ETV Bharat / state

वित्तीय अनियमितताओं पर घिरा IIAS, संस्थान के बड़े अधिकारी पर गंभीर आरोप - इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी में लोकल पर्चेज कमेटी के तहत की गई खरीद-फरोख्त सवालों के घेरे में आ गई है. आरोप है कि लोकल परचेज कमेटी के तहत लाखों रुपये का घोटाला संस्थान में हुआ है जिस पर अब जांच भी शिक्षा मंत्रालय की ओर से शुरू की जा रही है.

indian institute of advance study
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी.
author img

By

Published : Oct 24, 2020, 10:49 PM IST

शिमला: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी प्रबंधन वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले में घिर गया है. संस्थान में लोकल पर्चेज कमेटी के तहत की गई खरीद-फरोख्त सवालों के घेरे में आ गई है.

आरोप है कि लोकल परचेज कमेटी के तहत लाखों रुपये का घोटाला संस्थान में हुआ है जिस पर अब जांच भी शिक्षा मंत्रालय की ओर से शुरू की जा रही है. 1 सदस्यीय जांच कमेटी इस पूरे मामले पर बनाई गई है जो सोमवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी में पहुंच कर इस पूरे मामले की जांच करेगी. मामले में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जो आरोप लगाए गए हैं ओर जो अन्य आरोप है उससे जुड़े रिकॉर्ड ओर पहलुओं पर जांच कमेटी शुरू करेगी.

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी.

लोकल परचेज कमेटी के तहत जो खरीद की गई है और जो कार्य संस्थान में हुए हैं उसमें संस्थान में टॉप पर बैठे अधिकारी पर पैसों के लेने देन को लेकर आरोप लगाए गए हैं. वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जो आरोप है उसमें स्टाफ को आवंटित किए जाने वाले मानदेय में साथ ही खरीद संबंधी अनियमितताओं ओर अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए फंड्स अपने निजी खाते में डायवर्ट करने के साथ ही सरकार के खाते से पैसे निकाल कर अपने खाते में डालने के अलावा संस्थान में काम करने के लिए सीपीडब्ल्यूडी को 33 फीसदी के बजाए 100 फीसदी एडवांस दे कर सरकार के रेवेन्यू को 5.67 लाख का नुकसान देने के आरोप लगाए गए हैं.

संस्थान के आला अधिकारी पर सरकारी मशीनरी का अपने परिवार के लिए इस्तेमाल करने के साथ ही अपने निजी कार्यक्रमों में संस्थान के स्टाफ ओर रिसोर्स का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है. इन आयोजनों के लिए 1 लाख 46 हजार 514 रुपए की खरीद संस्थान के नाम पर की गई है. 1 लाख 73 हजार के करीब की सामान अपने आवास और निजी इस्तेमाल के लिए खरीदने के आरोप भी उक्त अधिकारी पर लगाये गए हैं. इसके अलावा संस्थान के प्रशासनिक कार्यों से जुड़ी बैठकों में उपस्थिति दर्ज ना करवाने और बिना किसी ठोस वजह के बैठकें स्थिगित करवाने के आरोप भी इसमें शामिल है.

64 पॉइंट्स पर आधारित एक पूरी रिपोर्ट वित्तीय अनियमितताओं और संस्थान में अन्य अधिकारियों के साथ सही व्यवहार ना होने, आवश्यक प्रशासनिक कार्यों को लेकर कोताही बरतने के साथ ही अन्य कई तरह की अनियमितताओं पर बनाई गई है. इसी रिपोर्ट को शिक्षा मंत्रालय (केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय) को भेजा गया था जिस पर अब जांच मंत्रालय की ओर से करवाई जा रही है. जांच कमेटी के सदस्य केके अग्रवाल इस पूरे मामले की जांच करेंगे जिसके बाद स्पष्ट होगा कि आला अधिकारी पर लगाए गए हैं इन आरोपों में सत्यता है या नहीं.

ये भी पढ़ें: अक्टूबर में हुई सीजन की पहली बर्फबारी, HRTC ने बंद की केलांग से किलाड़ बस सेवा

शिमला: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी प्रबंधन वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले में घिर गया है. संस्थान में लोकल पर्चेज कमेटी के तहत की गई खरीद-फरोख्त सवालों के घेरे में आ गई है.

आरोप है कि लोकल परचेज कमेटी के तहत लाखों रुपये का घोटाला संस्थान में हुआ है जिस पर अब जांच भी शिक्षा मंत्रालय की ओर से शुरू की जा रही है. 1 सदस्यीय जांच कमेटी इस पूरे मामले पर बनाई गई है जो सोमवार को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी में पहुंच कर इस पूरे मामले की जांच करेगी. मामले में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जो आरोप लगाए गए हैं ओर जो अन्य आरोप है उससे जुड़े रिकॉर्ड ओर पहलुओं पर जांच कमेटी शुरू करेगी.

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी.

लोकल परचेज कमेटी के तहत जो खरीद की गई है और जो कार्य संस्थान में हुए हैं उसमें संस्थान में टॉप पर बैठे अधिकारी पर पैसों के लेने देन को लेकर आरोप लगाए गए हैं. वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जो आरोप है उसमें स्टाफ को आवंटित किए जाने वाले मानदेय में साथ ही खरीद संबंधी अनियमितताओं ओर अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए फंड्स अपने निजी खाते में डायवर्ट करने के साथ ही सरकार के खाते से पैसे निकाल कर अपने खाते में डालने के अलावा संस्थान में काम करने के लिए सीपीडब्ल्यूडी को 33 फीसदी के बजाए 100 फीसदी एडवांस दे कर सरकार के रेवेन्यू को 5.67 लाख का नुकसान देने के आरोप लगाए गए हैं.

संस्थान के आला अधिकारी पर सरकारी मशीनरी का अपने परिवार के लिए इस्तेमाल करने के साथ ही अपने निजी कार्यक्रमों में संस्थान के स्टाफ ओर रिसोर्स का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है. इन आयोजनों के लिए 1 लाख 46 हजार 514 रुपए की खरीद संस्थान के नाम पर की गई है. 1 लाख 73 हजार के करीब की सामान अपने आवास और निजी इस्तेमाल के लिए खरीदने के आरोप भी उक्त अधिकारी पर लगाये गए हैं. इसके अलावा संस्थान के प्रशासनिक कार्यों से जुड़ी बैठकों में उपस्थिति दर्ज ना करवाने और बिना किसी ठोस वजह के बैठकें स्थिगित करवाने के आरोप भी इसमें शामिल है.

64 पॉइंट्स पर आधारित एक पूरी रिपोर्ट वित्तीय अनियमितताओं और संस्थान में अन्य अधिकारियों के साथ सही व्यवहार ना होने, आवश्यक प्रशासनिक कार्यों को लेकर कोताही बरतने के साथ ही अन्य कई तरह की अनियमितताओं पर बनाई गई है. इसी रिपोर्ट को शिक्षा मंत्रालय (केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय) को भेजा गया था जिस पर अब जांच मंत्रालय की ओर से करवाई जा रही है. जांच कमेटी के सदस्य केके अग्रवाल इस पूरे मामले की जांच करेंगे जिसके बाद स्पष्ट होगा कि आला अधिकारी पर लगाए गए हैं इन आरोपों में सत्यता है या नहीं.

ये भी पढ़ें: अक्टूबर में हुई सीजन की पहली बर्फबारी, HRTC ने बंद की केलांग से किलाड़ बस सेवा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.