकास योजना के अंतर्गत यह प्रशिक्षण दिया गया. इसका मकसद कृषक बागवानों की आजीविका बढ़ाना व स्वरोजगार के लिए नया विकल्प देना था.

बसंतपुर के किसान ने बताया प्रशिक्षण का लाभ

बसंतपुर के किसान प्रदीप कुमार ने बताया कि पांच दिवसीय प्रशिक्षण में मशरूम की खेती कैसे की जाती है. उसके बारे में विस्तार से ज्ञान प्राप्त किया और सरकार की ओर से कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है उनका भी ज्ञान दिया गया. इस तरह के प्रशिक्षण साधनहीन व बेरोजगारों के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं.
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